सीबीआई में अधिकारियों और कर्मचारियों के पद वर्षों से रिक्त, मैनपावर की कमी से 1,000 से अधिक मामले लंबित

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मैनपावर की कमी से जूझ रहा है। जांच एजेंसी में इस समय 23% अधिकारियों और कर्मचारियों का पद खाली है। इस बात की जानकारी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अपनी 2022-23 की वार्षिक रिपोर्ट में दी है। रिपोर्ट में कहा गया है सीबीआई में विशेष निदेशक, संयुक्त निदेशक और डीआईजी के पद भी खाली हैं। रिक्त पदों के कारण सीबीआई के कामकाज में असर पड़ रहा है, जिस कारण 1,025 मामलों को सुलझाया नहीं जा सका है। 943 पंजीकृत मामले और 82 प्रारंभिक जांच लंबित हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि “31 दिसंबर, 2022 तक सीबीआई की कुल स्वीकृत ताकत 7,295 थी। जिसमें 5,600 अधिकारी पद पर थे और 1,695 पद खाली थे।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 दिसंबर, 2020 तक सीबीआई की कुल स्वीकृत संख्या 7,273 थी और उनमें से 1,374 पद खाली थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2021 में 1,533 पद खाली थे।

रिपोर्ट के अनुसार, रिक्तियां एक विशेष/अतिरिक्त निदेशक, दो संयुक्त निदेशक, 11 डीआईजी, 9 एसएसपी, एक अतिरिक्त एसपी, 65 डिप्टी एसपी, 360 इंस्पेक्टर, 204 सब-इंस्पेक्टर, 51 सहायक सब-इंस्पेक्टर, 123 हेड कांस्टेबल, 281 कांस्टेबल और 367 तकनीकी अधिकारी के पद पर हैं।

सीबीआई की क्षमता सीधे भर्ती किए गए कर्मियों और प्रतिनियुक्ति पर राज्य पुलिस कर्मियों से बनी है, जबकि सभी उच्च पदों पर पूरी तरह से प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारियों का कब्जा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “ साल 2022 में कुल 308 अधिकारियों को अलग-अलग रैंकों में सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर शामिल किया गया था साथ ही संयुक्त निदेशक से कांस्टेबल तक अलग-अलग रैंकों में 133 अधिकारियों का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल बढ़ाया गया था।”

डीओपीटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि “943 पंजीकृत मामलों में से 447 की जांच एक साल से अधिक समय से लंबित थी। इसी तरह 82 लंबित जांचों में से 60 जांचें तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं। साथ ही 23 लोकपाल संदर्भ भी लंबित थे।

“2022 में अदालतों ने सीबीआई के 557 अदालती मामलों में फैसले सुनाए। इनमें से 364 मामलों में दोष सिद्धि हुई, 111 मामलों में दोषमुक्ति हुई, 13 मामलों में आरोपमुक्त कर दिया गया और 69 मामलों का दूसरे कारणों से निपटारा कर दिया गया। सजा की दर 74.59% थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 10,732 अदालती मामले अलग-अलग अदालतों में विचाराधीन थे।

सीबीआई ने अपने कर्मियों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि “बेहतर कार्यालय-सह-आवासीय वातावरण प्रदान करने के लिए, अलग-अलग सीबीआई शाखाओं में कार्यालय/आवासीय इमारतों/क्वार्टरों के निर्माण से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाएं ‘सीबीआई के लिए व्यापक आधुनिकीकरण और भूमि की खरीद और कार्यालय/निवास इमारतों के निर्माण’ योजना के हिस्से के रूप में चल रही हैं। जिसके तहत 2022-23 के संशोधित अनुमान में 39.06 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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