फेसबुक पर ब्राह्मणवाद विरोधी पोस्ट डालने पर गुजरात में पेशे से एडवोकेट बामसेफ कार्यकर्ता की हत्या

25 सितंबर शुक्रवार को गुजरात के कच्छ जिले के रापर तहसील में बामसेफ के कार्यकर्ता वकील देवजी महेश्वरी की हत्या कर दी गई। अपने फेसबुक पोस्ट पर बामसेफ अध्यक्ष वामन मेशराम की एक वीडियो पोस्ट डालने पर बामसेफ के कार्यकर्ता, वकील देवजी महेश्वरी की दिन दहाड़े मार डाला गया। मरहूम देवजी महेश्वरी बामसेफ के वरिष्ठ कार्यकर्ता और वकील थे। और इंडियन लीगल प्रोफेशनल एसोसिएशन से जुड़े थे। 

युवा नेता और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने इस संदर्भ में धरने पर बैठी देवजी महेश्वरी की बीवी मीनाक्षी बेन महेश्वरी का वीडियो पोस्ट किया है। बता दें कि कच्छ जिले में हत्यारों को पकड़ने के लिए दलित समुदाय के लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। 

हत्यारा भरत रावल मुंबई के मलाड से गिरफ़्तार

गुजरात पुलिस ने हत्या के 24 घंटे के भीतर शनिवार को पश्चिम मुंबई मलाड के एक स्टेशनरी दुकान के कर्मचारी भरत रावल को गिरफ्तार किया है। 

मुंबई पुलिस का कहना है कि आरोपी भरत रावल का ब्राह्मणवाद पर देवजी महेश्वरी के दृष्टिकोण के चलते विवाद चला आ रहा था। देवजी महेश्वरी ने अपने फेसबुक पोस्ट पर ब्राह्मणवाद पर एक आलोचनात्मक पोस्ट साझा की थी। रावल उस पोस्ट से असहमत था और उसने महेश्वरी को कई मौकों पर चेतावनी भी दी थी और सार्वजनिक रूप से इस तरह की चीजें न लिखने की नसीहत दी थी।  

पुलिस के मुताबिक देवजी महेश्वरी और भरत रावल के बीच पिछले कई महीने से टकराव चल रहा था। जिसके चलते भरत रावल जो कि ब्राह्मण है और देवजी महेश्वरी के गांव का ही है उसने देवजी महेश्वरी को इस तरह के पोस्ट लिखकर नया बखेड़ा न खड़े करने की धमकी दी थी। लेकिन महेश्वरी ने उससे कहा था कि वो अपने दृष्टिकोण पर अडिग है और पीछे नहीं हटेगा उसे जो करना है कर ले। 

पुलिस के मुताबिक “मृतक देवजी महेश्वरी की पिछली फेसबुक पोस्ट वामन मेश्राम का एक वीडियो था। वीडियो में वामन मेश्राम कह रहे थे कि पिछड़ी जातियों, दलित और आदिवासी समुदाय के लोग हिंदू नहीं हैं।  

मुंबई पुलिस का कहना है कि भरत रावल बुधवार को मलाड से रापर देवजी महेश्वरी की हत्या के इरादे से ही आया था। उस क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि शुक्रवार की साम 6 बजे देवजी महेश्वरी अपनी ऑफिस वाली इमारत में घुस रहे हैं। जबकि उनके पीछे-पीछे एक लाल रंग की टीशर्ट पहना व्यक्ति भी उस इमारत में घुसता है और थोड़ी देर बाद ही वो आदमी इमारत से बाहर निकलकर भागते देखा जाता है। 

सीसीटीवी फुटेज में मरहूम देवजी महेश्वरी के पीछे लाल रंग की टीशर्ट में घुसने वाले व्यक्ति की पहचान भरत रावल के रूप में हुई है। हालांकि सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति देखा गया है। भरत रावल के खिलाफ रापर पुलिस स्टेशन में एससी/एसटी एक्ट के तहत हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज़ किया गया है। गुजरात पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज़ गया है। भरत रावल के अलावा, जयकुश लुहार, खिमजी लुहार, धवल लुहार, देवुभा सोढ़ा, विजय सिंह सोढ़ा, मयूर सिंह सोढ़ा, प्रवीण सिंह सोढ़ा और अर्जन सिंह सोढ़ा के नाम एफआईआर में दर्ज़ हैं। 

भरत रावल समेत पांच लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। 4 अभियुक्त फरार हैं। बाकी के चार अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर रापर में दलित समुदाय के लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।   

इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (बॉर्डर रेंज) जे आर मोथालिया का कहना है कि , “दलित समुदाय से ताल्लुक़ रखने वाले पीड़ित परिवार का कहना है कि जब तक सभी अभियुक्त नहीं गिरफ़्तार किए जाते हम शव नहीं लेंगे। न ही शव का अंतिम संस्कार करेंगे।”

एफआईआर में केस का मैटर

मरहूम देवजी महेश्वरी की बीवी मीनाक्षी बेन महेश्वरी द्वारा लिखाए गए एफआईआर के मुताबिक- “शुक्रवार को सुबह करीब 7:30 पर देवजी महेश्वरी रापर स्थित अपने घर से अपने निजी साधन के जरिये भुज के लिए निकले थे किसी लीगल मैटर के सिलसिले में। जिसका संबंध लुहार कम्युनिटी हाल की प्रॉपर्टी के केस को लेकर था। और दोपहर में करीब 3:30 बजे वो वापस घर लौटे थे। और उसके बाद वो दोबारा ऑफिस के लिए निकल गए थे।”

मीनाक्षी बेन ने अपने एफआईआर में लिखा है कि “कम्युनिटी हाल के केस को लेने के लिए कोई भी वकील तैयार नहीं था, इसलिए मेरे पति ने ले लिया। उन्होंने केस से संबंधित फाइल को अपने पास रख लिया और कई बार पुलिस स्टेशन में विवाद के मामले में एफआईआर दर्ज़ करवाने की कोशिश की। चूंकि मेरे पति ने केस की फाइल ले ली थी तो केस से जुड़ी विरोधी पक्ष के लोग मेरे पति को जान से मारने की धमकी देते रहते थे। और हमें पूरा शक है कि उन्हीं लोगों ने भरत जयंतीलाल रावल को मेरे पति की हत्या करने के लिए हायर किया था।”

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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