हिंडनबर्ग के खिलाफ़ कमर कस रहा अडानी ग्रुप, हायर की टॉप लॉ फर्म

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई अब समूह कोर्ट की लड़ाई के ज़रिए करने का मन बना रहा है। इसी के मद्देनज़र अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के खिलाफ़ मजबूत कानूनी मोर्चा खोलने की ओर पहला कदम उठा लिया है।

फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रुप ने अपने कानूनी बचाव के लिए अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल को हायर किया है। दरअसल वॉचटेल का नाम उन बड़ी फर्म्स में से है जो विवादित मामलों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग के खिलाफ़ कानूनी जंग लड़ने के लिए ग्रुप ने न्यूयॉर्क की लीगल फर्म वॉचटेल, लिप्टन, रोसेन एंड काट्ज़’ से संपर्क किया है। इस फर्म का शुमार वॉल स्ट्रीट की उन फर्म्स में होता है जिनकी कॉरपोरेट मिस- मैनेजमेंट के मामलों की पैरवी के लिए खासी मांग है।

कहा जा रहा है कि वॉचटेल अडानी ग्रुप के लीगल और रेगुलेटरी पक्ष के साथ-साथ पब्लिक रिलेशन्स को एक साथ जोड़ने का काम करेगी। रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद से ही अडानी ग्रुप को खासा नुकसान का सामना करना पड़ा है, ना सिर्फ उसके शेयरों ने गोते खाए हैं बल्कि उसकी ग्लोबल साख भी गिरी है। 100 पेजों की इस खोजी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड और शेयरों की कीमतों में मैनिपुलेशन के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप लगाए गए हैं।

हालांकि गौतम अडानी इन सारे आरोपों को खारिज ही करते रहे हैं। वैसे वॉचटेल का इतिहास भी कम दिलचस्प नहीं है। फर्म की ऑफिशियल वेबसाइट कहती है कि 1965 में बनाई गई इस फर्म को न्यूयॉर्क के कुछ वकीलों ने मिलकर खड़ा किया था।

इसीलिए इन सभी के नाम पर ही इस फर्म का नाम रखा गया है। अमेरिकी नेशनल लॉ जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक वॉचटेल, लिप्टन, रोसेन एंड काट्ज़ के पास पिछले साल तक 288 वकीलों की टीम थी। एक खास बात ये भी है कि इसे दुनिया में 55वीं सबसे ज्यादा इनकम करने वाली लॉ फर्म के तौर पर भी जाना जाता है।

शुक्रवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने अडानी समूह की 8 कंपनियों की रेटिंग भी जारी की, जिसमें ग्रुप की 4 कंपनियों को स्थिर से नेगेटिव में बदल दिया गया। नेगेटिव रेटिंग वाली कंपनियों में अडानी ग्रीन एनर्जी रेस्ट्रिक्टेड ग्रुप (एजीईएल आरजी-1), अडानी ग्रीन एनर्जी (यूपी) लिमिटेड, परमपूज्य सोलर एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन स्टेप-वन लिमिटेड (ATSOL) और अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (एईएमएल) शामिल हैं।

अपने फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मूडीज ने कहा कि “हिंडनबर्ग रिपोर्ट में धोखाधड़ी और हेरफेर के आरोपों के बाद ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट आई है, इसी को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।”

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