न्यूज 18 के एंकर अमन चोपड़ा के शो पर 25 हजार रुपये का जुर्माना

टीवी चैनलों के कुछ पत्रकार, जैसे अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, सुधीर चौधरी आदि जिस तरह की सांप्रदायिक तनाव फैलाने और घृणावादी पत्रकारिता करते हैं, उसे देखते हुए, उनका नाम पुलिस थाने के गुंडा रजिस्टर के सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले लोगों की सूची में दर्ज होना चाहिए, और राज्य तथा भारत सरकार के इंटेलिजेंस विभागों को उनके एंकरिंग की रिकॉर्डिंग, रिकॉर्ड के तौर पर रखनी चाहिए।

पिछले कुछ वर्षों से इन टीवी ऐंकरों का एक ही उद्देश्य रहा है कि वे समाज में भेदभाव फैलाएं, दंगाई मानसिकता का पोषण करें और देश को उसी मानसिक अनुकूलन की अवस्था में ले जाएं, जो सन 1937 से 1947 तक थी। इनका यह पोशीदा एजेंडा है जो अब बयां हो रहा है।

पर इनके लाख चीखने-चिल्लाने और इसी मानसिकता पर पैनलिस्ट चुनने, बहस कराने के बावजूद, ऐसा हो नहीं पाया। कुछ सांप्रदायिक तत्वों के गिरोहों के अलावा लोग अब समझदार हो चले हैं, और इनकी चाल से सजग भी हैं। खुशी की बात है, मुकेश अंबानी के चैनल न्यूज 18 द्वारा, लगातार दंगाई मानसिकता से भरी रिपोर्टिंग करने के बाद भी, समाज में अब भी सद्भाव काफी हद तक बना हुआ है।

मुझे नहीं पता, मुकेश अंबानी को यह तथ्य पता भी है या नहीं, कि उनका चैनल खबरों को प्रसारित करने की आड़ में अवैज्ञानिकता, दंगा, और सामाजिक बिखराव से भरे प्रोग्राम लगातार दिखाता रहता है। न्यूज 18 का यह एजेंडा, क्या उनका खुद का है कि, आपसी सद्भाव खत्म कर देश में एक तनाव भरा वातावरण बनाए रखा जाय, या यह सब किसी के इशारे पर किया जा रहा है, यह तो वही बता पाएंगे।

पर जो कुछ भी हो रहा है वह संविधान की मंशा के विपरीत और देश के लिए घातक है। इसी तरह के एक कार्यक्रम पर, संज्ञान लेते हुए, न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने बीते 27 फरवरी को गुजरात में मुस्लिम पुरुषों की सरेआम पिटाई की घटना पर ‘देश नहीं झुकने देंगे’ नाम से प्रसारित एक शो में सांप्रदायिक रंग जोड़ने के लिए न्यूज चैनल, न्यूज 18 इंडिया पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

न्यूज 18 इंडिया के खिलाफ यह मुकदमा इंद्रजीत घोरपड़े नाम के एक शख्स ने दायर किया है। इस मामले की सुनवाई करते हुए एनबीडीएसए के अध्यक्ष, जस्टिस ए. के. सीकरी ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, “जांच के घेरे में शो के बीच-बीच में एंकर अमन चोपड़ा के बयान भी आए, जिसमें कुछ बदमाशों की हरकतों के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया, बदनाम किया गया और उनकी आलोचना की गई।”

अमन चोपड़ा की यह हरकत नई नहीं है। यह बिना दंगाई सोच के एक प्रोग्राम तक नहीं कर सकता है। कुछ महीने पहले, पुलिस, इसी तरह के एक बयानबाजी के कारण, इसके पीछे पड़ी थी। तब यह घर से फरार था और अदालत से राहत मिलने के बाद ही सामने आया।

इससे पहले भी अमन चोपड़ा के एक शो के खिलाफ 6 अक्टूबर, 2022 को इंद्रजीत घोरपड़े ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि 4 अक्टूबर, 2022 को प्रसारित एक शो में, चैनल ने ‘पुलिस की डांडिया’ कहकर पुलिस हिंसा का जश्न मनाया।

उनके अनुसार, चैनल, न्यूज 18 न केवल हिंसा की निंदा करने में विफल रहा, बल्कि इसे महिमामंडित करने वाले दृश्यों को बार-बार प्रसारित करता रहा, और गलत तरीके से हिंसा के विषयों को गुजरात में गरबा कार्यक्रम में पथराव का दोषी भी घोषित कर दिया।

इंद्रजीत ने आरोप लगाया था कि, “पथराव को ‘जिहाद’ से जोड़कर और युवा मुस्लिम पुरुषों के बारे में सामान्यीकृत नकारात्मक बयान देकर, उन पर अपराधों में शामिल होने या गरबा कार्यक्रमों में संदिग्ध व्यवहार का आरोप लगाकर, चैनल ने मुस्लिम समुदाय की छवि को धूमिल किया है।”

इस आरोप के जवाब में न्यूज 18 ने सफाई देते हुए कहा कि “शो एनबीडीएसए के दिशानिर्देशों और लागू कानूनों के अनुरूप था। चैनल ने तर्क दिया कि यह शो गुजरात के खेड़ा जिले में गरबा के अवसर पर हुए पथराव और उसके बाद की पुलिस कार्रवाई की व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई घटना पर आधारित था और इस बात से इनकार किया कि पुलिस हिंसा का जश्न मनाने के लिए ‘डांडिया’ वाक्यांश का इस्तेमाल किया गया था।”

इसके अलावा चैनल ने इस बात से भी इनकार किया कि “शो ने इस मुद्दे को एक सांप्रदायिक रंग दिया था। चैनल ने कहा कि उसने केवल इस मुद्दे की रिपोर्ट की थी और पुलिस की हिंसा सहित शो के पैनलिस्टों से राय मांगी थी।”

एनबीडीएसए ने पूरी सुनवाई और पड़ताल के बाद पाया कि इसी शो के संबंध में सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा इसी तरह की शिकायत दर्ज की गई थी। चूंकि मुद्दा एक ही था, इसलिए उसने एक सामान्य आदेश पारित किया।

“यह नोट किया गया कि विचाराधीन प्रसारण गुजरात के खेड़ा जिले के एक वायरल वीडियो से निकला है। जिसमें एक गरबा कार्यक्रम में कथित रूप से पथराव करने के लिए कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाते हुए दिखाया गया है।”

शो में एंकर के बयानों को ध्यान में रखते हुए, एनबीडीएसए ने माना कि “कुछ बदमाशों के कार्यों के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय की निंदा करके यह एंकर ही था जिसने इस घटना को सांप्रदायिक रंग दिया।”

पूरे मामले में एनबीडीएसए ने एंकर को ही दोषी पाया। इसके अलावा एनबीडीएसए ने यह भी पाया कि, “प्रसारण के दौरान प्रसारित की गई टिप्पणियों ने आलंकारिक प्रश्न उठाए और ब्रॉडकास्टर द्वारा बनाए गए कथन को पुष्ट किया कि मुस्लिम पुरुष केवल गुप्त उद्देश्यों के लिए गरबा कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।”

यह भी माना गया कि पुलिस द्वारा कथित बदमाशों की पिटाई के वीडियो को लूप पर रखने से यह आभास होता है कि पुलिस की कार्रवाई उचित थी।

जिसके बाद उल्लंघन की ‘दोहराव प्रकृति’ को ध्यान में रखते हुए एनबीडीएसए ने न्यूज 18 को चेतावनी जारी करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा एनबीडीएसए ने ब्रॉडकास्टर को प्रसारण के वीडियो को अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अपने यू ट्यूब चैनल से हटाने का भी निर्देश दिया।

एनबीडीएसए के इस फैसले का स्वागत है। इन दंगाई मानसिकता के कार्यक्रमों से दूरी बनाइए और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।

(विजय शंकर सिंह रिटायर्ड आईपीएस हैं।)

विजय शंकर सिंह
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