गुजरात मॉडल का एक और दलित शिकार हुआ

हिंदुत्व की प्रयोगशाला गुजरात में शायद ही कोई दिन गुजरता हो, जब कोई दलित तथाकथित अगड़ी जाति की हिंसा और अत्याचार का शिकार न बनता हो। इसमें से कुछ एक खबरें कभी-कभी कभार अखबारों की किसी पन्ने की एक कॉलम की जगह बन जाती हैं। खासकर तब जब किसी दलित व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है। महिसागर के खानपुर तालुका के इसरोदा गांव के ऑटोरिक्शा चालक 45 वर्षीय दलित व्यक्ति 9 जून (शुक्रवार) की रात मृत्यु हो गई। उनकी बुरी तरह से पिटाई की गई थी। अगड़ी जाति के एक होटल मालिक और उसके एक अन्य सहयोगी ने उनकी 7 जून को पिटाई की थी।

एफआईआर के मुताबिक, “ऑटोरिक्शा चालक सात जून को खाना खाने के लिए होटल पहुंचा था। भोजन के बाद उसने होटल कर्मियों से घर ले जाने के लिए खाना पैक करने को भी कहा। इस दलित व्यक्ति का नाम वांकर था। जब वाकंर ने कहा कि जो खाना पैक किया गया है, वह कम है। उसने उससे अधिक खाने का पैसा चुकाया है। तो होटल के मालिक उनसे नाराज हो गया। होटल के मालिक ने उन्हें जाति सूचक गालियां दी। इसके बाद होटल मालिक और उनके सहयोगी ने वांकर की बुरी तरह पिटाई की।

वे गंभीर रूप से घायल हो गए और 9 जून की रात को उनकी मौत हो गई। पुलिस उपाधीक्षक (एससी एसटी सेल) पीएस वल्वी ने बताया कि “प्राथमिक जांच से पता चला है कि जब वांकर को खाने का पैकट सौंपा दिया गया, तो उन्होंने कहा कि खाना कम है.. धनाभाई और उनके बीच कहासुनी हुई। हालांकि, मामला तब बढ़ गया जब एक अन्य आरोपी अमित पटेल उसमें शामिल हो गया। जिसका कार्यालय होटल के पास है और धनाभाई का साथी-सहयोगी है। दोनों ने वांकर को पीटा, जिससे उन्हें आंतरिक चोटें आईं, खासकर उनके लीवर पर लगी लातों के कारण।”

दलित नेता एवं कांग्रेस पार्टी के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने आरोपियों को ‘‘जातिवादी गुंडा’’ करार दिया है और तत्काल गिरफ्तारी  मांग की। आरोपियों की गिरफ्तारी न होने की सूरत में मेवाणी ने प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी। 

पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (किसी को उकसाने के लिए जानबूझकर उसका अपमान करना), 506 (2) (आपराधिक धमकी) और 114 (अपराध के दौरान उसके लिए उकसाना) के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि वांकर की मौत के बाद मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) भी जोड़ दी गई है।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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