बिहार विधान परिषद से बिहार विशेष ‘सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021’ पास

बिहार विधान परिषद (उच्च सदन) से भी आज ‘बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021’ पास हो गया है। इससे पहले मंगलवार को बिहार विधानसभा में इस विधेयक को पास कराया गया था। इसके लिए बिहार विधानसभा के भीतर पहली बार डीएम, एसएसपी व पुलिस बल बुलाकर विपक्षी विधायकों को पीट पीटकर सदन से बाहर फेंकवा दिया गया था।

जबकि राजद के नेतृत्व वाले विपक्ष ने बुधवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में कार्यवाही का बहिष्कार किया। राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विपक्षी विधायकों को जबरन हटाने के लिए माफी मांगने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को विपक्षी विधायकों को पिटवाने के लिए माफी नहीं मांगेंगे तो पूरे पांच साल तक सदन का बहिष्कार जारी रहेगा।

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस कानून को लेकर कहा कि यह क्या कानून है? पुलिस के पास बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार पहले से है। मुख्यमंत्री किसे बेवकूफ बना रहे हैं? जब विधानसभा में विधायकों की पिटाई हो रही है तो अब आम लोगों को घर में घुसकर पीटेंगे। इस कानून से पुलिस जब चाहे किसी की तलाशी ले सकती है, किसी को गिरफ्तार कर सकती है। सरकार बहस नहीं होने देना चाहती, बहस से भाग रही है, मैं बहस के लिए तैयार हूं। नीतीश कुमार पुलिस को सशक्त नहीं बल्कि गुंडा बना रहे हैं।

वहीं कांग्रेस नेता व पूर्व उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को बिहार विधानसभा में हुए शर्मनाक वाक़िये पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि “बिहार विधानसभा की शर्मनाक घटना से साफ़ है कि मुख्यमंत्री पूरी तरह RSS/BJP मय हो चुके हैं। लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों को सरकार कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष फिर भी जनहित में आवाज़ उठाता रहेगा- हम नहीं डरते!

उन्होंने आगे कहा है कि मेरा मानना है कि RSS व सम्बंधित संगठन को संघ परिवार कहना सही नहीं- परिवार में महिलाएँ होती हैं, बुजुर्गों के लिए सम्मान होता, करुणा और स्नेह की भावना होती है- जो RSS में नहीं है। अब RSS को संघ परिवार नहीं कहूँगा!

वहीं बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों की पिटाई और विधानसभा से ‘बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021’ पास होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कल बुधवार की रात अपने आवास पर विधायकों को पार्टी दी गई। जिसमें सत्ता पक्ष तमाम विधायकों के अलावा उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे।

जदयू नेता और बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने कहा कि जब विधानसभा में सरकार के गुंडे महिला विधायकों की साड़ी उतार रहे थे तो नीतीश कुमार को इंद्रिय रस प्राप्त हो रहा था। तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘नीतीश कुमार को इंद्रिय रस प्राप्त हो रहा होगा जब सदन में उनके गुंडे महिला विधायकों की साड़ी उतार उनके ब्लाउज में हाथ डाल रहे थे। मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देकर बाल पकड़ कर घसीटा जा रहा था। इस शर्मनाक घटना के बाद रात्रि में “निर्लज्ज कुमार” नृत्य-संगीत का आनंद उठा रहे थे।’

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021

बिहार में अब भी बिहार मिलिट्री पुलिस (BMP) के नाम से बल है। जबकि मिलिट्री शब्द किसी राज्य के पुलिस बल में नहीं है। इस विधयेक से सबसे पहले मिलिट्री शब्द हटाना उद्देश्य था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि विशेष सशस्त्र पुलिस का काम सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करना होगा। इनमें एयरपोर्ट, मेट्रो या फिर ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा करना शामिल है। बोधगया में आतंकवाद की घटना के बाद बीएमपी पिछले 8 सालों से वहां की सुरक्षा कर रही है, लेकिन बीएमपी के पास किसी की तलाशी लेने या गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं था। इस बिल के जरिए ये अधिकार भी दिया जाना है। लेकिन ये अधिकार उन्ही जगहों पर रहेगा जहां उन्हें सुरक्षा में लगाया जाएगा यह सीआईएसएफ (CISF) से मिलता जुलता है।

मंगलवार को बिहार विधानसभा में हुए लोकतंत्र को कलंकित करने वाले वाकिये के विरोध में कल विपक्षी दलों ने विधानसभा के बाहर अलग सदन चलाया था  जिसने बकायदा भूदेव चौधरी को अध्यक्ष चुनकर सदन की कार्रवाई पूरी की गई। इतना ही नहीं मंगलवार को हुये घटनाक्रम को गंभीर अपराध बताते हुए इस विपक्षी दलों के सदन में उठाया भी गया।

विपक्ष ने विधानसभा से मॉर्शल द्वारा बाहर फेंके गये 12 विधायकों की परेड निकाली, जिनमें से सात को गंभीर चोटें लगीं थी।

जिन 12 विधायको को मंगलवार को पुलिस बल ने विधानसभा से बाहर सड़क पर फेंक दिया था उनमें राजद के मकदुमपुर के विधायक सतीश कुमार, राजद के रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह और कांग्रेस के करगहर के विधायक संतोष मिश्रा सहित कई विधायकों ने पुलिस पर गुंडागर्दी व मारपीट का आरोप लगाया है।

राजद विधायक सतीश कुमार, जिन्हें बाहर निकाल दिया गया था, ने कहा: “यह पुलिस की ज्यादती का मामला है। हमें सदन से बाहर फेंक दिया गया और ज़मीन पर गिरा दिया गया।” वहीं उनकी पार्टी के सहयोगी सुधाकर सिंह ने भी कुछ ऐसे ही आरोप नीतीश कुमार सरकार पर लगाया है। गौरतलब है कि मंगलवार शाम वायरल हुए एक वीडियो में, सतीश कुमार के साथ सुधाकर सिंह को पुलिस द्वारा पैर पकड़कर सड़क पर घसीटते हुए देखा जा सकता है।

बता दें कि मंगलवार को विधानसभा में पुलिस विधेयक के खिलाफ़ विपक्षी विधायकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने पुलिस पर महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया।

जिन महिला विधायकों को बाहर निकाला गया उनमें राजद विधायक अनीता देवी और मंजू देवी और कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी शामिल थीं। इसके बाद मंगलवार को शाम करीब 4.30 बजे बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सदन में वापस आने के बाद दो महिला विधायकों व तीन अन्य विधायकों के साथ, विपक्ष के नेता तेजस्वी स्पीकर की कुर्सी के पास पहुंचे थे।

सुशील मानव
Published by
सुशील मानव