आसाराम को रेप केस में उम्रकैद: सूरत की महिला से बलात्कार का मामला

सूरत की एक महिला से रेप के मामले में आसाराम को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम को सोमवार को दोषी करार दिया था। इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2018 को आसाराम को यूपी की एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आसाराम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।

कोर्ट ने आसाराम को धारा 376 2 (C) के तहत बलात्कार, 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (गलत तरीके से हिरासत में रखना), 354 (महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 357 (हमला) और 506 ( भारतीय दंड संहिता की आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया था। इस केस में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपी थे।

गांधीनगर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में आसाराम पर 23 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को आसाराम को दोषी पाया था, जबकि आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था।

करीब 10 साल पहले आसाराम पर सूरत की एक महिला ने अहमदाबाद के मोटेरा स्थित उसके आश्रम में बार-बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके मुताबिक महिला के साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया था। महिला तब आसाराम के आश्रम में रह रही थी। मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।

पीड़ित महिला की छोटी बहन ने आसाराम के बेटे पर लगाया था रेप का केस

दो बहनों में से छोटी ने आसाराम के बेटे नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। बड़ी बहन की शिकायत गांधीनगर ट्रांसफर होने के कारण आसाराम पर गांधीनगर में मुकदमा चला, जिसमें सोमवार को कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है। सरकारी वकील आरसी कोडेकर और सुनील पंड्या ने यह जानकारी दी।

पीड़ित महिला की शिकायत में कहा गया था कि आसाराम ने उसे गुरु पूर्णिमा आने पर स्पीकर के रूप में चुने जाने के लिए कहा था और बाद में स्पीकर के रूप में चुना। इसके बाद आसाराम के फार्म हाउस शांति वाटिका में बुलाया गया। आश्रम का ही एक अन्य व्यक्ति उसे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। वहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर उसे कमरे के अंदर बुलाया और बाद में एक कटोरी घी मंगवाकर उसके सिर की मालिश की।

मालिश करने के दौरान आसाराम ने पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती शुरू कर दी। इस पर महिला ने वहां से भागने की कोशिश की। इस पर आसाराम ने उसके साथ मारपीट की और दुष्कर्म और अननेचुरल सेक्स किया। इसके बाद धमकी देकर वहां से चले जाने को कहा।

28 फरवरी, 2014 को सूरत की दो पीड़ित बहनों में से एक के पति पर घातक हमला किया गया था। इसके 15 दिन बाद आसाराम के वीडियोग्राफर राकेश पटेल पर भी जानलेवा हमला किया गया। हमले के कुछ दिनों बाद सूरत के एक कपड़ा बाजार में गवाह दिनेश भगनानी पर तेजाब फेंक दिया गया। ये तीनों गवाह हमले में बच गए थे। 23 मार्च 2014 को एक गवाह अमृत प्रजापति को गोली मार दी गई। 17 दिनों के इलाज के बाद अमृत की मौत हो गई थी।

जनवरी 2015 में एक अन्य गवाह अखिल गुप्ता की मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक महीने बाद, आसाराम के निजी सहायक के रूप में काम करने वाले राहुल सचान पर हमला किया गया। जोधपुर कोर्ट में गवाही देने पहुंचे राहुल पर कोर्ट परिसर में जानलेवा हमला किया गया। राहुल सचान हमले में बच गए, लेकिन 25 नवंबर 2015 को लापता हो गए और तब से उनका कोई पता नहीं चला है।

गवाहों पर हमलों का सिलसिला जारी रहा और 13 मई, 2015 को पानीपत में महेंद्र चावला पर हमला किया गया। हालांकि, हमले में महेंद्र की जान बच गई थी। इसके तीन महीने बाद एक अन्य गवाह 35 वर्षीय कृपाल सिंह की जोधपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कृपाल सिंह ने जोधपुर कोर्ट में पीड़िता के पक्ष में गवाही दी थी।

आसाराम का असली नाम आशुमल हरपलानी है। उसका जन्म अप्रैल 1941 में सिंध, पाकिस्तान के बेरानी गांव में हुआ था। 1947 के विभाजन के बाद परिवार अहमदाबाद में बस गया था। 1960 के दशक में आसाराम ने लीलाशाह को अपना गुरु बनाया था। आसाराम ने दावा किया कि गुरु ने उसे आसुमल की जगह आसाराम नाम दिया है। 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से दस किलोमीटर दूर मोटेरा गांव के पास साबरमती नदी के किनारे अपनी छोटी सी झोपड़ी बनाई।

शुरुआत में आसाराम ने अपने ‘व्याख्यान, देशी औषधि और भजन-कीर्तन’ से गुजरात के गांवों के गरीब, पिछड़े और आदिवासी लोगों को आकर्षित किया। बाद में धीरे-धीरे इसका प्रभाव गुजरात के शहरी क्षेत्रों के मध्यम वर्ग में भी बढ़ने लगा। शुरुआती वर्षों में आसाराम के व्याख्यानों के बाद प्रसाद के नाम पर मुफ्त भोजन दिया जाता था।

आसाराम के फॉलोअर्स की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी और गुजरात के कई शहरों और देश के विभिन्न राज्यों में भी उसके आश्रम खुलने लगे। दो-तीन दशकों में आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं ने मिलकर देश-विदेश में 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा कर लिया था। जैसे-जैसे आश्रमों और अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई, आसाराम की संपत्ति बढ़ने लगी। उसके करीब 10 हजार करोड़ की संपत्ति बताई गई थी।

आसाराम के खिलाफ अन्य मामले भी

जुलाई 2008: मोटेरा में 10 साल के अभिषेक वाघेला और 11 साल के दीपेश वाघेला की अधजली और क्षत-विक्षत लाशें मिलीं, जिससे आसाराम को मामले में क्लीन चिट मिल गई।

अगस्त 2013: सूरत की लड़की ने चांदखेड़ा थाने में रेप की शिकायत दर्ज कराई, आसाराम दोषी पाया गया, आज सजा सुनाई गई। जोधपुर में नाबालिग से दुष्कर्म के दो और मामले सामने आए हैं। इनमें फैसला आना बाकी है।

नवंबर 2014: आसाराम समेत पांच के खिलाफ जोधपुर में उदयमंदिर पुलिस को जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज। फैसला आना बाकी है।

फरवरी 2017: जोधपुर में जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज देने का मामला सामने आया। जिसमें आसाराम पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया।

आसाराम इस समय जोधपुर की जेल में बंद हैं। वर्ष 2018 में जोधपुर की एक ट्रायल कोर्ट ने एक अलग यौन उत्पीड़न मामले में आसाराम को जेल की सजा सुनाई थी। आसाराम को अपने जोधपुर आश्रम में एक 16 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने का दोषी गया था।

आसाराम जमीन विवाद में भी फंसे हुए हैं। उनके खिलाफ रतलाम में करीब 100 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का मामला दर्ज है। ये मामला 2001 का है, जब आसाराम की योग वेदांत समिति ने 11 दिनों के लिए मंगलाय मंदिर के पास जमीन ली थी। लेकिन 11 दिन बीत जाने के बाद भी जमीन खाली नहीं की गई। इस जमीन मामले में आसाराम, उनके बेटे नारायण साईं और कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

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