पेट में कॉटन छोड़ने के लिए बरेली के हॉस्पिटल और डॉक्टर पर 55 लाख 74हजार का हर्जाना

सिजेरियन ऑपरेशन के समय प्रसूता साबिहा हामिद के पेट में कॉटन का बण्‍डल लापरवाही से छोड़ देने ,जिसके परिणामस्वरुप प्रसूता के पेट में असहनीय दर्द होने के मामले में राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ.प्र., लखनऊ के सदस्‍य श्री राजेन्‍द्र सिंह की अदालत द्वारा साबिहा हामिद के शिकायती वाद में डॉ. एम. खान हास्पिटल स्‍टेडियमरोड, बरेली तथा डॉ. यास्‍मीन खान पत्‍नी डॉ. मोहम्‍मद जावेद खान निवासी डॉ. एम. खान हास्पिटल, स्‍टेडियम रोड, बरेली पर कुल 55लाख 74हजार रू० का हर्जाना लगाया गया और नवम्बर 2010 से इस पर 12 फीसद वार्षिक की दर से ब्याज देने का आदेश पारित किया गया।

दरअसल श्रीमती साबिहा हामिद को प्रिग्‍नेंसी थी जिसके लिए वह डॉ. एम. खान हास्पिटल गई। जहॉं पर डॉ. यास्‍मीन खान ने सिजेरियन ऑपरेशन किया और ऑपरेशन के बाद उसे लगातार दर्द की शिकायत बनी रही। उसने डॉ. एम. खान हास्पिटल जा कर कई बार डॉ. यास्‍मीन खान को दिखाया किन्‍तु वह उसका कोई उपचार नहीं कर सकीं और फिर उन्‍होंने उसे मुरादाबाद के डॉ. राजीव गुप्‍ता के पास भेजा किन्‍तु वह भी उसके रोग का इलाज नहीं कर सके।

इसके बाद श्रीमती साबिहा खान ने लखनऊ एस0जी0पी0जी0आई0 में आ कर अपनी जांच कराई तब उन्हें मालूम हुआ कि सिजेरियन ऑपरेशन के समय उसके पेट में कॉटन का बण्‍डल लापरवाही से छोड़ दिया गया था, जिससे उसकी हालत अत्‍यन्‍त गम्‍भीर हो गई। एस0जी0पी0जी0आई0 में उसका तीन बार ऑपरेशन किया गया और वह दिनांक 01 अक्टूबर 20 10 से 06 जनवरी 20 12 तक इस पीड़ा से सामना करती रही। एक ऑपरेशन में उसके मल जाने वाला पाइप लगा कर बाहर एक थैली लगाई गई जिससे बाहर मल इकट्ठा होता रहा। दोबारा ऑपरेशन कर पुन: मल विसर्जन के लिए एक पाइप लगा कर अन्‍दर ही वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की गई।

वाद सं0-32/2013 में आज निर्णय उद्घोषित करते हुए विभिन्‍न दृष्‍टान्‍तों का सन्‍दर्भ दिया गया और पाया गया कि इस मामले में सम्‍बन्धित अस्‍पताल और डॉक्‍टर द्वारा मरीज के ऑपरेशन में गम्‍भीर लापरवाही बरती गई। तदोपरान्‍त निर्णय पारित करते हुए उपरोक्‍त 55 लाख 74 हजार रू० का हर्जाना देने का आदेश पारित किया गया, जिस पर दिनांक 01 नवंबर 2010 से 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्‍याज भी देने का आदेश पारित किया गया।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

जेपी सिंह
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