‘बेटी बचाओ’ नारा महज जुमला, हाथरस कांड से बेनकाब हुई भाजपाः भाकपा-माले

लखनऊ/पटना। भाकपा माले की राज्य इकाई ने कहा है कि हाथरस कांड में भाजपा एक बार फिर बेनकाब हो गई है। रविवार को हाथरस में भाजपा नेता के घर पर आरोपी पक्ष के लोगों की बैठक के बाद पीड़ित परिवार के घर के पास आरोपियों के समर्थन में हुई सवर्णों की सभा से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा का ‘बेटी बचाओ’ का नारा धोखा है।

पार्टी की तरफ से जारी बयान में माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि भाजपा बलात्कारियों के पक्ष में खड़े होने के अपने पुराने इतिहास को ही हाथरस में दोहरा रही है। उन्नाव से लेकर कठुआ (तत्कालीन जम्मू कश्मीर) तक की बलात्कार की घटनाओं में भाजपा की भूमिका भूली नहीं है। उन्नाव घटना में आरोपी भाजपा विधायक सेंगर के बचाव की योगी सरकार ने हर संभव कोशिश की, तो कठुआ की आसिफा वाली घटना में भाजपा ने बलात्कारियों के संरक्षण में बकायदा तिरंगा लहराकर राष्ट्रवादी रैली तक निकाल दी थी।

माले नेता ने कहा कि हाथरस में मृतक पीड़िता के घर के पास बलात्कार के आरोपी परिवार की भागीदारी में सवर्णों द्वारा सभा करके पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने और डराने की इजाजत किसने दी। पीड़ित परिवार का नार्को टेस्ट कराने और मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग भी आरोपी पक्ष और सवर्णों की थी, जिसे सरकार ने उसी रूप में मान लिया।

उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, घटना की न्यायिक जांच कराने और डीएम के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की पीड़ित पक्ष की मांग को अनसुना कर दिया गया। इससे यह निष्कर्ष निकालना गलत नहीं होगा कि योगी सरकार एक तरफ आरोपियों के सवर्ण समाज को नाराज नहीं करना चाहती, वहीं कुछ पुलिस वालों को निलंबित कर पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने का भ्रम भी बनाए रखना चाहती है। इससे योगी सरकार का भी असली चेहरा उजागर हो गया है।

माले नेता ने कहा कि योगी सरकार दबंगों, बलात्कारियों और अपराधियों का संरक्षण करने वाली सरकार है। इससे कानून व्यवस्था में सुधार की उम्मीद ही बेकार है। इस सरकार से और भाजपा से छुटकारा पाना होगा, तभी सही मायने में बेटियां बचेंगी।

उधर, हाथरस में सवर्ण समुदाय को दंबगई दिखाने का पूरा मौका दिया जा रहा है। योगी सरकार दमन करने वालों के साथ खड़ी है और दलित परिवार को अलग-अलग तरीके से डराना-धमकाना जारी है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पीड़िता के घर के बाहर खुलेआम ठाकुर समुदाय का एक शख्स भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को धमकी दे रहा है और पीछे यूपी पुलिस मौन धारण किए खड़ी है। अहम बात यह है कि बाकी नेताओं की पीठ पर पुलिस लाठियां भांज रही है, लेकिन गुंडों, दबंगों और बलात्कार के समर्थकों को योगी सरकार का खुला संरक्षण हासिल है। यही रामराज्य है!

उधर, बिहार विधानसभा चुनाव में भाकपा माले ने प्रचार की दिशा पर एक समग्र रणनीति बनाई है। पार्टी चुनावों के दौरान घर-घर जाकर मतदाताओं से बातचीत करेगी। पार्टी हरेक विधानसभा में सघन रूप से प्रचार अभियान संगठित करेगी। सोशल मीडिया भी प्रचार का एक बड़ा माध्यम होगा। चुनाव में मुख्य नारा एनडीए हराओ-बिहार बचाओ! जनता की दावेदारी आगे बढ़ाओ!! होगा।

पटना में राज्य कमेटी की एक दिवसीय बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार की दिशा और मुद्दे पर समग्रता में बातचीत हुई। माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि भाजपा-जदयू के खिलाफ जनता का आक्रोश आज चरम पर है। विगत 15 वर्षों का गुस्सा संचित है, जिसकी अभिव्यक्ति चुनाव में होगी। भाजपा-जदयू की सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और आज बिहार बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि चुनाव में शिक्षा, रोजगार के साथ-साथ मुकम्मल भूमि सुधार लागू करना, खेती की नीलामी और कॉरपोरेटों की गुलामी करने वाले हाल-फिलहाल में पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों की वापसी, स्कीम वर्करों यथा आंगनबाड़ी-रसोइया-जीविका-आशा कार्यकर्ताओं के प्रति किए गए विश्वासघात, मनरेगा में 200 दिन काम और 500 रु. न्यूनतम मजदूरी, निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक, आरक्षण को खत्म करने की साजिशों पर रोक आदि मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। चुनाव में हम घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क स्थापित करेंगे और हरेक विधानसभा में सघन रूप से प्रचार अभियान संगठित करेंगे। सोशल मीडिया भी प्रचार का बड़ा माध्यम होगा। उन्होंने कहा कि हमने अब तक बिहार में 50 हजार से ज्यादा व्हाट्सऐप ग्रुप बना लिए हैं।

बैठक में मुख्य रूप से माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, राजाराम सिंह, धीरेंद्र झा, विधायक सुदामा प्रसाद, शशि यादव, पूर्व विधायक अरुण सिंह समेत सभी जिलों के जिला सचिव उपस्थित थे।

बैठक में चुनाव के लिए भाकपा-माले के नारे जारी किए गए,
1. न शिक्षा-रोजगार, न भूमि सुधार! बदलो सरकार, बदलो बिहार!!
2. खेती की नीलामी, कारपोरेट गुलामी नहीं सहेंगे! फसलों का दाम, बटाईदारों का हक ले के रहेंगे!!
3. आंगनबाड़ी-रसोइया-जीविका-आशा! अब नहीं चलेगा, तुम्हारा झांसा!!
4. बदला लो, बदल डालो-भाकपा (माले) के साथ चलो!
5. न मनरेगा में काम न भूमि सुधार! बदलो सरकार-बदलो बिहार!!
6. भुखमरी-पलायन-बुलडोजर की मार! बदलो सरकार-बदलो बिहार!!
7. निजीकरण पर रोक लगाओ-अडानी अंबानी से रेल बचाओ!
8. रोजगार-आरक्षण का हक बचाओ-जनता की दावेदारी आगे बढ़ाओ!

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