भारत जोड़ो न्याय यात्रा: राहुल बोले- झारखंड में आदिवासी सीएम है, यह भाजपा को बर्दाश्त नहीं

रांची। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ झारखण्ड के 13 जिलों में 804 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान राहुल गांधी ने झारखंड के आदिवासी समाज के भीतर अपने प्रति एक साकारात्मक सोच स्थापित की। एक तो उन्होंने हेमंत सोरेन पर ईडी के जरिये केंद्र की कार्रवाई पर अपनी बात रखी, वहीं दूसरी ओर आदिवासियों की धार्मिक पहचान सरना कोड की चिरप्रतीक्षित मांग पर कहा कि हमारी सरकार बनी तो हमारी प्राथमिकता सरना कोड रहेगी।

राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान 5 जनवरी को रांची पहुंचे और अपने संबोधन में उन्होंने मोदी सरकार के अडानी प्रेम को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि एचईसी का गला घोटा जा रहा है। एचईसी में काम करनेवालों के साथ अन्याय किया जा रहा है। केंद्र की सरकार चाहती है कि एचईसी काम करना बंद कर दे और इसे अडानी को सौंप दिया जाये।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एचईसी के कामगारों को बेरोजगार करना चाहती है। लेकिन, कांग्रेस ऐसा होने नहीं देगी। भाजपा चाहे जो कर ले, एचईसी में अडानी का नाम नहीं लगने दिया जायेगा। एचईसी देश की पूंजी है। कांग्रेस की सरकार आयेगी, तो एचईसी को हर संभव मदद की जायेगी।

एचईसी के श्रमिक संगठनों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समक्ष एचईसी को बचाने और कर्मियों का बकाया वेतन भुगतान कराने की मांग की। श्रम संघों के प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि एचईसी मातृ उद्योग है, जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्थापित किया था। इस उपक्रम ने देश के अधिकांश इस्पात उद्योगों एवं खनन क्षेत्र के उपकरण, रक्षा और स्पूतनिक क्षेत्र के राकेट लांचर का निर्माण किया। लेकिन केंद्र सरकार की अनदेखी की वजह से यहां के कर्मचारियों काे 20 माह से वेतन नहीं मिला है।

नोटबंदी-जीएसटी से छोटे व्यापारी बेरोजगार हुए: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि साजिश के तहत प्रधानमंत्री ने पहले नोटबंदी और बाद में जीएसटी लागू कर छोटे व्यापारियों को बेरोजगार बना दिया। इन दोनों फैसलों से अडानी, अंबानी और अमीरों को ही फायदा हुआ। सरकार गरीबों से जीएसटी की वसूली कर अमीरों का जेब भर रही है। छोटे व्यापारियों को मार कर देश में बेरोजगारी बढ़ा रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार देश के पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों का हक नहीं देना चाहती है। सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर उनको बेरोजगार बनाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि किसी कॉरपोरेट, प्राइवेट अस्पताल, निजी कंपनी के मैनेजमेंट बोर्ड में एक भी ओबीसी, दलित, आदिवासी और सामान्य वर्ग का गरीब नहीं मिलेगा। बावजूद इसके एयरपोर्ट, पोर्ट, पावर प्लांट, विंड पावर जैसी देश की संपत्तियां प्रधानमंत्री अडानी को सौंप रहे हैं। अब तो सेना के सभी ठेके भी अडानी को दिये जा रहे हैं।

50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा उखाड़ फेंकेगे- राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि देश में ओबीसी की जनसंख्या कुल जनसंख्या का लगभग 50 प्रतिशत है। 16 प्रतिशत दलित और आठ प्रतिशत आदिवासी हैं। लेकिन, आरक्षण में उनकी हिस्सेदारी नगण्य है। केंद्र सरकार उनको ठेका मजदूर बनाती है और वही बनाये रखना चाहती है। इसी कारण से भाजपा और आरएसएस देश में जातीय जनगणना नहीं होने दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि लेकिन कांग्रेस पार्टी देश में जातीय जनगणना जरूर करायेगी। केंद्र में सरकार बनी, तो कांग्रेस 50 प्रतिशत अधिकतम आरक्षण की सीमा को उखाड़ फेंकेगी। ओबीसी, दलित और आदिवासी को आरक्षण में उनका हक मिलेगा। इसके पहले राहुल गांधी ने पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन से मुलाकात की।

राहुल ने किया हेमंत सोरेन के भाषण का जिक्र

राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा विधानसभा में दिये गये भाषण को कोट करते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि विधानसभा में हेमंत सोरेन ने बहुत मार्मिक बात कही। उन्होंने कहा कि हम जंगल से बाहर आये। इनके बराबर में बैठ गये, तो इनके कपड़े मैले हो गये।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक बयान नहीं, पूरे आदिवासी समाज की संयुक्त पीड़ा है। प्रदेश में एक आदिवासी मुख्यमंत्री है, यही बात भाजपा को बर्दाश्त नहीं हो रही है। झारखंड ने पूरे देश को यह संदेश दिया है कि जनता की ताकत को डराकर झुकाया नहीं जा सकता। यह गरीबों और आदिवासियों की एकता की जीत है। आप सभी को बधाई।

गरीबों, आदिवासियों, दलितों की बात सरकार नहीं सुन रही

6 जनवरी को झारखंड के खूंटी में रोड शो के दौरान राहुल गांधी ने दूसरी बार यात्रा निकालने की वजह बताते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। वह बहुत सफल रही। हम दूसरी यात्रा मणिपुर से महाराष्ट्र तक निकाल रहे हैं। इस यात्रा को निकालने के पीछे वजह यह है कि झारखंड के गरीबों, आदिवासियों और दलितों की बात सरकार सुन नहीं रही है।

उन्होंने कहा कि “बीजेपी और आरएसएस देश में नफरत और हिंसा फैला रहे हैं, इसलिए मैंने आप लोगों के बीच आने, आपको एकजुट करने और आपके मुद्दों को हल करने की बात सोची, यही भारत जोड़ो न्याय यात्रा का उद्देश्य है।”

गरीबों, दलितों और आदिवासियों की आवाज मीडिया भी नहीं उठाएगी

राहुल ने कहा “प्रेस वाले भी आपका साथ नहीं देंगे। वे अडानी जी के लिए काम करते हैं तो वो कमजोर लोगों की आवाज उठाएंगे नहीं। गरीबों, दलितों और आदिवासियों के मुद्दे पर बात नहीं करेंगे। इसलिए हम आपके बीच आए हैं।”

धरती आबा को श्रद्धांजलि

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 6 जनवरी को खूंटी में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर धरती आबा को श्रद्धांजलि दी।

रामगढ़ से रांची जाने के क्रम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा चुट्टूपालू घाटी के शहीद स्थल पर रुकी। यहां राहुल गांधी ने शहीद टिकैट उमराव सिंह व शाहिद शेख भिखारी को श्रद्धांजलि अर्पित किया। उन्होंने दोनों शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण किया और हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया।

यात्रा के दौरान साइकिल पर कोयला ले जाते एक मजदूर को देख राहुल रुक गए, और उस मजदूर से बात की। वो खुद कोयले के बोरी से लदी साइकिल को पकड़कर आगे तक ले गए।

आदिवासियों से छीनी जा रही जमीन

राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ खूंटी के बाद गुमला पहुंची, जहां गुमला जिले के कामडारा में चौक पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि झारखंड के आदिवासी परिवारों से मुलाकात के दौरान उन्होने बताया है कि पूरे झारखंड में आदिवासियों की जमीन उनसे छीनी जा रही हैं।

आदिवासी संगठनों से मिले राहुल

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों का प्रतिनिधिमंडल 6 जनवरी को सुबह लगभग 8 बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से खूंटी में जाकर मिला। आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि देश के 12 करोड़ आदिवासी समुदाय जिनमें करोड़ लोग मूलतः प्रकृति पूजक हैं, वो अपने धर्म को आदिवासी सरना धर्म कहते हैं।

प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी को बताया कि झारखंड की सरकार ने भी इस आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। यह देश का सदियों पुराना प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय है। लेकिन दुर्भाग्य है कि किसी भी सरकारों ने इस धर्म को आज तक ना स्वीकार किया गया और ना ही मान्यता दी है। जबकि प्रकृति पूजक आदिवासी समुदाय वर्षों से अपने लिए अलग धर्म की मान्यता और धर्म कोड की मांग को लेकर वर्षों से आंदोलनरत है।

आदिवासी नेताओं ने कहा कि देश में हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन की मान्यता और कालम कोड दिया गया है। 2011 की जनगणना में स्पष्ट जानकारी के अभाव के बावजूद लगभग 50 लाख लोगों ने अपने लिए जनगणना कालम में सरना धर्म लिखा है।

सरकार बनने पर सरना धर्म को मिलेगी मान्यता: राहुल

आदिवासी संगठनों ने संयुक्त मांग पत्र भी राहुल गांधी को सौंपा। जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि हमारी सरकार आती है तो आदिवासी समुदाय के लिए अलग आदिवासी सरना धर्म की मान्यता और कोड अवश्य दिया जाएगा।

इस प्रतिनिधिमंडल ने राहुल गाधी ने बताया कि देश में काबिज नरेंद्र मोदी की सरकार आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकारों को खत्म करने पर तुली हुई है, वहीं आदिवासी समुदाय को आपस में लड़ाकर राजनीतिक वोट बैंक साधने का प्रयास कर रही है। वहीं देश में आदिवासियों के ऊपर हमले बढ़े हैं।

प्रतिनिधिमंडल में आदिवासी मुद्दों पर मुखर नेता और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण मुंडा, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप, अभय भूटकुंवर, कुंदरुसी मुंडा, राजेश लिंडा, अमर उरांव, गायना कच्छप, रेणु उरांव, रुपचंद खेवट शामिल थे।

वहीं राहुल गांधी द्वारा सरना धर्म कोड मान्यता संबंधी घोषणा पर पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा हैं कि सेंगेल राहुल गांधी की घोषणा का स्वागत करता है। परंतु इसे गंभीरता से तभी लिया जा सकता है जब कांग्रेस पार्टी वर्तमान संसद सत्र में इसे उठाती है। क्योंकि 1951 की जनगणना तक आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड था जिसे कांग्रेस की सरकार ने ही हटाया था।

दूसरी तरफ सेंगेल ने भाजपा की केंद्र सरकार को 31 मार्च 2024 तक का अल्टीमेटम दिया है। यदि सरना धर्म कोड की मान्यता घोषणा नहीं होती है तो 7 अप्रैल 2024 को भारत बंद होगा, रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा। आदिवासी सेंगेल अभियान अन्य आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर प्रकृति पूजक आदिवासियों के सरना धर्म कोड को हासिल करने तक आंदोलन जारी रखेगा।

झारखंड से ओडिशा के लिए निकली यात्रा

झारखंड के 13 जिलों में 804 किलोमीटर की दूरी तय कर भारत जोड़ो न्याय यात्रा 6 फरवरी को ओड़िशा के लिए निकल गई। यात्रा 8 फरवरी को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में प्रवेश करेगी। 9 और 10 फरवरी को दो दिन आराम करने के बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा अगले पड़ाव के लिए 11 फरवरी को रायगढ़, शक्ती, कोरबा होते हुए अंबिकापुर के रास्ते उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी।

बता दें कि 14 जनवरी 2024 से मणिपुर से शुरू हुई ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 15 राज्यों के 110 जिलों से होते हुए 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी।

(विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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