चंपई सरकार ने हासिल किया विश्वासमत, हेमंत बोले- मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, समय आने पर जवाब दूंगा

रांची। आखिरकार आज पांच फरवरी को झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन की अगुवाई वाली झामुमो, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और भाकपा माले के महागठबंधन की सरकार ने विश्वासमत हासिल कर ही लिया। इसके साथ ही चंपाई सोरेन राज्य के 10 मुख्यमंत्री में शुमार हो गए। बहुमत के इस फ्लोर टेस्ट में सरकार के पक्ष में 47 विधायकों ने मतदान किया। वहीं प्रस्ताव के विरोध में 29 वोट पड़े।

जमशेदपुर पूर्वी के निर्दलीय विधायक सरयू राय मतदान में शामिल नहीं हुए, वहीं हजारीबाग जिले के बरकट्ठा के निर्दलीय विधायक अमित यादव विधानसभा पहुंचे ही नहीं। भाजपा के 25 विधायकों के अलावा आजसू के 3 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के एक विधायक ने सरकार के खिलाफ मतदान किया।

झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने विश्वासमत प्रस्ताव की शुरुआत करते हुए कहा कि हेमंत बाबू हैं, तो हिम्मत है। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से ही उसे गिराने की साजिशें शुरू हो गईं थीं।

उन्होंने हेमंत सोरेन के नेतृत्व को कुशल नेतृत्व बताते हुए कहा कि जब कोरोना वायरस ने दस्तक दी, तो पूरी दुनिया थम गई थी। भारत में भी लॉकडाउन लगा दिया गया। लोग जहां थे, वहीं रह गए। लेकिन, हमारे युवा नेता हेमंत सोरेन ने किसी प्रवासी मजदूरों को कोई तकलीफ नहीं होने दी। किसी को भूख से नहीं मरने दिया। बस से, ट्रेन से उन्हें अन्य राज्यों से झारखंड लाए।

चंपई सोरेन ने कहा कि ऐसे मजदूर जो हवाई चप्पल पहनते थे, लुंगी पहनते थे, उनके लिए भी हेमंत बाबू ने हवाई जहाज की व्यवस्था की। उनके चार साल के कार्यकाल में खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड प्रदेश के खनिज का इस्तेमाल देश के अलग-अलग हिस्से में हुआ। यहां की संपदा ने गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों को समृद्ध किया। वहीं, हमारे आदिवासी-मूलवासी विस्थापित हुए।

उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने हमें संघर्ष करना सिखाया। वही मेरे आदर्श हैं। उन्होंने केंद्र की वर्तमान सरकार को ‘महाराज’ की संज्ञा दी। कहा कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार झारखंड में बनी। मुख्यमंत्री रहते जमीन घोटाला मामले में उनको गिरफ्तार कर लिया गया। किसी खाते में उनका नाम नहीं है। फिर भी उनको जेल जाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि जब-जब झारखंड के आदिवासी नेतृत्व की क्षमता बढ़ती है, उन पर शिकंजा कसने की कोशिश शुरू हो जाती है। बाबा तिलका मांझी का इतिहास हो या सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो का इतिहास हो, पोटो हो का इतिहास हो या भगवान बिरसा मुंडा का इतिहास। आदिवासियों की सामाजिक व्यवस्था जल-जंगल-जमीन को बचाने की कोशिश की, तो पूरी दुनिया ने देखा कि उनके साथ क्या हो रहा है।

चंपई ने कहा कि भानु प्रताप शाही के 7 करोड़ रुपए ईडी ने जब्त किए, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। भानु प्रताप भाजपा में चले गए, इसलिए उन्हें नहीं पकड़ा गया। लेकिन हमारे हेमंत बाबू के खिलाफ कोई केस न होते हुए भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गलती यही थी कि वे झारखंड को और झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे।

उन्होंने ईडी, सीबीआई और आईटी पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये केंद्रीय एजेंसियां केंद्र की सरकार के इशारे पर काम करतीं हैं। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। बाबा भीमराव आंबेडकर और जयपाल सिंह मुंडा ने जो संविधान बनाया था, उसकी रक्षा के लिए, लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें आपके समर्थन की जरूरत है।

जमीन मेरे नाम हुई, तो छोड़ दूंगा झारखंड: हेमंत सोरेन

अवसर पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने सूबे के नए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के विश्वासमत के पक्ष में अपनी बातें रखीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में पहली बार 31 जनवरी की काली रात को किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई।

उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में नहीं है कि इससे पहले कभी इस तरह से किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हुई होगी। उन्होंने राजभवन पर भी निशाना साधा और गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, समय आने पर माकूल जवाब दूंगा।

विधानसभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं आदिवासी समाज से आता हूं। नियम, कायदे, कानून का अभाव है। बौद्धिक क्षमता हमारे शत्रु पक्ष के बराबर नहीं है। लेकिन, सही-गलत की समझ तो हर इंसान रखता है। हर जानवर भी रखता है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़ी सुनियोजित तरीके से, बड़े लंबे समय से, वर्ष 2022 से ही इसकी पटकथा लिखी जा रही थी। इस पकवान को बहुत धीमी आंच में पकाया जा रहा था। लेकिन, इनका पकवान पकने को तैयार नहीं था। येन-केन-प्रकारेण इन्होंने अपने लिए इस पकवान को परोस ही लिया। उन्होंने कहा कि बड़े ही सुनियोजित तरीके से इन लोगों ने मुझे अपनी गिरफ्त में लिया है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि बाबा भीमराव आंबेडकर ने सबको समानता का अधिकार दिया। इसके लिए उन्हें अपना धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपनाना पड़ा। आदिवासियों के साथ भी ऐसा ही होता दिख रहा है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि गरीबों, दलितों, पिछड़ों पर जो अत्याचार होते रहे हैं, उसका जीता जागता उदाहरण 31 जनवरी की रात को देखने को मिला। इन वर्गों के प्रति हमारे सत्ता पक्ष की घृणा, इतना द्वेष इनके मन में कहां से आता है, मेरी समझ से परे है।

हेमंत सोरेन बिना नाम लिए कहा कि इन्हीं के पाले हुए तंत्र यह कहते नहीं शरमाते कि ये जंगल में थे, तो इन्हें जगल में ही रहना चाहिए। हम जंगल से बाहर आ गए, इनक बराबर में बैठ गये। इनकी खबरें लेने लगे, तो हम इन्हें अछूत दिखने लगे। इन्हीं विडंबनाओं को तोड़ने का हमने प्रयास किया था। झारखंड आदिवासी, दलित बहुल पिछड़ा राज्य है। हमने इन सबको आगे बढ़ाने के लिए कोई कमी नहीं रखी।

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे विरोधियों का वश चले, तो हमें फिर जंगल में जाकर 100 साल पुराना जीवन व्यतीत करना पड़ेगा। मुझे इसका आभास था। इनके अंदर छुपी कुंठा आए दिन यह बयां करती थी। इनके आक्रमणों से मुझे एहसास हो रहा था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी।

उन्होंने कहा कि इन्हें लगता है कि मुझे जेल की सलाखों के पीछे डालकर ये अपने मंसूबों में सफल हो जाएंगे, तो बता दूं कि यह झारखंड है। देश का ऐसा राज्य है, जहां हर कोने में आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्गों के अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी देकर आदिवासियों, दलितों की जान बचाई है।

उल्लेखनीय है कि जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन का इस्तीफा के बाद हुई गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को गठबंधन के विधायक दल का नया नेता चुना गया था। चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और 2 फरवरी को राजभवन में उन्होंने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी।

(विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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