छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग ने माना मध्यप्रदेश पुलिस की मुठभेड़ है फर्जी, आदिवासी को नक्सली बताकर मार डाला

रायपुर। आदिवासी झाम सिंह की मौत के मामले को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान में ले लिया है। आयोग के सदस्य नितिन पोटाई समेत आयोग के सचिव इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को ग्राम बालसमुंद पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ मृतक के परिजनों से बात की, बल्कि घटना के चश्मदीद नेमसिंह से भी बातचीत की। नितिन पोटाई ने साफ किया कि आयोग मामले की विस्तृत जांच करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती जांच में स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश पुलिस ने एक आदिवासी की हत्या की है।

मध्य प्रदेश की बालाघाट पुलिस ने बीते रविवार को कथित नक्सल मुठभेड़ में कबीरधाम जिले के शीतलपानी ग्राम पंचायत के बालसमुंद गांव के आदिवासी झाम सिंह को मार दिया था।

नितिन पोटाई ने बताया कि मध्य प्रदेश की घड़ी पुलिस लाश को मध्य प्रदेश की सीमा के अंदर खींच ले गई, जबकि घटना छत्तीसगढ़ की सीमा के अंदर हुई थी। वहां के ग्रामीणों एवं चश्मदीदों से बातचीत करने के बाद स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस द्वारा मामले की लीपापोती करने का पूर्ण प्रयास किया गया। आयोग के सदस्य के संज्ञान में मामला आने के तुरंत बाद उनके द्वारा पीड़ित पक्ष को 40 किलो चावल और ₹दो हजार रुपये की नकद राशि पीड़ित पक्ष को दिलवाई गई। दोषियों पर उन्होंने कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

आयोग के सदस्य नितिन पोटाई ने कहा कि इस घटना में एक आदिवासी व्यक्ति की हत्या मध्य प्रदेश पुलिस ने की है। यह निंदनीय है और बिना किसी जांच-पड़ताल के किसी व्यक्ति के ऊपर गोली चलाना गंभीर आपराधिक कृत्य है। इस पर आयोग कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन का पीड़ित परिवार से नहीं मिलने के कारण पोटाई ने बोरला एसडीएम विनय सोनी को फटकार भी लगाई।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी नेम सिंह ने बताया कि वह और झाम सिंह मछली पकड़ने जंगल में गए थे। इसी दौरान दो वर्दीधारी लोग मिले और उन्होंने रुकने का इशारा किया। नहीं रुकने पर उन्होंने पीछे से गोली चला दी। एक गोली झाम सिंह को लगी और दूसरी गोली नेमसिंह के मछली पकड़ने वाली डंडी को लगी। झाम सिंह माओवादियों से जुड़ी किसी गतिविधि में शामिल नहीं थे। एक एकड़ जमीन पर फसल लगाकर वह पत्नी और तीन बच्चों का पालन-पोषण करते थे।

(छत्तीसगढ़ से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

तामेश्वर सिन्हा
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