पेगासस पर सिर्फ मोदी की जवाबदेही, लेकिन वो चुप क्यों हैं: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने इजराइली कंपनी एनएसओ के साथ कोई लेनदेन नहीं करने के रक्षा मंत्रालय के बयान को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि – “इस मामले पर केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे सकते हैं लेकिन वो चुप क्यों हैं ?”

पी. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा है, “रक्षा मंत्रालय ने NSO समूह, इज़राइल के साथ किसी भी सौदे से खुद को ‘दोषमुक्त’ किया है। अगर, रक्षा मंत्रालय सही है, तो एक मंत्रालय/विभाग को हटा देते हैं। बाकी आधा दर्जन सामान्य संदिग्धों के बारे में क्या ? सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से केवल पीएम ही जवाब दे सकते हैं वह चुप क्यों है ?

इससे पहले कांग्रेस की ओर से एक वीडियो जारी किया गया था जिसमें पीएम मोदी से उनकी बात सुनने की अपील की गई थी। रविवार को जारी हुए इस 3 मिनट के वीडियो का टाइटल है, ‘मिस्टर मोदी, हमारी बात सुनिये।

वीडियो को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पोस्ट करके लिखा, “ऐसा लगता है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने डर गए हैं। वह संसद में सवालों के जवाब देने के लिए इच्छुक क्यों नहीं हैं ? विपक्षी दल संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन भाजपा सरकार कार्यवाही रोक रही है ताकि सच्चाई लोगों तक न पहुंचे।”

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि, “हम पिछले 14 दिनों से जिस चर्चा की मांग कर रहे हैं, उसे आप नहीं होने दे रहे हैं। अगर आपमें हिम्मत है, तो अभी पेगासस पर चर्चा शुरू करें।”

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य वी. शिवदासन के एक सवाल के लिखित जवाब में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को लिखित जवाब में कहा था कि उसने एनएसओ समूह के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है।

मानसून सत्र की 16वीं बैठक गतिरोध की भेंट चढ़ी

संसद के मानसून सत्र की आज 16वीं बैठक पेगासस और कृषि क़ानून समेत अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के गतिरोध के भेंट चढ़ गया। आज भी पेगासस जासूसी कांड और अन्य अहम मुद्दों पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा में गतिरोध बनाये रखा। मंगलवार सुबह 11 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्‍यों ने गतिरोध शुरू कर दिया फलस्‍वरूप सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्‍थगित करनी पड़ी। जबकि राज्‍यसभा की कार्यवाही गतिरोध के कारण पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए, फिर 4 बजे तक के लिए और फिर बुधवार सुबह तक स्‍थगित कर दी गयी है।

सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर दिखाने लगे। हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही ई-कॉमर्स कंपनियों के विनियमन से संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए। आगे बिरला ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह विभिन्न विषयों पर चर्चा कराने को तैयार हैं। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय है। आप अपने स्थानों पर जाएं। मैं चर्चा कराना चाहता हूं।’’ वह आगे बोले- देश को अगर सशक्त बनाना है तो हमें यहां चर्चा और संवाद करना होगा। आप अपनी सीटों पर जाएं। मैं हर विषय पर चर्चा कराना चाहता हूं। आपको नारों के लिए नहीं, चर्चा के लिए यहां भेजा गया है। आपका यह तरीका गलत है। हालांकि, इसके बाद भी हंगामा जारी रहा।

विपक्षी सदस्यों के गतिरोध के कारण निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

कृषि कानूनों को लेकर विरोध दर्ज कराने के लिए संसद में आज कुछ विपक्षी सांसद जैसे आरजेडी के मनोज झा और ‘आप’ के सुशील गुप्‍ता काले रंग का कुर्ता पहनकर आये। कुछ कांग्रेस सांसद भी बांह पर काले रंग के बैंड बांधे दिखाई दिये। ‘आप’ सांसद सुशील गुप्‍ता ने कहा, ‘हम काले कपड़े पहनकर आज संसद आए थे। हमारी मांग है कि तीनों काले कृषि कानून वापस लिए जायें।

वहीं कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जिन सांसदों ने रूल बुक राज्यसभा में फेंके, वह चाहते थे कि राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन कानून और रूलबुक को पढ़ कर आयें। कानून के हिसाब से चलें। जब तक तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं होते हम इस मसले पर विरोध करते रहेंगे।

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