सीमा पर मिसाइल तैनात कर चीन ने की भारत की चौतरफा घेरेबंदी: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सीमा पर चीन द्वारा अपनी मिसाइलें तैनात करने की बात कही है। उसने कहा है कि सतह से सतह पर मार करने वाली इन मिसाइलों और उनसे जुड़े इस्टैब्लिशमेंट के सभी साधनों को सैटेलाइट के जरिये देखा गया है। 

इस मामले को लेकर स्पेशल प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि ये सारी सूचनाएं निष्पक्ष सिक्योरिटी एजेंसी और पहले से मीडिया में मौजूद सैटेलाइट तस्वीरों के जरिये हासिल की गयी हैं। उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए बहुत खतरनाक है, क्योंकि उनका जो भी मिसाइल का सिस्टम होगा, वह सीधे-सीधे भारत की सीमाओं और देश के लिए बेहद खतरनाक होने जा रहा है।

उन्होंने इस सिलसिले में वीडियो के जरिये सीमा पर स्थित दो स्थानों Doka La और Naku La को चिन्हित किया। उनका कहना था कि Naku La वह स्थान है जहां 9 मई को भारत और चीन की सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। इसमें भारत के 7 सैनिक जख्मी हुए थे। हालांकि चीन के भी कुछ सैनिकों को चोट आयी थी। इसके साथ ही उनका कहना था कि चीन चारों तरफ से भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने डोकलाम के मुद्दे को पार्लियामेंट में उठाया था। यह मामला बहुत दिनों से चल रहा है। लेकिन इस बीच, जो भी जरूरी पहल करनी चाहिए थी सरकार ने उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। उनका कहना था कि उस समय सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं। उन्होंने राज्य सभा में स्थिति स्पष्ट की थी। मौजूदा समय में चीनी सैनिकों की बढ़ती तैनाती ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है।

इसके साथ ही राजीव शुक्ला ने सिलीगुड़ी के बारे में भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने कांग्रेस के एक दूसरे प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की पहले की एक ब्रीफिंग का हवाला देते हुए कहा कि सिलीगुड़ी के ऊपर जिसे चिकेन नेक भी कहा जाता है, चीन ने अपना इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर लिया है। उनकी गतिविधियां वहाँ पर चल रही हैं। हर तरफ से भारत को घेरने का प्रयास चल रहा है।

उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि लद्दाख में क्या हुआ था, उत्तराखंड के लिपू लेक में क्या हुआ? वहाँ पर सड़क बना कर किस तरह से हमें घेरने की कोशिश की जा रही है। इस तरह से अगर लद्दाख सीमा को देखें, उत्तराखंड सीमा को देखें, पूरे नोर्थ ईस्ट को देखें तो हर जगह चीनी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ रहा है और अब साथ-साथ उसने मिसाइल के जो इस्टैब्लिशमेंट बनाने शुरु किए हैं। उससे यह चिंता और बढ़ गयी है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस मसले पर तुरंत अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए साथ ही इस पूरे मसले पर देश को अपने विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में बोला कि हमारा संकट क्या है कि रक्षा मंत्री कुछ बोलते हैं, विदेश मंत्री कुछ बोलते हैं, विदेश सचिव कुछ बोलते हैं, आदरणीय प्रधानमंत्री के यहां से कुछ बयान आता है।

इस तरह से पूरा देश भ्रम की स्थिति में है और असलियत क्या है किसी को नहीं पता। उन्होंने कहा कि अभी जब 14 सितंबर से संसद का सत्र शुरू होने जा रहा है तो विपक्षी दल के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कांग्रेस इस मसले को संसद में उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मसले पर देश को धोखे में नहीं रखना चाहिए।

इस मौके पर मौजूद सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि भाषण नहीं, अब हमें बताए कि भारत सरकार अपनी सीमा को बचाने के लिए क्या करने वाली है और कब तक करने वाली है।

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