असम में कांग्रेस नेता जयराम रमेश की गाड़ी पर बीजेपी कार्यकर्ताओं का हमला

नई दिल्ली। असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को मिले अभूतपूर्व समर्थन से बीजेपी बौखला गयी है। और वह जगह-जगह हिंसा पर उतर आयी है। दो दिन पहले उसके कार्यकर्ता रात में जै श्रीराम का नारे लगाते हुए यात्रा का पोस्टर फाड़ते देखे गए और अब उन लोगों ने राजनीति और नैतिकता की सारी सीमाएं लांघकर नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रविवार को उन्होंने असम के सोनितपुर जिले में कांग्रेस मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश की गाड़ी रोक ली और उसके शीशे तोड़ दिए। बताया जा रहा है कि इस दौरान वो लोग जयराम के साथ बेहद बदतमीजी से पेश आए। आज राहुल गांधी की यात्रा विस्वांथ जिले से सोनितपुर होते हुए नौगांव पहुंची।

रमेश ने अपनी एक्स पोस्ट में भी इसका जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि मेरी गाड़ी कुछ मिनटों पहले जामगृहाट सोनितपुर में बीजेपी के कुछ अराजकर तत्वों के हमले का निशाना बन गयी। उन्होंने शीशे पर लगी भारत जोड़ो यात्रा के स्टिकर फाड़ डाले।

इसके आगे उन्होंने लिखा है कि उन्होंने पानी भी फेंका और इसके साथ ही भारत जोड़ो न्याय यात्रा विरोधी नारे लगाए। लेकिन हम लोगों ने अपना धैर्य बनाए रखा। गुंडों के सामने हाथ हिलाया और आगे बढ़ गए। यह निश्चित तौर पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत विस्व सर्मा की कारस्तानी है। हम इससे डरने वाले नहीं हैं और आगे बढ़ते जाएंगे।

पार्टी की संचार संयोजिका महिमा सिंह ने बताया कि रमेश जी की कार और कुछ दूसरे लोग जो मुख्य यात्रा में शामिल होने जा रहे थे जामुगृहघाट के नजदीक हमले का निशाना बने।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने पुलिस को सूचित कर दिया है। और एएसपी इस समय मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी गाड़ी में चिपके न्याय यात्रा के स्टिकर को उन लोगों ने फाड़ दिया। और हमलावरों ने गाड़ी पर बीजेपी का झंडा लगाने की कोशिश की। इसके साथ ही साइड के शीशे को भी उन्होंने तोड़ डाला।

उन्होंने बताया कि न्याय यात्रा को कवर करने वाले एक व्लॉगर का कैमरा समेत उसके दूसरे सामानों को छीन लिया गया। इसके साथ ही पार्टी की सोशल मीडिया टीम के सदस्यों के साथ भी हाथापायी की गयी।

उन्होंने बताया कि बीजेपी का एक कार्यक्रम हो रहा था जिसकी कुछ तस्वीरें लेने के लिए मीडिया के कुछ सदस्य नीचे उतर गए थे। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने हम लोगों के लिए बेहद डरावनी स्थिति खड़ी कर दी है। वो लोग व्लॉगर का कैमरा देने से इंकार कर रहे थे। वो दावा कर रहे थे कि उन्होंने छीना ही नहीं है।

दरअसल यह सिलसिला सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत विस्व सर्मा के यात्रा के खिलाफ आए बयान के बाद ही शुरू हो गया था। जब उन्होंने बाकायदा पुलिस से एफआईआर दर्ज करवाई और सार्वजनिक बयान में कहा कि चुनाव बाद कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है। उसके बाद से ही इस तरह की घटनाएं शुरू हो गयी थीं।

हालांकि राहुल गांधी समेत दूसरे कांग्रेस नेता लगातार सर्मा के खिलाफ हमलावर हैं। उन्होंने सर्मा को देश का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री करार दिया है। कई सभाओं में वह खुलकर इसका ऐलान कर रहे हैं। उन्होंने सीधे कहा कि सर्मा डर गए हैं। और उसी का नतीजा है कि इस तरह के वह बयान दे रहे हैं। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि वह सर्मा की बंदर घुड़कियों से डरने वाले नहीं हैं। न ही वह मोदी से डरते हैं। आज नौगांव में हुई कांग्रेस की बड़ी सभा में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने भी सर्मा को अपना निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि वह मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहे हैं। लेकिन उससे कांग्रेस के कार्यकर्ता डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने सर्मा को दलित विरोधी करार दिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सूबे की हेमंत सरकार नौजवानों को रोजगार नहीं दे पा रही है तो उसे दूसरे मुद्दों में भटकाना चाहती है। लेकिन सूबे की जनता अब सब कुछ जान चुकी है। वह बीजेपी नेताओं के बहकावे में आने वाली नहीं है। 

Janchowk
Published by
Janchowk