भाजपा की ‘B टीम’ है असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM: कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने AIMIM पर बड़ा सियासी हमला बोला है। पार्टी ने न सिर्फ AIMIM को भाजपा की B टीम बताया है बल्कि ओवैसी को ‘भाजपाई तोता’ तक कह डाला है। पार्टी ने कहा कि जब-जब मोदी जी को हार नजर आती है, तब-तब वो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को अपने झोले से वोटों के ध्रुवीकरण के लिए बाहर निकालते हैं, ताकि हिंदू-मुसलमान की सियासत में विकास और तरक्की की नाकामी छिप जाएं और सरकारों से सवाल न पूछे जाएं।

पूर्णिया की प्रेस वार्ता में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इतना ही नहीं, असदुद्दीन ओवैसी के भाषणों की स्क्रिप्ट भी भाजपा बनाती है और स्क्रिप्ट को धार भी भाजपा कार्यालय में दी जाती है। उन्होंने ओवैसी को ‘भाजपा-असदुद्दीन ओवैसी’ बताया और बिंदुवार अपनी बात रखी। उन्होंने सवाल किया कि तेलंगाना प्रांत से आने वाले ओवैसी तेलंगाना में सिर्फ हैदराबाद के पुराने शहर के तथाकथित नेता हैं। तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से सिर्फ नौ सीटों पर ही चुनाव लड़ते हैं। तेलंगाना की एक ऐसी पार्टी, जिसका अस्तित्व ही नौ सीटों पर चुनाव लड़ना हो, वो बिहार के सीमांचल में 24 सीटों पर किसकी मदद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं?

सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि जो राजनीतिक दल अपने खुद के प्रदेश तेलंगाना में पुराने शहर के बाहर नहीं लड़ता, वो महाराष्ट्र, यूपी, झारखंड, बिहार जैसे प्रांतों में आखिर क्यों चुनाव लड़ता है? ये आज विचार का विषय है और वो भी सिर्फ विशेष इलाकों में। तेलंगाना में ओवैसी का गठबंधन सत्ताधारी ‘तेलंगाना राष्ट्र समिति’ (TRS) से है। पर TRS तो मोदी समर्थक है। अर्थात TRS की पीठ पर सवार असदुद्दीन ओवैसी फिर क्या मोदी समर्थक नहीं हैं? सुरजेवाला ने ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछा कि TRS सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) का कट्टर समर्थक है और मोदी के साथ खड़ा है और असदुद्दीन ओवैसी TRS के साथ हैं। परोक्ष रूप से यह भाजपा का समर्थन नहीं, तो क्या है?

सुरजेवाला ने कहा कि बिहार में असदुद्दीन ओवैसी ‘बसपा’ के साथ गठबंधन में हैं। बसपा ने हाल में ही उत्तर प्रदेश में भाजपा को समर्थन दिया है। तो फिर क्या असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM परोक्ष रूप से भाजपा समर्थक नहीं है? आंध्र प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी ने जगनमोहन रेड्डी की YSR पार्टी का समर्थन किया और चुनावी सभाएं कीं। अब जगनमोहन रेड्डी भी NDA का हिस्सा हैं। तो फिर असदुद्दीन ओवैसी परोक्ष रूप से भाजपा के समर्थक नहीं हैं तो क्या हैं?

उन्होंने सवाल उठाया कि हैदराबाद में पिछले 15 दिनों में जल भराव से 15 लोग मर गए और तेलंगाना में कुल 50 लोग मरे हैं। इसके बावजूद अपने संसदीय क्षेत्र हैदराबाद में जल भराव से मरने वाले लोगों की खैर खबर लेने के बजाय, ओवैसी सीमांचल को बाढ़मुक्त करने के झूठे वादे कर वोट बटोरने में व्यस्त हैं। जो तेलंगाना की राजधानी, हैदराबाद में अपने संसदीय क्षेत्र में जल भराव से होने वाली मौतों को नहीं रोक सकता, वह सीमांचल के बाढ़ प्रबंधन का क्या इंतजाम करेगा?

उन्होंने कहा कि ‘फूट डालो और बंटवारा करो’ की भाजपाई रणनीति ओवैसी जी अब सीमांचल में भी ले आए हैं। जोकीहाट, अररिया में सरफराज़ आलम के खिलाफ उन्हीं के सगे भाई, शाहनवाज़ आलम को AIMIM का उम्मीदवार बना परिवार तक को बांट डाला। ऐसे लोग बिहार और सीमांचल का क्या करेंगे? सुरजेवाला ने कहा कि एक छोटा सा राजनीतिक दल मोदी जी के 2014 में सत्ता में आने के बाद यकायक किसके इशारों पर हेलिकॉप्टरों से प्रचार करता है, बड़े-बड़े शामियानों में जलसे करता है। भाजपाई स्वरों को अपने गले की आवाज देता है? ये साधन कहां से आ रहे हैं और कौन जुटा रहा है?

उन्होंने पूछा कि मोदी जी ने सब राजनीतिक विरोधी पार्टियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स का खुला खेल खेला है और दुरुपयोग किया है। क्या कारण है कि असदुद्दीन ओवैसी और उसकी पार्टी की ओर कभी ईडी-सीबीआई और इनकम टैक्स ने कभी मुंह उठा कर नहीं देखा? उन्होंने कहा कि भाजपाई सत्ता का ‘अतिथि कलाकार’ असदुद्दीन ओवैसी पूरी तरह बेनकाब हो चुका है। ज्यादा दिन भाजपा AIMIM नाम की काठ की हांडी वोटों के ध्रुवीकरण के लिए नहीं चढ़ा सकती।

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बिहार में युवाओं के रोजगार, किसानों का कर्ज माफ, बिजली बिल हाफ, बेटियों को मुफ्त शिक्षा का इंसाफ, शिक्षा-उद्योगों की तरक्की, पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक भाईयों और बिहार की तरक्की पक्की वाली महागठबंधन सरकार बनाने के लिए वोट दें।

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