मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में कांग्रेस ने दिया मौन धरना, मीडिया को कवरेज से रोका गया

मध्य प्रदेश में आज से शुरू हुए तीन दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के समीप पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ सहित सभी विधायकों ने मौन धरना दिया। इस दौरान सभी विधायक हाथ में ट्रैक्टर के खिलौने लिए रहे।

प्रदेश कांग्रेस ने स्थापना दिवस पर 28 दिसंबर को ट्रैक्टर से विधानसभा के घेराव की तैयारी की थी, लेकिन विधानसभा का सत्र कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से स्थगित कर दिया गया। इसके कारण कांग्रेस ने प्रदर्शन का स्वरूप बदलकर गांधी प्रतिमा के समीप मौन धरना देने का निर्णय किया। स्थापना दिवस का कार्यक्रम प्रदेश कार्यालय में होने के बाद सभी विधायक अपने-अपने वाहनों से विधानसभा पहुंच गए। विधायकों ने हाथ में खिलौना ट्रैक्टर लेकर मौन धरना दिया।

इसके पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर सेवादल ने किसानों के समर्थन में मार्च निकाला। इस दौरान भोपाल कांग्रेस के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, अवनीश भार्गव छोटा ट्रैक्टर लेकर पहुंचे। किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर भी इस पर सवार हुए और कुछ दूर तक चलाकर सांकेतिक प्रदर्शन किया। विधानसभा के बाहर पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा, “सरकार ने कांग्रेस के प्रदर्शन से घबराकर किसानों को भोपाल आने से रोक दिया। शहर के बाहर पुलिस ने घेराबंदी की। कृषि कानूनों में यदि कोई गड़बड़ी नहीं है तो फिर किसान दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।”

वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्ता में लौटने पर एमएसपी की गारंटी देने का वादा करते हुए कहा, “हमारी सरकार बनी तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अनिवार्य किया जाएगा। इसके लिए कानून बनाया जाएगा। कांग्रेस हमेशा से किसानों के साथ रही है। पहले 72 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी की और मध्य प्रदेश में सरकार रहने के दौरान दो लाख रुपये तक की कर्जमाफी दी।”

वहीं कांग्रेस के प्रदर्शनों को मीडिया कवरेज नहीं करने दिया गया। एनडीटीवी के पत्रकार अनुराग द्वारी ने एक वीडियो शेयर करके लिखा है, “ये कैसी तानाशाही है, आप मीडिया को विपक्ष का प्रदर्शन तक कवर करने से रोक देते हैं, दूसरी बार ये हुआ है! विधानसभा जाने के सारे रास्ते बंद हैं।”

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