मराठा आरक्षण की मांग पर महाराष्ट्र के जालना में भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने फूंकी गाड़ियां

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के जालना जिले में शनिवार 2 सितंबर को उस समय हिंसा भड़क गई जब सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर गाड़ियों में आग लगा दी। अंबाड में एक ट्रक जला दिया गया और दूसरी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया। 

जालना में शुक्रवार को भी हिंसा भड़क गई थी। प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और कथित तौर पर उन पर पथराव भी किया था। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने कहा कि अंबाद तहसील के अंतरवाली सारथी गांव में झड़प के दौरान लगभग 20 प्रदर्शनकारी और 37 पुलिसकर्मी घायल हो गए। 

पिछले कुछ दिनों से स्थानीय मराठा नेता मनोज जारांगे के नेतृत्व में सैकड़ों प्रदर्शनकारी आरक्षण की मांग को लेकर अंतरवाली सारथी गांव में भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।

मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार आज जालना का दौरा करने वाले हैं। उनका यह दौरा मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल के हिंसक हो जाने के एक दिन बाद हो रहा है। 

पवार ने इस घटना की सार्वजनिक रूप से निंदा की और कहा कि “महाराष्ट्र में इस समय केवल और केवल तानाशाही चल रही है। जालना में हुई इस अमानवीय घटना के लिए राज्य का गृह मंत्रालय जिम्मेदार है और मैं सार्वजनिक रूप से इस घटना की निंदा करता हूं।”

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं। शिवसेना(यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे भी आज जालना के दौर पर हैं।

आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी जालना में भूख हड़ताल पर बैठे हैं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में महाराष्ट्र के बीड में शनिवार 2 सितंबर को बंद का आयोजन किया। 

इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार 1 सितंबर को जालना की अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर रोड पर अंतरवाली सारथी में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। क्योंकि भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अधिकारियों को भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया था। 

अधिकारियों ने बताया कि बीड में मराठा क्रांति मोर्चा की ओर से बुलाया गया बंद ज्यादातर शांतिपूर्ण रहा। हालांकि माजलगांव से पथराव की घटनाएं सामने आईं, जबकि निजी और सरकारी बसें सड़कों से नदारद रहीं। उन्होंने बताया कि माजलगांव शहर में शिवाजी चौक, नए बस स्टेशन, पूर्णावाड़ी बैंक और संभाजी चौक के पास एक होटल पर पथराव किया गया। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि पथराव का सिर्फ एक मामला सामने आया है।

अधिकारियों ने बताया कि बंद के तहत गेवराई में सड़क नाकाबंदी शांतिपूर्वक समाप्त हो गई। एक अधिकारी के मुताबिक मुख्य विरोध प्रदर्शन छत्रपति शिवाजी महाराज चौक और बीड कलेक्ट्रेट के सामने हुआ। जबकि बंद से जिले के धारूर, अष्टी और अंबाजोगाई तालुका जैसे इलाके भी प्रभावित हुए।

(ज्यादातर इनपुट इंडियन एक्सप्रेस से लिए गए हैं।)

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