प्रियंका गांधी से मिले डॉ. कफ़ील

जेल से छूटने के बाद डॉक्टर कफ़ील खान ने आज सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की। प्रियंका गांधी ने डॉ. कफील की जेल से रिहाई के बाद उनसे और उनके परिजनों से फोन पर बातचीत कर हालचाल लिया था और हर संभव मदद का वादा किया था।

डॉ. कफ़ील खान परिवार के साथ दिल्ली में प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे। उनके साथ पत्नी और बच्चे भी थे। मुलाकात के दौरान यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम भी मौजूद रहे। इसे शिष्टाचार की मुलाकात बताया जा रहा है।

यूपी में कांग्रेस पार्टी ने डॉ. कफ़ील की रिहाई के लिए अभियान चलाया था। पूरे सूबे में हस्ताक्षर अभियान के साथ ही विरोध-प्रदर्शन और पत्र लिखकर कांग्रेसियों ने डॉ. कफ़ील की रिहाई के लिए आवाज़ बुलंद की थी।

दूसरी तरफ आज प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का मामला यूपी सरकार के सामने उठाया है। उन्होंने ट्वीट में कहा है,

“आज उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तहत VDO 2018 के युवा प्रतिभागियों से संवाद में उन्होंने बताया कि ये लोग परीक्षा दे चुके हैं, रिजल्ट आ चुका है लेकिन नियुक्ति नहीं मिली।

सरकार नहीं बताती कि नियुक्ति क्यों रूकी है। भर्तियों पर हो रही सरकार की मीटिंग से इन्हें न्याय मिलना चाहिए।”

महासचिव ने आज ग्राम विकास अधिकारी और दारोगा भर्ती के अभ्यर्थियों से भी बातचीत की। गौरतलब है कि ग्राम विकास अधिकारी(VDO) की परीक्षा 2018 में हुई थी लेकिन अभी तक प्रतिभागियों की नियुक्ति नहीं हुई है। दारोगा भर्ती 2016 से लटकी पड़ी है।

गाँधी ने ट्वीट करते करते हुए कहा कि “युवा आक्रोश के बाद जागी यूपी सरकार आज बैठक कर भर्तियों पर विचार कर रही है। युवा जानना चाहते हैं कि सरकार गंभीर होकर प्रत्येक भर्ती के लिए सभी मसले सुलझाकर नियुक्ति की पक्की डेडलाइन का ब्योरा रखेगी या नहीं? भर्तियों में देरी, उन्हें अटकाना-भटकाना युवा के साथ अन्याय है। यह बंद करिए।”

प्रियंका गाँधी ने दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा कि “वीडीओ 2018 के युवा प्रतिभागियों से संवाद में उन्होंने बताया कि यह लोग परीक्षा दे चुके हैं, रिजल्ट आ चुका है लेकिन नियुक्ति नहीं मिली। सरकार नहीं बताती कि नियुक्ति क्यों रुकी है। भर्तियों पर हो रही सरकार की मीटिंग से इन्हें न्याय मिलना चाहिए।”

उन्होंने एसआई भर्ती के प्रतिभागियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि “यूपी में एसआई भर्ती के लोगों से आज संवाद किया। एक बात कॉमन है कि सरकार की तरफ से न तो कोई साफ़ कम्युनिकेशन है और न ही कोई डेडलाइन। येनकेन प्रकारेण भर्ती प्रक्रिया फँस जाती है या फँसा दी जाती है। सरकार को युवाओं को रोजगार का हक देना चाहिए न कि यह चिंता कि कब मिलेगी उनके हक की भर्ती।”

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