दिल्ली में दमन विरोधी दिवस मना रहे वकीलों की सभा को जबरन बंद कराने की कोशिश

‘गिरफ्तार किसानों को रिहा करो’, किसान नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लो’, ‘तीनों कृषि कानून रद्द करो’ और ‘बिजली बिल 2020 वापस लो’ नारे के साथ आज प्रगतिशील महिला संगठन दिल्ली लॉयर्स कमेटी की ओर से कड़कड़डूमा कोर्ट के सामने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर दमन विरोधी दिवस मनाया। बड़ी संख्या में वकीलों ने इस अवसर पर हुई सभा में भाग लिया। जब एडवोकेट पूनम कौशिक तीनों कानूनों के प्रावधानों को सामने रखते हुए इनके जनविरोधी चरित्र की व्याख्या कर रही थीं, तो कुछ असमाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण ढंग से चल रही सभा को भंग करने का प्रयास किया, परन्तु बड़ी संख्या में मौजूद वकील मौके पर डटे रहे और इन तत्वों को वहां से चले जाने पर मजबूर कर दिया।

प्रगतिशील महिला संगठन दिल्ली की अध्यक्ष शोभा, महासचिव एडवोकेट पूनम कौशिक, एडवोकेट जेवी सिंह, अध्यक्ष एससीएसटी एसोसिएशन ने संबोधित किया। इस दौरान एडवोकेट सावित्री सिंह, सुनीता बंसल, कंचन बाला समेत बड़ी संख्या में महिला वकील भी शामिल रहीं।

वहीं दूसरी ओर आज बारा में भी दमन विरोधी दिवस मनाया गया। अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के जिला प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र एसडीएम बारा को सौपा। प्रतिनिधि मंडल में एआईकेएमएस के प्रदेश सचिव हीरा लाल, जिला अध्यक्ष राम कैलाश कुशवाहा,  जिला सचिव राज कुमार पथिक, राजेश आदिवासी, शंकर लाल गुप्ता, अमरनाथ आदि शामिल रहे।

मांग पत्र में किसान आंदोलन के दौरान जेलों में बंद निर्दोष किसानों की बिना शर्त रिहाई और झूठे केसों और जारी किए जा रहे नोटिस रदद् करने एवं तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कुछ अन्य मांगों को शामिल किया गया था। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में, पिछले तीन महीनों से, किसान अनिश्चित काल के लिए दिल्ली के आसपास धरने पर बैठे हैं।

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