सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर इलाहाबाद विवि के दलित प्रोफेसर पर FIR, आइसा ने किया विरोध

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं प्राचीन इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉक्टर विक्रम हरिजन पर भगवान राम और कृष्ण पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है। सोशल मीडिया पोस्ट में हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में 22 अक्टूबर को प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में केस दर्ज किया गया है।

विश्व हिन्दू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल ने दलित समुदाय से आने वाले सहायक प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस के अनुसार विश्व हिन्दू परिषद के जिला संयोजक शुभम की शिकायत पर प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

शुभम की अपनी शिकायत में कहा है कि सहायक प्रोफेसर विक्रम हरिजन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक और घृणास्पद पोस्ट लिखते रहते हैं। यहां तक कि उन्होंने भगवान राम और कृष्ण के खिलाफ भी टिप्पणियां की हैं।

प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) के तहत केस दर्ज किया गया है।

डॉ विक्रम में अपनी पोस्ट में क्या लिखा था?

प्रोफेसर डॉक्टर विक्रम हरिजन ने X पर पोस्ट लिखते हुए भगवान राम और कृष्ण को जेल में डालने की बात कही थी।

https://twitter.com/ProfDrVikram1/status/1715912630186209433

प्रोफेसर विक्रम के समर्थन में आया आइसा

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का विरोध किया है। आइसा ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दलित असिस्टेंट प्रोफेसर पर सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर प्रयागराज पुलिस द्वारा दर्ज किया गया मुकदमा बेहद शर्मनाक है। प्रयागराज पुलिस हिंदूवादी संगठनों के दबाव में दलित विरोधी रवैया अख़्तियार कर प्रोफेसर विक्रम पर मुकदमा दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

आइसा ने कहा कि प्रोफेसर विक्रम सामाजिक मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखते रहे हैं, इसी क्रम में वह फेसबुक और एक्स (ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी अपनी बातों को लिखते रहे हैं। फीस वृद्धि विरोधी आंदोलन में लगातार उन्होंने छात्र-छात्राओं के हित की बात की है। सिर्फ सोशल मीडिया साइट पर अपनी बात रखने पर भावना भड़काने का आरोप लगाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करना न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।

आइसा ने कहा कि एक तरफ यूपी पुलिस, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह के खिलाफ कोई कर्रवाई नहीं कर रही है, जिन्होंने छात्र नेता विवेक को लाठी से पीट कर बुरी तरह घायल कर दिया था, वहीं दूसरी तरफ हिंदूवादी संगठनों के दबाव में आकर प्रयागराज पुलिस सोशल मीडिया पर अपनी बात कहने मात्र से एक दलित प्रोफेसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कर रही हैं, जो साफ तौर पर पुलिस प्रशासन के दलित विरोधी रवैया की ओर इशारा करता है।

आइसा ने कहा सोशल मीडिया पर टिप्पणी के आधार पर डॉ विक्रम पर दर्ज किए गए मुकदमे को तत्काल वापस लिया जाए और चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह द्वारा आइसा नेता विवेक के ऊपर लाठी डंडे से हमला करने को लेकर मुकदमा दर्ज कर जरूरी कार्रवाई की जाए।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments