छेड़छाड़ के आरोप में फंसे हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का इस्तीफ़ा

यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे हरियाणा सरकार में मंत्री प्रसिद्ध हाकी खिलाड़ी संदीप सिंह को खेल मंत्री का पद छोड़ना पड़ा है। संदीप सिंह ने महिला कोच के आरोपों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद खेल विभाग सीएम खट्टर को सौंप दिया है। पीड़ित महिला ने 30 दिसंबर 2022 को छेड़छाड़ के मामले में चंडीगढ़ पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। डीजीपी की ओर से तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन कर दिया गया है।

दरअसल, किसी बड़े मंत्री/अफसर के खिलाफ ऐसा मामला पहली बार नहीं है। इससे पहले भी हरियाणा-पंजाब में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें आला अफसरों ने अपने पद और पेश को शर्मसार किया। ऐसे आला अधिकारियों की शर्मनाक करतूतों ने कई बार देश में सुर्खियां बटोरीं। इनमें कुछ मामले तो आज भी लोगों के जेहन में किसी बदरंग कहानी की तरह जिंदा हैं।

पीड़ित महिला कोच ने अंबाला में गृह मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, “मैंने उनकी बात सुनी है। मैं मंत्री से भी बात करूंगा और मुख्यमंत्री से भी बात करूंगा। इंसाफ किया जाएगा। हर बात को मैंने ध्यान से सुना है, इंसाफ दिलाना हमारा काम है।

डीएसपी राम गोपाल ने कहा, “हरियाणा की एक महिला कोच ने 30 दिसंबर को चंड़ीगढ़ पुलिस से हरियाणा के खेल मंत्री (संदीप सिंह) के खिलाफ शिकायत की थी। मामले में IPC की धारा 354, 354ए, 354बी, 342 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है।”

खुद पर लगे आरोपों पर संदीप सिंह ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, “मेरी छवि को खराब करन के लिए माहौल बनाया गया है।”

हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में पीड़ित महिला ने 30 दिसंबर 2022 को छेड़छाड़ के मामले में चंडीगढ़ पुलिस को लिखित शिकायत दी थी। शुक्रवार को चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय पहुंची पीड़िता से पुलिस ने कुछ सवाल भी किए और उसका बयान दर्ज किया था। अब एफआईआर दर्ज होने के मामले की जांच शुरू हो गई है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद मंत्री संदीप सिंह ने इस्तीफा दे दिया और स्वतंत्र जांच की मांग की। संदीप ने आरोपों को खारिज कर दिया। हरियाणा की एक महिला जूनियर एथलेटिक्स कोच ने आरोप लगाया कि राज्य के खेल मंत्री संदीप सिंह ने चंडीगढ़ में सरकारी आवास पर यौन दुराचार किया। संदीप सिंह पूर्व हॉकी खिलाड़ी भी हैं और कई अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का नेतृत्व किया है।

महिला कोच का आरोप है कि मंत्री ने उसे एक जिम में देखा। फिर वो उसे मैसेज भेजने लगे। मिलने को बुलाने लगे। मेरी इंस्टाग्राम पोस्ट पर भी मैसेज किया। एक बार मैं उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझसे अभद्रता की। महिला कोच ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि पूर्व हॉकी कप्तान और कुरुक्षेत्र के पिहोवा से बीजेपी विधायक संदीप सिंह ने चंडीगढ़ में उनके सरकारी आवास पर यौन दुराचार किया।

इस बीच मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला उनके दफ्तर पर आई थी, उसके काम के लिए उन्होंने स्पोर्ट्स डायरेक्टर को फोन भी किया था। चूंकि उस महिला ने एक राजनीतिक दल के दफ्तर में बैठकर आरोप लगाए हैं तो इसकी जांच होना ही चाहिए।

अक्टूबर 2019 में अपने पहले चुनाव में पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी सिंह ने कुरुक्षेत्र के पिहोवा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के मनदीप सिंह को 5,314 मतों के अंतर से हराया था।

खेल की दुनिया में ‘‘फ्लिकर सिंह’’ के नाम से मशहूर संदीप सिंह उन तीन खिलाड़ियों में शुमार थे, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2019 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा था। सिंह के अलावा चुनाव मैदान में उतरीं पहलवान बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त को शिकस्त का सामना करना पड़ा था। पार्टी के सिख चेहरे सिंह को बाद में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।

कुरुक्षेत्र के शाहबाद से आने वाले पूर्व हॉकी खिलाड़ी 2006 में ट्रेन में गोली लगने के बाद पक्षाघात से ग्रसित हो गये थे और वह दो साल तक व्हीलचेयर के सहारे रहें. लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और बाद में राष्ट्रीय हॉकी टीम में जोरदार वापसी की।गोली लगने के घाव से उबरने और प्रशिक्षण के बाद सिंह ने 2008 के सुल्तान अजलान शाह कप में अपने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया और बाद में उन्हें भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया।उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 2009 में सुल्तान अजलान शाह कप जीता था।वर्ष 2018 में, सिंह के जीवन पर आधारित ‘‘सूरमा’’ फिल्म बनी थी।

गौरतलब है किपहले छेड़छाड़ के मामले में अधिकतम दो साल कैद की सजा का प्रावधान था, लेकिन निर्भया केस के बाद कानून में बदलाव हुआ है और अब छेड़छाड़ को विस्तार से व्याख्या करते हुए उसमें सजा के सख्त प्रावधान किए गए हैं।2013 में जब कानून में संशोधन हुआ है उसके बाद के मामलों में छेड़छाड़ के लिए नए कानून के तहत सजा का प्रावधान है।

अब 354 के तहत छेड़छाड़ के मामले में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 5 साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही कम से कम एक साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है और इसे गैर-जमानती अपराध माना गया है।आईपीसी की धारा-354 ए, 354 बी, 354 सी और 354 डी बनाया गया है। धारा 354 एक के चार पार्ट हैं। इसके तहत कानूनी व्याख्या की गई है कि अगर कोई शख्स किसी महिला के साथ सेक्सुआल नेचर का फिजिकल टच करता है या फिर ऐसा कंडक्ट दिखाता है जो सेक्सुअल कलर लिया हुआ हो तो 354 ए पार्ट 1 लगेगा। वहीं सेक्सुअल डिमांड करने पर पार्ट 2, मर्जी के खिलाफ पोर्न दिखाने पर पार्ट 3 और सेक्सुअल कलर वाले कंमेंट पर पार्ट 4 लगता है। 354 ए के पार्ट 4 में एक साल तक कैद जबकि बाकी तीनों पार्ट में 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।

नए कानून के तहत अगर कोई शख्स जबरन महिला का कपड़ा उतरवाता है या फिर उकसाता है तो धारा-354 बी के तहत केस दर्ज होगा और दोषी को 3 साल से लेकर 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है और मामला गैर जमानती होगा। महिला के प्राइवेट एक्ट का फोटोग्राफ लेना और बांटने के मामले में आईपीसी की धारा-354 सी लगती है दोषी को एक साल से तीन साल तक कैद का प्रावधान है दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 3 साल से 7 साल तक कैद की सजा हो सकती है और यह गैर जमानती अपराध होगा। वहीं लड़की या महिला का पीछा करना और कॉन्टैक्ट करने का प्रयास यानी स्टॉकिंग के मामले में आईपीसी की धारा-354 डी के तहत केस दर्ज होगा और दोषी को तीन साल तक कैद हो सकती है।

किसी मंत्री के खिलाफ ऐसा मामला पहली बार नहीं है. इससे पहले भी हरियाणा-पंजाब में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें आला अफसरों ने अपने पद और पेशे को शर्मसार किया. ऐसे आला अधिकारियों की शर्मनाक करतूतों ने कई बार देश में सुर्खियां बटोरी हैं।हाल ही में हरियाणा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हेमंत कलशन के खिलाफ एक महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि आईपीएस अफसर हेमंत ने उस महिला के घर में घुसकर बदतमीजी की थी। आईजी पर एक शख्स के साथ लड़ाई-झगड़ा करने का भी आरोप है।

हरियाणा पुलिस के मुताबिक बीती 21 अगस्त को एक महिला ने पुलिस महानिरिक्षक हेमंत कलशन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि हेमंत कलशन ने उनके घर में घुसकर उनके और उनकी बेटी के साथ बदसलूकी की थी। थाना पिन्जौर में हेमंत कलसन के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. और फिर आरोपी आईपीएस को गिरफ्तार कर लिया गया।

रूपन देओल बजाज पंजाब कैडर में आईएएस अधिकारी थीं. वो अपने काम और बर्ताव के लिए लोकप्रिय थीं।मगर साल 1988 में रूपन देओल बजाज का नाम अचानक देश की मीडिया में छा गया। दरअसल रूपन ने पंजाब के तत्कालीन डीजीपी केपीएस गिल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पंजाब के पुलिस महानिदेशक पद पर आसीन गिल बहुत ताकतवर माने जाते थे। उन्होंने इस मामले को दबाने और निपटाने की हरसंभव कोशिश की लेकिन रूपन देओल ने हार नहीं मानी।17 साल तक वो कानूनी लड़ाई लड़ती रहीं और आखिरकार अदालत ने उनके साथ इंसाफ किया। उस वक्त अदालत ने केपीएस गिल को आईपीसी की धारा 305 और 509 के तहत दोषी करार दिया था।

टेनिस प्लेयर रुचिका गिरहोत्रा बड़ी होनहार थी।उसने टेनिस में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी थी. लोग उसे जानने लगे थे।मगर 12 अगस्त 1990 के दिन 14 साल की टेनिस खिलाड़ी रुचिका गिरहोत्रा के साथ हरियाणा पुलिस के तत्कालीन इंस्पेक्टर जनरल, एसपीएस राठौर ने अपने ऑफिस में छेड़छाड़ की।उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इतना बड़ा पुलिस अफसर उसके साथ इतनी गंदी हरकत कर सकता है।

रुचिका ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई।नतीजा ये हुआ कि राज्य की पुलिस ने उनके पूरे परिवार को परेशान किया। आरोपी एसपीएस राठौर को खाकी का सरंक्षण हासिल था। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी।. लिहाजा नाउम्मीद होकर 28 दिसंबर 1993 को रुचिका ने आत्महत्या कर ली।

वर्ष 1998 में कोर्ट ने इस केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दी। सीबीआई ने जांच की और अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। साल 2010 में आरोपी आईजी राठौर के खिलाफ रुचिका को आत्महत्या के लिए उकसाने का एक नया केस दर्ज किया गया। हालांकि, अदालत ने 2016 में राठौर को पीड़ित के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया। लेकिन उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोपी नहीं माना था।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं।)

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