हाथरस: दलित बच्ची के साथ सवर्ण दरिंदों की हैवानियत; जीभ काटी, गैंगरेप किया और फिर तोड़ी दी रीढ़ की हड्डी

नई दिल्ली/हाथरस । हाथरस में दलित उत्पीड़न की एक खौफनाक और हाहाकारी घटना सामने आयी है। यहां एक 19 साल की दलित बच्ची के साथ दरिंदों ने वह व्यवहार किया है जिसको देखकर मानवता की भी रूह कांप जाए। वहशी जंगलियों ने पहले उसकी जीभ काटी। फिर उसके गर्दन पर वार किया। उसके बाद उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। और उसके बाद उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। और यह सब कुछ उसके गांव के कथित ऊपरी जाति के चार हैवानों ने अंजाम दिया है। घटना के बाद से पीड़िता अलीगढ़ के एक अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। उसके दोनों हाथ और पैर पैरलाइज हो चुके हैं। जीभ कटने के चलते उसकी आवाज भी चली गयी है। 

आरोपियों में तीन की गिरफ्तारी हो चुकी है और एक अभी भी फरार है। इनके खिलाफ गैंगरेप, हत्या की कोशिश और एसएसी-एसटी एक्ट के तहत धाराएं लगायी गयी हैं। ऐसा हाथरस के सुपरिटेंडेंट विक्रांत वीर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया। महिला ने बुधवार को पुलिस के सामने अपना बयान दिया।

घटना 12 दिन पहले की है। जब बच्ची और उसकी मां अपने घर से कुछ दूर पर पशुओं के लिए चारा काटने गयी थीं। बच्ची की मां ने अपने घर के बाहर रोते हुए बताया कि “मैं उससे 100 की दूरी पर बैठी थी। मैं उसे बचा सकती थी। लेकिन अगर मुझे सुनने में दिक्कत नहीं होती।”

परिवार का कहना है कि मुख्य आरोपी 20 वर्षीय संदीप और उसका परिवार उसके घर के ही करीब रहते हैं। वे हमेशा इलाके के दलितों को परेशान करते रहते हैं। उस घटना को तकरीबन दो दशक बीत गए हैं जब संदीप के बाबा एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार हुए थे और कथित तौर पर पीड़िता के बाबा को किसी छोटे मसले पर प्रताड़ित करने के लिए तीन महीने की जेल काटी थी।

तकरीबन 600 परिवारों के गांव में आधे ठाकुर हैं। जबकि ब्राह्मण परिवारों की संख्या 100 है। और इनके बीच महज 15 परिवार दलितों के हैं।

14 सितंबर की सुबह उनमें से तीन चारा इकट्ठा करने के लिए गए थे। लेकिन महिला ने अपने बेटे को कहीं और भेज दिया। “तकरीबन 9.45 बजे सुबह मैं मुड़कर देखी तो मेरी बेटी वहां नहीं थी। मैंने सोचा वह घर चली गयी होगी लेकिन तभी मुझे उसकी गुलाबी चप्पल दिखी। हमने कुछ देर तक उसकी खोज की उसके बाद उसे एक पेड़ के नीचे पाया।”

19 वर्षीय बच्ची खून के बीच पड़ी हुई थी जो उसके मुंह, गर्दन और आंख से लगातार बाहर आ रहा था। परिवार का कहना है कि उसका दुपट्टा उसकी गर्दन से बंधा हुआ था। जिला अस्पताल जहां उसे सबसे पहली बार ले जाया गया, ने उसे अलीगढ़ शिफ्ट करने की सलाह दी।

परिवार के मुताबिक बच्ची ने उन्हें बताया कि “संदीप ने किया है।”

बच्ची का भाई जो मजदूरी का काम करता है, ने संदीप के खिलाफ शिकायत की है। इस बीच, 20 वर्षीय संदीप, उसके चाचा रवि और उसके एक मित्र लवकुश को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि चौथा आरोपी रामू फरार है।

भाई का कहना है कि 19 साल पहले की घटना ने दोनों परिवारों के बीच शत्रुता के बीज बो दिए थे लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ था। “वे ऊंची जाति के हैं और हमेशा हम लोगों को हमारे नाम से बुलाते हैं। हम उस पर ध्यान नहीं देते। संदीप शराबी है और महिलाओं को परेशान करता रहता है। लेकिन अभी तक किसी ने इसकी शिकायत नहीं की थी।”

मां का कहना है कि घटना के बाद बच्ची ने उन्हें बताया था कि संदीप और रवि उसके पहले भी उसे धमकी दे चुके थे। चिल्लाने के अंदाज में रोते हुए वह कहती है काश, उसकी बेटी इस बात को उसे पहले बतायी होती। “उन लोगों ने उसका अपहरण करने की कोशिश की थी लेकिन वह भाग गयी……उसने पुलिस को बताया कि वह घर से इसलिए बाहर निकलने से डरती थी कि संदीप उसे परेशान करेगा। काश यह सब कुछ मुझे पता होता। अब इसमें बहुत देरी हो गयी है, मैं उम्मीद करती हूं कि वह जिंदा रहे।”

उसका इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि “रीढ़ के क्षतिग्रस्त हो जाने के चलते पीड़िता के सभी चारों हाथ और पैर पैरलाइज हो चुके हैं और यहां तक कि उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही है।”

एसपी विक्रांत ने बताया कि “हम परिवार की सहायता करने की कोशिश कर रहे हैं और उन आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहते हैं। चार आरोपियों में तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। और बचे भगोड़े शख्स की हमारी टीम तलाश कर रही है। महिला की हालत गंभीर है। यहां तक कि सही तरीके से वह अपना बयान भी दर्ज नहीं करा सकती है। उसके भाई द्वारा एक एफआईआर दर्ज करायी गयी है। और एक महिला कांस्टेबल की मदद से हमने उसके बयान को रिकॉर्ड किया है।” 

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