मैंने अपने बेटे को खो दिया, लेकिन अब राष्ट्र को नहीं खोने दूंगी: राधिका वेमुला

हैदराबाद। मैंने अपने बच्चे को इसलिए खो दिया क्योंकि उस समय मुझे पता नहीं था कि कैसे उसे बचाया जा सकता था। लेकिन अब हम लोगों ने फैसला किया है कि हम अपने राष्ट्र को नहीं खोएंगे। हम अपने राष्ट्र को बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। ये बातें रोहिता वेमुला की मां राधिका वेमुला ने हैदराबाद में अपने बेटे की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि हम सीएए-एनआरसी-एनपीआर का विरोध उन माओं की तरह करेंगे जिन्होंने अपने बच्चों को अन्याय और उत्पीड़न में खो दिया है।

वी दि पीपुल के नाम से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ आयोजित इस सभा को स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव और  दलित बहुजन फ्रंट के पी शंकर ने संबोधित किया।

लामाकान की ओर से हैदराबाद के बंजारा हिल्स में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुस्लिम वुमेंस फोरम की प्रोफेसर आसमा रशीद ने कहा कि “नागरिकता संशोधन कानून साफ तौर पर असंवैधानिक है और पूरी एनपीआर-एनआरसी प्रक्रिया ही सामाजिक न्याय के खिलाफ है”। दलित बहुजन फ्रंट के पी शंकर ने कहा कि “मेरे पास आधिकारिक जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। मेरे माता-पिता द्वारा रिकार्ड में मेरी जन्मतिथि दर्ज ही नहीं की गयी लेकिन मेरे शिक्षक ने स्कूल में उसका रिकार्ड रखा है।

रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला संबोधित करते हुए।

तो क्या इसका मतलब है कि मैं नागरिक नहीं हूं? अमित शाह और मोदी कौन होते हैं इस बात को पूछने वाले कि मैं नागरिक हूं या नहीं? यह मामला न केवल मुसलमानों के लिए चिंता की बात होनी चाहिए बल्कि हम सब के लिए। खासकर दलित और हासिए के लोगों के लिए”।

राधिका वेमुला ने आगे कहा कि “रोहित ने चार साल पहले ही कहा था कि नागरिक केवल अब वोट और एक नंबर में सीमित होने जा रहे हैं। और आज स्थितियां उससे भी ज्यादा खराब हो गयी हैं। वो लोगों को अब वोट देने और एक नंबर हासिल करने से भी बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं”।

उन्होंने इस मौके पर “राष्ट्र के लिए माएं” बैनर तले एक यात्रा निकालने की घोषणा की। जिसमें उनके साथ मुंबई में आत्महत्या करने वाली डॉ. पायल तड़वी की मां के अलावा जेएनयू से गायब हुए छात्र नजीब की मां भी शामिल होंगी। इसका मकसद अंबेडकर के संविधान के बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा करना होगा।

स्वराज अभियान के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि “वी दि पीपुल” एक साझा बैनर है जिसके तहत पूरे देश में लोग और संगठन सीएए-एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।  उनका कहना था कि आज इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन विरोध से भी आगे बढ़ चुका है। यह अब एक देशव्यापी आंदोलन का रूप ले चुका है। यह केवल किसी चीज के खिलाफ आंदोलन नहीं है। अब यह भारत के विचार के लिए आंदोलन है। भारत का वह विचार जिसके तहत आजादी की पूरी लड़ाई लड़ी गयी और जिसमें यह विचार निहित था कि सभी धर्मों के लोग बराबर के नागरिक हैं। वो हिंदू हों या कि मुस्लिम या फिर सिख, ईसाई, दलित, आदिवासी या फिर किसी दूसरे समुदाय के लोग।

उन्होंने कहा कि आज सीएए-एनपीआर-एनआरसी उस पूरे विचार को ही चुनौती दे रहा है। यह एक हिंदू इस्राइल या फिर हिंदू पाकिस्तान का निर्माण कर रहा है।

योगेंद्र ने कहा कि लोगों को सड़कों पर लाने के लिए हमें शाह और शहनशाह (पीएम मोदी) को धन्यवाद देना चाहिए। बहुत दशकों से हमने लोकतंत्र और समानता के अधिकार को ठेंगे पर लिया हुआ था। लेकिन अब हम लोगों को पता है कि हमें लोकतंत्र और अपने संविधान की रक्षा करनी होगी। यह एक अच्छी लड़ाई है क्योंकि हम इसकी कीमत तभी समझेंगे जब उसे लड़कर हासिल करेंगे।

राधिका वेमुला पर बोलते हुए यादव ने कहा कि उनका बलिदान बहुत बड़ा है। और हम लोग इस दिन देश भर में सामाजिक न्याय दिवस के तौर पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। दुर्भाग्य से पूरे देश की माएं अन्याय के चलते अपने बच्चों को खो रही हैं।

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