क्या रामनवमी अब दंगानवमी बन रही है?

नए भारत में धार्मिक त्यौहार सांप्रदायिक तनाव और दंगे की वजह बनते जा रहे हैं, जो कभी उत्साह और उमंग की वजह हुआ करते थे। ऐसा ही कुछ रामनवमी के साथ भी हो रहा है। इस वर्ष रामनवमी के दिन देश के विभिन्न हिस्सों से हिंसा की घटनाएं सामने आईं। शोभा यात्रा निकालने और कान फोडू़ डीजे के बीच सैकड़ों की संख्या में हिंदुत्व समर्थकों के द्वारा मुस्लिम बस्तियों और मस्जिदों से होकर यात्रा निकाली गई। आगजनी, मारपीट और पत्थरबाजी हुई। 

झारखण्ड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में शोभायात्रा के दौरान हिंसा और आगजनी की खबरें तो आज के अख़बारों में आई हैं, लेकिन इसके अलावा भी दर्जनों स्थानों पर ये घटनाएं देखने को मिली हैं। दिल्ली में जहांगीरपुरी इलाके में भी शोभायात्रा की इजाजत न होने के बावजूद बड़ी संख्या में भगवा झंडों के साथ बड़ी रैली निकली। पिछले साल हनुमान जयंती पर इसी इलाके में यह यात्रा निकाली गई थी, जिसमें झड़प के चलते दिल्ली में सांप्रदायिक उन्माद भड़क उठा था। 

कल देश में रामनवमी  के अवसर पर देश का अमन-चैन खराब करने की कहां-कहां पर कोशिशें की गईं और विभिन्न राज्य सरकारों की इसमें क्या भूमिका रही। इसे ‘मकतूब’ मीडिया के पत्रकार मीर फैजल ने अपने ट्वीट के जरिये कवर करने का काम किया है, यहां उन तमान स्थानों की वीडियोज भी देखने को मिल सकती है, जो अन्य मीडिया संस्थानों के द्वारा कवर नहीं किया गया है। 

महाराष्ट्र के औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) में किरादपुरा इलाके में मस्जिद के पास जोर-जोर से लाऊडस्पीकर बजाने के चलते हुए विवाद में 12 लोगों के घायल होने की खबर है। इसमें 10 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। यहां पर कथित अफवाह फैलाई गई थी कि इलाके का प्रसिद्ध राम मंदिर हमले की जद में है, जिसका एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज़ जलील ने अपने वीडियो संदेश में खंडन किया और बताया कि राम मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित है, और लोगों से शांति और सौहार्द्र बनाये रखने की अपील की। 

महाराष्ट्र में ही हिन्दुत्ववादी संगठन के लोगों ने दरगाह हाजी अब्दुलरहम मलंग शाह के भीतर घुसकर पुलिस की उपस्थिति में भगवा झंडा लहराते हुए “जय श्री राम” का उद्घोष करते हुए वीडियो जारी किया। 

उधर पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिले में काजीपारा इलाके में सड़क पर आगजनी का दृश्य सामने आया है। जय श्री राम का उद्घोष करते हुए एक हाथगाड़ी ठेला सहित विभिन्न सामानों को आग के हवाले करते हुए भगवाधारियों को उछल-कूद करते हुए जश्न मनाते देखा जा सकता है। यहां पर मुसलमानों की दुकानों और वाहनों को आग के हवाले किया गया, और वीडियो बनाने वालों के उल्लास को और अनाप-शनाप बकते सुना जा सकता है। यहीं पास में ही एक मंदिर भी है, और यहां पर आगजनी करने के पीछे एक मकसद यह भी समझा जा रहा है कि यदि आग मंदिर पर भी लग जाए तो सारा इल्जाम मुस्लिमों पर लगाकर बड़े तनाव को अंजाम दिया जा सकता है। निश्चित रूप से ये घटनाएं साधारण उपद्रवियों की नहीं हो सकती हैं, बल्कि इसके पीछे गहन राजनीतिक चाल को खोजा जाना चाहिए। 

मध्यप्रदेश के खरगोन में पिछले साल हम सबने देखा था कि किस प्रकार सांप्रदायिक उन्माद फैलाया गया और बाद में मुस्लिमों की बस्तियों को ही जमींदोज कर दिया गया था। इसमें एक घर तो पीएम गरीब आवास योजना के तहत ही बना था। यहां पर “भारत का अभिमान है हिंदू और हम बब्बर शेर हैं” जैसे नारे डीजे में बजते सुने जा सकते हैं, पीछे भारी भीड़ है जो हज़रत काले खान की दरगाह की दीवार पर एक हिन्दू युवा को भगवा झंडे के साथ निहार रही है। देखते ही देखते उस लड़के ने हरे झंडे के साथ भगवा झंडा भी वहां पर स्थापित कर दिया। मानो भगवान रामचन्द्र के जन्मदिवस पर इससे अच्छा गिफ्ट वह और वहां पर जमा भीड़ और क्या दे सकती थी। 

बिहार के लखीसराय में बजरंग दल के सदस्य शोभायात्रा में तलवार लहराते हुए देखे जा सकते हैं। यात्रा में युवाओं को मस्ती में झूमते लहराते देखा जा सकता है। डीजे का तेज संगीत और धुन इन युवाओं को बेकाबू करने के लिए काफी है। साथ में भाषण भी चल रहा है कि “जो लोग पाकिस्तान को चाहते हैं वे पाकिस्तान चले जायें। हम उन्हें रोकेंगे नहीं, बल्कि जाने का टिकट भी फ्री में देंगे।”

उधर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में एक मुस्लिम युवा से उसका नाम और धर्म पूछे जाने पर जब उसने बता दिया तो तीन लोगों ने उस पर चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। उस युवक को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी। इसी तरह की एक घटना झारखंड में भी हुई है, जिसमें बलीडीह गांव के मंज़ूर खान से उनका नाम जानने के बाद उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की घटना देखने को मिली है। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था, उसके हाथ में फ्रेक्चर और शरीर में चोट के घाव हैं। उस पर गाय चोरी का इल्जाम लगाया गया। 

गुजरात के वडोदरा में शोभायात्रा के दौरान हिन्दुत्ववादी समूह ने मस्जिद पर हमला कर दिया, और पत्थरबाजी की। मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की। यहां पर पत्थरबाजी का इल्जाम पुलिस के द्वारा मुस्लिमों पर लगाया गया और करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कथित वीडियो में एक महिला चिल्ला रही है कि पुलिस महिला पर हाथ लगा रही है। 

वड़ोदरा में इस घटना के बारे में आस्मा बानो का बयान है कि “इफ्तार के दौरान शाम 7 बजे पुलिस मेरे घर में जबरन दरवाजा तोड़कर घुस आई। मेरे पति और मेरे साथ मारपीट की गई और पुरुष पुलिस के द्वारा मेरे कपड़े फाड़ डाले गये और मेरे साथ गलत हरकत की गई।” यह बताते हुए उन्होंने शाल में ढके अपने नोचे गये कपड़ों को भी कैमरे के सामने दिखाया। 

यूपी के मथुरा में जामा मस्जिद की बाहरी दीवार पर रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान  कई युवक चढ़ गये और भगवा लहराते हुए डीजे म्यूजिक पर झूमते नाचते देखे गये।  

इसके अलावा भी देश के तमाम हिस्सों में डीजे के कानफोडू़ संगीत के साथ सैकड़ों की संख्या में भगवा झंडों और कपड़ों में युवाओं को जय श्री राम के नारे लगाते हुए और मुस्लिम विरोधी घृणा निकालते हुए देखा जा सकता है। सवाल उठता है कि क्या राम के नाम पर दूसरे धर्म के लोगों को निशाना बनाकर हिन्दुत्ववादी शक्तियां कहीं देश के करोड़ों धर्म परायण हिंदुओं की भावनाओं का शोषण नहीं कर रहे हैं? क्या दूसरे धर्म के पूजा स्थलों की अवमानना कर उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर देश में शांति और खुशहाली लाई जा सकती है या देश में वैमनस्य का जहर बोने का काम किया जा रहा है?

क्या यह सब करके भी इन करोड़ों युवाओं को देश में इज्जत के साथ दो रोटी कमाने का अवसर प्राप्त होगा? अगर इन सबका जवाब ना में है तो क्या हमारे यहां इन गुमराह युवाओं को सत्ता प्राप्ति के लिए चारे की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है? क्या हम भी श्रीलंका के सिंहलियों की तरह अपनी ही बर्बादी के लिए सामान तो नहीं तैयार कर रहे हैं? 

सबसे बड़ी बात! कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों की ओर से इस बारे में शायद ही कोई टिप्पणी या ट्वीट देखने को मिले। उन्हें आज तक यही लगता है कि यदि हमने इसका विरोध किया तो हिंदुओं का वोट हमसे खिसक सकता है। जबकि सच तो यह है कि आज भी अधिकांश हिन्दू सहिष्णु हैं, और वे शांति और खुशहाली चाहते हैं, अपने बच्चों के लिए अच्छा भविष्य और रोजगार की चाहत रखते हैं। 

(रविंद्र पटवाल जनचौक के मैनेजिंग एडिटर हैं।)

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Vinod Ahlawat
Vinod Ahlawat
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1 year ago

Situation is horrible