रोक के बावजूद चरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए किसान घाट जाने पर जयंत अड़े, कहा-रोक सको तो रोक लो

पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह की 118वीं जयंती पर किसान घाट पर आज बुधवार 23 दिसंबर को प्रस्तावित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए कोरोना और ट्रैफिक का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी गई है। पूर्व प्रधानमंत्री के पोते और राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने चुनौती दी है कि “कल (आज) मुझे किसान घाट पहुँचने से रोक कर दिखा दें“। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के ऐतिहासिक आंदोलन के बीच इस मसले से एक नए टकराव के आसार पैदा हो गए हैं।

चौ. चरण सिंह का समाधि-स्थल किसान घाट देश की राजधानी दिल्ली में राजघाट के पास स्थित है। इन दिवंगत किसान नेता के बेटे चौ. अजित सिंह ( रालोद के अध्यक्ष) के निजी सचिव समरपाल सिंह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसान घाट पर प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में पत्र भेजकर सूचना दी थी और इस कार्यक्रम के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था। इस पत्र में बताया गया था कि कल सुबह 7.30 बजे से सुबह 10.30 बजे तक प्रस्तावित इस कार्यक्रम में अजित सिंह अपने परिवार के लोगों के साथ किसान घाट पर श्रद्धा-सुमन अर्पित करने वाले हैं। कार्यक्रम में क़रीब 50 लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी। इस पत्र के जवाब में डीसीपी ने केंद्र सरकार की कोविड नियंत्रण गाइडलाइन, कानून-व्यवस्था और ट्रैफिक कारणों का हवाला देकर अनुरोध को ठुकरा दिया। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस का नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथ में है।

चौ. चरण सिंह का 1980 में निधन हुआ था तो राजघाट के पास स्थित इस जगह पर उनके अंतिम सरकार के लिए भी अनुमति नहीं दी गई थी। रालोद के कई समर्थकों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि जिस तरह 1980 में किसानों के दबाव में तत्कालीन केंद्र सरकार को झुकना पड़ा था, अब भी किसानों की आस्था के आगे सरकार को झुकना पड़ेगा। इस बीच जयंत चौधरी ने ट्विटर और फेसबुक पर स्टेटस के ज़रिये ऐलान किया है कि वे कल किसान घाट पहुँचेंगे। उन्होंने लिखा है- “हमें ग्रेट लीडर चौधरी साहब की जयंती पर श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं मिली है। न्यू इंडिया का लोकतंत्र! मोदी पुलिस ने जवाब दिया है कि कोरोना और ट्रैफिक का खतरा है।  कल मुझे किसान घाट पहुँचने से रोक कर दिखा दें।“ 

चौ. चरण सिंह के अनुयायियों ने कोरोना का हवाला दिए जाने पर भी रोष जताया है। बंगाल चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री की रैलियों और रोड-शो कार्यक्रमों का हवाला देते हुए आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार कोरोना के नाम पर अपने वैचारिक विरोधियों के कार्यक्रमों को रोक रही है और अब किसानों के मसीहा के श्रद्धांजलि कार्यक्रम को रोकने की कोशिश तक पहुँच गई है। चौ. चरण सिंह  का गृह क्षेत्र बाग़पत जिला था और दिल्ली से लगे मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर आदि तो ख़ासतौर से उनके भारी असर वाले इलाक़े थे। इन इलाक़ों  के बहुत से किसान इस वक़्त दिल्ली की सीमा पर भाकियू आंदोलन में भी शामिल हैं।

कुछ वक़्त पहले हाथरस के गैंगरेप-मर्डर केस के विरोध में जयंत हाथरस पहुँचे थे तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था। उस वारदात के प्रतिरोध में पहली रैली मुज़फ़्फ़रनगर में ही आयोजित की गई थी। जयंत चौधरी के ऐलान के बाद दिल्ली के आसपास के इन इलाक़ों से रालोद के कार्यकर्ता दिल्ली पहुँचने की कोशिश करते हैं तो नया टकराव पैदा हो सकता है। हरियाणा के किसानों के बीच भी किसान घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करने की अनुमति न दिए जाने वाला पत्र वायरल हो रहा है।    

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