कपिल सिब्बल की डिनर डिप्लोमेसी, 15 पार्टियों के 45 नेता हुए शामिल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार रात एक रात्रिभोज की मेजबानी की, जिसमें विपक्षी दलों और समान विचारधारा वाले दलों के राजनीतिक दिग्गज शामिल हुए। बावजूद इसके कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस रात्रि भोज बैठक में नहीं थे, रात्रिभोज बैठक में 15 पार्टियों के करीब 45 नेता और सांसद जुटे। तबियत में कुछ सुधार होने के बाद लालू यादव भी इस सामूहिक रात्रिभोज में पहुंचे थे।

हालांकि रात्रिभोज की मेजबानी कपिल सिब्बल ने की थी, लेकिन जी-23 के अन्य सदस्य जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पार्टी सांसद शशि थरूर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, पी चिदंबरम भी सिब्बल आवास पर मौजूद रहे।

इस दौरान राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के लालू प्रसाद यादव, राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) सुप्रीमों शरद पवार, समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव, माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के सीताराम येचुरी, भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के. डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम भी मौजूद थे। शिवसेना के संजय राउत, आप (आम आदमी पार्टी) के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन, बीजद (बीजू जनता दल) नेता पिनाकी मिश्रा और अमर पटनायक, द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) के तिरुचि शिवा और टी के एलनगोवन, रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के जयंत चौधरी और टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) के नेता भी रात्रिभोज में शामिल हुए।

सभी नेताओं ने मौजूदा केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ रणनीति बनाने के साथ-साथ एक मजबूत मोर्चा बनाने पर भी चर्चा की। इस मौके पर राजद नेता लालू यादव ने भी सिब्बल की बातों से सहमति जताते हुए विपक्षी एकता को मजबूत करने पर बल देने को कहा। उन्होंने कहा कि हम जब भी मुश्किल में आते हैं। सिब्बल साहेब को याद करते हैं। कांग्रेस पार्टी इन लोगों के अनुभव का फायदा उठाए।

गौरतलब है  कि ‘जी-23’ के नाम से मशहूर हुए कांग्रेसी नेता पार्टी में ब्लॉक से लेकर सीडब्ल्यूसी स्तर तक के चुनाव चाहते थे और इस संबंध में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। जो जी-23 नेता रात्रिभोज में शामिल हुए, उनमें मेजबान सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद, भूपिंदर सिंह हुड्डा, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, पृथ्वीराज चव्हाण, मनीष तिवारी और शशि थरूर शामिल थे।

बता दें कि कि कपिल सिब्बल सोनिया गांधी को व्यापक सुधारों के लिए लिखे गए पत्र के पीछे प्रमुख प्रस्तावक थे और उन्हें उन नेताओं में से एक भी देखा जाता है जिनके राहुल गांधी के कामकाज से गंभीर मतभेद हैं। वहीं अब इस बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी में ही चर्चा होने लगी है कि क्या इस तरह से बैठक बुलाना सही था। हालांकि डिनर में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं ने किसी भी अटकलों को खारिज कर दिया कि यह पार्टी के आंतरिक कामकाज से संबंधित था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे 2024 के चुनावों से पहले मजबूत विपक्षी एकता चाहते हैं।

रात्रिभोज के बाद विपक्षी नेताओं ने ऐसी और रात्रिभोज बैठक आयोजित करने की बात कहते हुए कहा कि विपक्षी एकता को और मजबूत करने के लिए ऐसी बैठकें और आयोजित की जानी चाहिए। हमें भाजपा को 2022 में पहले उत्तर प्रदेश में और फिर 2024 के आम चुनाव में हराना है। सूत्रों ने बताया कि सिब्बल की शुरुआती टिप्पणी के बाद सभी नेताओं ने कहा कि उन्हें 2022 में उत्तर प्रदेश में और फिर 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना होगा।

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