ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर किसान मोर्चा आयोजित करेगा 17मार्च को कन्वेंशन

सयुंक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन को तेज करने के लिए 17 मार्च को अनेक ट्रेड यूनियन, ट्रांसपोर्ट यूनियन एवं अन्य जन अधिकार संगठनों के साथ एक कन्वेंशन आयोजित करेगा। सयुंक्त किसान मोर्चा ने अपने घटक संगठनों को भी निर्देश दिए हैं कि हर जिला मुख्यालय और उपखंड मुख्यालयों पर भी ऐसी मीटिंग आयोजित की जाए।

मोर्चे का कहना है कि सरकार द्वारा यह तर्क दिया गया कि सरकार द्वारा MSP की घोषणा करने पर उत्पादन की पूरी लागत कवर हो जाती है, इसमें सरकार के कई झूठ निहित हैं। न तो पूरी लागत को कवर किया जाता है, न ही एमएसपी असल रूप में मिलती है। एसकेएम ने सरकार के रवैये की निंदा की है और एक बार फिर उसने मांग किया है कि डीजल / पेट्रोल / गैस की कीमतों में तुरंत कटौती की जाए, और एमएसपी की कानूनी अधिकार के रूप में गारंटी दी जाए।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट किया कि जिन राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों में अभी चुनाव हो रहे हैं वहां 26 मार्च का पूर्ण भारत बंद नहीं होगा।

उत्तराखंड से चला किसान मजदूर जागृति यात्रा गुरुद्वारा गोमती पूरनपुर जनपद पीलीभीत से चलकर गुरुद्वारा खुटार जनपद शाहजहांपुर में पहुंची। रास्ते भर में हजारों लोगों ने कस्बों, गांवों तथा शहरों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मार्च का स्वागत किया। हजारों लोगों को तीन काले कानूनों के बारे में जागृत करते तथा एमएसपी की गारंटी के बारे में समझाते हुए मार्च आगे बढ़ा।

तीन खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए उड़ीसा में चल रही किसान अधिकार यात्रा का आज गंजाम जिले का शानदार स्वागत किया गया।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने निजीकरण व कॉरपोरेट एजेंडे के खिलाफ प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा। इस पत्र में तीन कानूनो व MSP के साथ साथ बढ़ती पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की कीमतों का मुद्दा भी उठाया।

15 मार्च को, एसकेएम, व्यापार संगठनों के साथ मिलकर निजीकरण विरोधी और कॉरपोरेट विरोधी दिवस मनाएगा। रेलवे स्टेशनों पर व्यापार संगठनों के साथ विरोध प्रदर्शन के साथ साथ, एसडीएम और जिला स्तर पर धरने होंगे जहां प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा।

तमिलनाडु के कन्याकुमारी में शुरू की गई साइकिल यात्रा अवैध रूप से और आपत्तिजनक रूप से तमिलनाडु पुलिस द्वारा केरल में मोड़ दी गई थी। 12 साइकिल चालक, कन्याकुमारी से कश्मीर की ओर अपनी यात्रा की फिर से योजना बना रहे है और जल्द ही सड़क पर वापस आएंगे।

गुजरात में, राज्य पुलिस ने कई संगठनों के कई कार्यकर्ताओं को अहमदाबाद से एक दांडी यात्रा करने से रोका, जो 12 मार्च को गांधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च और सत्याग्रह की याद में शुरू करने के लिए निर्धारित किया गया था। कई नेताओं को हिरासत में लिया गया और वहां नजरबंद कर दिया गया।

मुंबई से आज शुरू हुई एक मिट्टी सत्याग्रह यात्रा 6 अप्रैल 2021 को सिंघु बॉर्डर पहुंचेगी।

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