अमेरिका में बैंकिंग संकट ने दी दस्तक, सिलिकॉन वैली बैंक पर लगा ताला

साल 2008 के बैंकिंग संकट के बाद अमेरिका एक बार फिर ऐसे ही संकट से घिरा नज़र आ रहा है। अमेरिकी रेगुलेटर्स ने देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का आदेश दिया है। CNCB की एक रिपोर्ट के मुताबिक कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन ने इस बैंक को बंद करने का आदेश दिया है।

फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन को बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है वहीं बैंकों में जमा लोगों की राशि की सुरक्षा कि जिम्मेदारी FDIC को सौंपी गई है। इससे पहले प्री मार्केट ट्रेडिंग में बैंक के शेयरों में 66 फीसदी की गिरावट के बाद इसे कारोबार से रोक दिया गया।

हालांकि इससे पहले भी FDIC इंश्योर्ड बैंक बंद हुआ है। इससे पहले अक्टूबर 2020 में अलमेना स्टेट बैंक पर भी ताला लग गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिलिकॉन वैली बैंक का हेडक्वार्टर और सभी ब्रांचेज़ 13 मार्च को फिर से खुलेंगी और सभी ग्राहकों के पास सोमवार सुबह तक अपनी जमा राशि का एक्सेस होगा। बता दें कि 31 दिसंबर 2022 तक सिलिकॉन वैली बैंक की कुल संपत्ति करीब 209 अरब डॉलर थी और डिपॉजिट करीब 175.4 अरब डॉलर था।

सिलिकॉन वैली अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है। ये नए जमाने की टेक कंपनियों और वेंचर कैपिटल के इन्वेस्टमेंट वाली कंपनियों को फाइनेंशियल सपोर्ट देने वाला वहां का बड़ा बैंक है। हालांकि पिछले 18 महीनों में अमेरिकी फेडल रिजर्व ने ब्याज दरों में इजाफा किया है, जिस वजह से ऐसी कंपनियों को खासा नुकसान हुआ है, वहीं ज्यादा जोखिम की वजह से निवेशकों की दिलचस्पी भी ऐसी कंपनियों में कम हुई है।

इस बीच एक्सपर्ट्स का ये मानना है कि अभी इस मामले से अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर अमेरिकी बैंक खुद को ऐसे हालात से बचाने के लिए ज़रूरी कैश बैलेंस बचाकर चल रहे हैं।

वहीं कहा जा रहा है कि सोमवार से यहां का ऑनलाइन बैंकिंग के साथ-साथ दूसरे कामकाज फिर से शुरू हो जाएंगे और सिलिकॉन वैली बैंक के ऑफिशियल चेक भी क्लियर होते रहेंगे।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के सीईओ ग्रेग बेकर ने दो हफ्ते पहले ही कंपनी के 3.6 मिलियन डॉलर के स्टॉक एक ट्रेडिंग प्लान के तहत बेचे थे। बीती 27 फरवरी को इसके 12,451 शेयर SVB फाइनेंशियल ग्रुप को बेचे गए , जो कि बैंक की पैरेंट कंपनी है।

बता दें कि अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर का सबसे बड़ा संकट का दौर 2008 में देखने को मिला था। उस साल बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था, जिसके बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी छा गई थी और इकोनॉमी रेंगने लगी थी।

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