सोनीपत के छोटूराम धर्मशाला में चल रही महापंचायत, बृजभूषण के खिलाफ हो सकता है बड़ा ऐलान

नई दिल्ली। सोनीपत में पहलवानों की महापंचायत चल रही है। यह पंचायत छोटूराम धर्मशाला में हो रही है। महापंचायत में बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान पहुंच गए हैं। साथ ही किसान संगठन और खाप पंचायतों के प्रतिनिधि भी पहुंचे हैं। बजरंग पुनिया ने कहा कि अभी तक सरकार से जो बात हुई और आंदोलन में जो-जो हुआ, हम उसका लेखा-जोखा रखेंगे। उसके बाद सभी की सहमति से जो निर्णय होगा, उसके अनुसार आगे का आंदोलन चलेगा। आज यानि शनिवार को चल रही महापंचायत में महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। महापंचायत में किसान संगठनों के अलावा उन सभी संगठनों को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना-प्रदर्शन को समर्थन दिया था।

28 मई को जंतर-मंतर से पहलवानों का धरना हटाने के बाद से ही कई स्थानों पर महापंचायतें हुईं। लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। सोरम, सोनीपत, मुंडलाना और शामली में पहलवानों के समर्थन में कई पंचायतें हुई। आज सोनीपत में एक बार फिर सारे पहलवान, किसान संगठन और खाप पंचायतों के प्रतिनिधि इकट्ठे हुए हैं। माना जा रहा है कि आज भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद के खिलाफ बड़ा ऐलान हो सकता है।

दरअसल, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात में पहलवानों ने कई मांग रखी थी जिसमें बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की भी मांग थी। लेकिन खेल मंत्री ने जांच होने तक इंतजार करने को कहा। खेल मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट के बाद ही गिरफ्तारी हो सकती है। खेल मंत्री ने पहलवानों की अन्य मांगों को मान लिया। लेकिन अब पहलवानों को लग रहा है कि यौन उत्पीड़न का आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को मोदी सरकार बचा रही है। ऐसे में आज पहलवान कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

बजरंग ने कहा, सरकार से चर्चा के बाद हमने पहले ही बताया था कि जितनी हमारी खाप पंचायतें हैं और चौधरी हैं, जो लोग हमसे जुड़े हैं, उन सभी से बातचीत करके आगे जानकारी दी जाएगी। बात करने के बाद आगे फैसला लेंगे।

पहलवानों ने सरकार के सामने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी, पहलवानों और समर्थकों पर दर्ज एफआईआर को हटाने, और केस वापस लिए जाने, कुश्ती फेडरेशन से बृजभूषण और उनके परिवार और परिचितों को बाहर करने और फेडरेशन में महिला कमेटी का गठन करने की मांग की थी।

हालांकि बातचीत के बाद 15 जून का समय तय हुआ जिसके भीतर सरकार ने कुछ करने का आश्वासन दिया है। लिहाजा बजरंग पुनिया समेत सभी आंदोलनकारी पहलवान उस तारीख तक इंतजार करने का फैसला किए हैं।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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