प्रवासी मज़दूरों की सुरक्षित वापसी के लिए बिहार में अनशन शुरू; माले, ऐक्टू और किसानों के तमाम नेता कर रहे हैं शिरकत

पटना। देश के विभिन्न हिस्सों में अब तक फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी की मांग को लेकर आज बिहार में भूख हड़ताल शुरू हो गयी है। आज और कल चलने वाले इस कार्यक्रम में बड़ी तादाद में लोग हिस्सेदारी कर रहे हैं। 

इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का आयोजन ऐक्टू, खेग्रामस व भाकपा-माले ने संयुक्त रूप से किया है। प्रवासी मजदूरों के सुरक्षित घर वापसी, 3 महीने का मुफ्त राशन व 10 हजार रुपये लॉक डाउन भत्ता, पुलिस जुल्म पर रोक, सभी मुकदमों का खात्मा, वेतन कटौती में रोक, नौकरी से हटाने की कार्रवाई पर रोक सहित अन्य मांगों पर यह भूख हड़ताल की जा रही है।

भूख हड़ताल पर आज जगतनारायण रोड स्थित भाकपा(माले) राज्य कार्यालय में राज्य सचिव कुणाल, रसोईया नेता सरोज चौबे, एक्टू के नेता रण विजय कुमार सहित भाकपा(माले) पटना नगर कमेटी सदस्य अशोक कुमार, पन्नालाल सिंह, निर्माण मजदूर यूनियन (ऐक्टू) उपेंद्र प्रसाद, उमेश शर्मा, अर्जुन यादव आदि शामिल हुए।

खेग्रामस कार्यालय में आयोजित इंडोर कार्यक्रम में धीरेन्द्र झा, शशि यादव के अलावा टेम्पो यूनियन के नेता मुर्तजा अली, मनरेगा सभा के सचिव दिलीप सिंह और आइसा नेता आकाश कश्यप भी मौजूद थे? 

इस अवसर पर धीरेन्द्र झा ने कहा कि हम एक ओर देख रहे हैं कि सरकार अमीरों और ताकतवर लोगों को घर पहुंचाने के लिए सारे उपाय कर रही है, वहीं दूसरी ओर मजदूरों को मरने-खपने के लिए छोड़ दिया गया है। उन पर लाठियां चल रही हैं और उन्हें जेल तक में डाला जा रहा है। ज्यादा मजदूर बिहार के ही हैं, लेकिन बिहार सरकार को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है। मजदूर घर लौटना चाहते हैं, इसलिए हमारी मांग है कि सरकार उनको घर पहुंचाने की गारंटी करे। विगत दिनों काशी से दक्षिण भारत के तीर्थयात्रियों को 25 बसों व 4 क्रूजर से सुरक्षाकर्मियों के साथ अमीरों को घर भेजा गया था, लेकिन प्रवासी मजदूरों को उनके रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

राज्य कार्यालय में कॉमरेड कुणाल ने कहा कि उनकी पार्टी प्रवासी मजदूरों और गरीबों के साथ हो रहे अन्याय पर रोक लगाने की मांग करती है। पार्टी के तीनों विधायकों के साथ-साथ सभी पार्टी कार्यकर्ता पार्टी कार्यालयों या अपने आवास में उपवास पर बैठे हुए हैं।

तीनों विधायक क्रमशः महबूब आलम, सुदामा प्रसाद और सत्यदेव राम भी अनशन पर बैठे हैं। 

रणविजय कुमार ने बताया कि सरकार सभी प्रवासी मजदूरों के लिए तीन महीने का राशन और 10 हजार रुपया तत्काल प्रदान करने की गारंटी करे। मुम्बई, सूरत, कोटा आदि जगहों पर हजारों बिहार व यूपी के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। उनके परिवारों के सामने भी कई समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं। लेकिन न तो इसके प्रति केंद्र सरकार चिंतित है और न ही राज्य की सरकार। उन्होंने कहा कि उनका संगठन बिहार सरकार से मांग करता है कि वह सभी प्रवासी मजदूरों के लौटने की अविलंब व्यवस्था करे। दो तरह की नीतियां नहीं चलने वाली हैं।

पटना में अन्य जगहों पर भी लोग उपवास कर रहे हैं। भोला पासवान शास्त्री भवन, आशियाना पटना में ऐक्टू नेता जितेंद्र कुमार, भाकपा माले व निर्माण मजदूर यूनियन नेता धर्मेंद्र व अन्य साथी भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। प्रवासी असंगठित मजदूरों के आश्रय स्थलों निवासों पर राशन, भोजन, स्वच्छता की व्यवस्था करने, प्रवासी मजदूरों के हितार्थ का र्ययोजना घोषित करने एवं प्रवासी मजदूरों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच करा कर सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने सहित अन्य मांगों की पूर्ति हेतु बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट के द्वारा पटना में भूख हड़ताल सह धरना कार्यक्रम आईटीआई दीघा घाट पटना में अवस्थित संघ कार्यालय में शुरू हुआ।

दरभंगा में भाकपा (माले) जिला कार्यालय में खेग्रामस जिला अध्यक्ष जंगी यादव व किसान महासभा के जिला अध्यक्ष शिवन यादव ने अनशन आरम्भ किया। देवेंद्र कुमार और गजेंद्र शर्मा भी अनशन पर बैठे हैं। भाकपा (माले) बहादुरपुर प्रखंड कार्यालय पर भाकपा (माले) के जिला कमेटी सदस्य सह खेग्रामस के बहादुरपुर प्रखंड अध्यक्ष गणेश महतो और खेग्रामस जिला उपाध्यक्ष मो जमालुद्दीन बैठे हैं। भूख हड़ताल के समर्थन में भाकपा (माले ) राज्य कमेटी सदस्य अभिषेक कुमार, एक्टू के जिला प्रभारी उमेश प्रसाद साह, भाकपा (माले) जिला स्थायी समिति सदस्य अवधेश सिंह, प्रखंड कमेटी सदस्य मो रोजिद आदि भी मौजूद थे।

इसी तरह से सूबे के अलग-अलग केंद्रों पर लोग अनशन पर बैठे हुए हैं।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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