इंदौर: हिरासत से छूट कर सेंचुरी कर्मियों ने फिर शुरू किया आंदोलन,मेधा के नेतृत्व में बनाई मानव श्रृंखला

इंदौर। सेंचुरी सत्याग्रह रोजगार आंदोलन को कल 1388वां दिन हो गया है। आंदोलन अब भी जारी है। मंगलवार से प्रशासन और पुलिस द्वारा लगभग 45 माह पुराने सेंचुरी के श्रमिक और महिलाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की कोशिशें की गई जिसके विरोध में कल कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन को तोड़ने की नियति से परसों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था और देर रात को स्थानीय प्रशासन ने मेधा पाटकर सहित सारे गिरफ्तार श्रमिकों को रिहा कर दिया था। जिसके बाद कल शाम श्रमिकों ने मीटिंग कर आंदोलन को जारी रखने की घोषणा की है।

कल मेधा पाटकर के नेतृत्व में काले रंग के झंडे और सर पर काली पट्टी बांधकर सेंचुरी मिल के सामने मानव श्रृंखला बना कर विरोध प्रदर्शन किया गया। मानव श्रृंखला में शामिल तमाम कार्यकर्ता व श्रमिकों ने प्रशासन की दमनकारी नीतियों, पुलिसिया कार्यवाही के खिलाफ तथा प्रबंधन द्वारा जबरिया तरीके से वीआरएस (VRS) दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन व नारेबाजी किया।

विदित हो कि बिरला समूह के खरगोन जिले में स्थित सेंचुरी रेयान और डेनिम मिल के आंदोलनरत मजदूर सत्याग्रह आंदोलन के तहत विरोध करते कुल 1387 दिन हो चुके थे। मजदूरों के आरोपों के अनुसार मिल प्रबंधन के द्वारा जबरिया मजदूरों और कर्मचारियों को वीआरएस दिया जा रहा है, जो श्रम कानून नियमों के विरूध है।

कुछ दिनों पूर्व श्रमिकों के साथ मिल कर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने श्रमिकों के समर्थन में भूख हड़ताल किया था। प्रशासन और राज्य सरकार के कान पर जूं न रेंगा तो 19 जुलाई को पूरे मध्य प्रदेश में विभिन्न किसान और मजदूर संगठनों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर मांग भी की थी कि श्रमिक और प्रबंधन विवाद में मध्य प्रदेश सरकार तत्काल हस्तक्षेप कर मामले को सुलझाये।

कहीं से भी प्रशासन के द्वारा न्याय संगत कार्यवाही होता न देख विरोध प्रदर्शन को जारी रखा गया था। विरोध प्रदर्शन से खफा प्रशासन द्वारा प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग किया गया। जिसमें महिलाओं के साथ बेरहमी से धक्का-मुक्की करते हुए जानवरों की तरह गाड़ी में डाल कर तेज रफ्तार से गाड़ी चला कर दूसरे स्थान ले जाया गया। तेज रफ्तार गाड़ी चलाने के कारण चार महिलाएं एक-दूसरे से टकराकर गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और अन्य को भी हल्की चोटें आईं।

Janchowk
Published by
Janchowk