ग्रांउड रिपोर्ट: बच्ची को कुत्ते के कटवाने से मन नहीं भरा तो कपड़े उतरवाकर मालकिन ने बनाई वीडियो

गुड़गांव। ‘आंटी ने मेरे शरीर के हिस्सों को काटकर उससे खून निकालने की कोशिश की’। यह कहना है 17 साल की नाबालिग प्रीति का, जिसे गुरुग्राम के एक घर से रेस्क्यू किया गया।

डोमेस्टिक वर्कर के साथ ऐसी प्रताड़ना की यह कोई पहली कहानी नहीं है। पिछले साल झारखंड की भाजपा नेत्री सीमा पात्रा के घर में काम करने वाली आदिवासी महिला सुनीता के साथ मारपीट करने के साथ-साथ इतना प्रताड़ित किया गया कि वह चलने की स्थिति में भी नहीं रह गई है।

महानगरों से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं। दिसंबर के सर्द ठंड के बीच ऐसी ही एक खबर दिल्ली से सटे गुरुग्राम से आई। जहां एक नाबालिग बच्ची को घर में काम कराने के नाम पर बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया।

प्रीति के गले का आसपास चाकू से काटा गया।

बच्ची 6 महीने से कर रही थी काम

‘जनचौक’ की टीम इस पीड़िता बच्ची से मिलने गुरुग्राम के सेक्टर 51 पहुंची। इस बच्ची के साथ उसकी मालकिन ने अमानवीय व्यवहार किया है। गुरुग्राम की एक बड़ी सी बिल्डिंग में हम समृद्धि नाम की महिला के घर गए। जहां प्रीति (बदला हुआ नाम) मिली। डरी सहमी एक ऐसी लड़की जिसे देखकर लगा रहा था कि मानो उसे किसी ने बहुत दिनों तक अपने कब्जे में रखा हो।

उसने पूरे शरीर को ढके हुए कपड़े पहन रखे थे। यहां तक की सर भी ढका हुआ था। बगल में उसकी मां बैठी हुई थी। जो अपनी बेटी को हिम्मत दे रही थी कि हमें किसी तरह इस स्थिति को पार करना है और ऐसे लोगों को सजा दिलानी है।

प्रीति नाबालिग है और पिछले छह महीने से गुरुग्राम के सेक्टर 57 स्थित शशि शर्मा के घर में काम करती थी। यहीं से उसे 9 दिसंबर की शाम को रेस्क्यू किया गया। इसके बाद उसका अस्पताल में प्राथमिक इलाज भी किया गया।

पिछले 6 महीने में प्रीति के साथ क्या हुआ। यह जनचौक से वह सिलसिलेवार तरीके से बताती है। हमारे सामने कुर्सी पर बैठी वह कहती है कि “मुझे बहुत प्रताड़ित किया है”।

वह बताती है कि “शुरुआत के पहले महीने उनका व्यवहार अच्छा था। उसके बाद से ही आंटी और उसके लड़कों ने मुझे मारना पीटना शुरू कर दिया। मेरे हाथ-पैर बांधकर मुझे पीटा गया।”

वह आगे बताती है कि “जब भी मैं काम करती थी तो आंटी मेरे पीछे-पीछे रहती थी। घर में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था। काम खत्म हो जाने के बाद मुझे बांधकर रखती थी।”

हमने उससे पूछा कि उनके घर में कोई आता नहीं था क्या? प्रीति का जवाब था- “मेरे रहते हुए एक बार किटी पार्टी हुई थी। उस दौरान आंटी ने मुझे छत पर बांधकर रखा था। जब वह लोग चले गए तब मुझे नीचे लेकर आए थे।”

पीड़िता लगातार अपनी पीड़ा को बता रही थी। वह कहती है कि “आंटी ने कुत्ते के सामने बिस्कुट रखकर मुझे लेने को कहा और कुत्ते से कटवाया। उनकी हैवानियत यही नहीं रुकी, एक दिन पोछे वाली बाल्टी में तेजाब मिला दिया। जिससे पोछा मारने के दौरान मेरे हाथ पूरी तरह जल गए। मेरे हाथ जलने पर उन्होंने दवा तक नहीं दी। उल्टे काम करवाती रहीं।” जिस वक्त हम प्रीति से मिले उसके दोनों हाथ पूरी तरह से जले हुए थे।

तेजाब से जले हाथ।

खून निकालने की कोशिश की

पीड़ित बच्ची के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कट के निशान लगे हुए मिले। वह अपना गला और हाथ दिखाते हुए बताती है कि “यहां चाकू से कट लगाकार खून निकालने की कोशिश की गई। इससे मन नहीं भरा तो मेरे कपड़े उतरवाकर वीडियो भी बनाई। साथ ही धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा।”

शशि शर्मा के परिवार में तीन लोग रहते हैं। उसके दोनों बेटे बिल्डर हैं। पति की मृत्यु हो गई है। प्रीति के अनुसार दोनों बेटों ने उसका यौन शोषण किया। उसकी बिना मर्जी के उसे छूते थे। विरोध करने पर उसे मारा पीटा जाता था।

प्रीति के बाल कटे हुए थे। हमने पूछा ये बालों को क्या हुआ? उसने बताया कि “मुझे दो दिन में एक बार खाना मिलता था। वह भी सिर्फ दो रोटियां। अगर आज दोपहर 12 बजे खाना मिला तो 48 घंटे बाद ही खाना देते थे।”

वह बताती है कि “एक बार मैंने एक रोटी ले ली तो चोरी की इल्जाम लगाकर पहले मुझे पीटा और बाद में सजा के तौर पर बाल काट दिए। वे मेरे बाल पकड़ के नोचते थे। जिससे मेरे बाल उखड़ गए हैं।” यह कहते हुए प्रीति रोने लगती थी।

इस वक्त प्रीति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसका कहना है कि मुझे इंसान की जगह सिर्फ अंधेरा ही समझ में आता है।

कर्ज से मुक्ति के लिए करती थी काम

प्रीति के बगल में उसकी मां बैठी हुई थी। जिसने उसे काम पर रखवाया था। सुनीता के छह बच्चे हैं। प्रीति सबसे बड़ी हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण छह महीने पहले उसे काम पर रखवा दिया था।

सुनीता का परिवार एक से डेढ़ साल पहले बिहार के सीतामढ़ी से दिल्ली इस उम्मीद से आया था कि रोजगार मिल जाएगा तो कर्ज वापसी कर बिहार वापस चले जाएंगे। उसने बताया कि “एक से डेढ़ लाख का कर्ज है। हमने सोचा कि तीन लोग मिलकर कमाएंगे तो कर्ज वापस कर देंगे और घर वापस चले जाएंगे।”

सुनीता का परिवार गुड़गांव में किराए के मकान में रहता है। उसने बताया कि “छह महीने पहले किसी पहचान के शख्स ने बेटी को काम पर लगवाया था। उसने बताया था कि परिवार अच्छा है और नौ हजार रूपए महीने पर बात पक्की हुई थी।”

वो कहती हैं कि “मैंने अपनी बेटी को उनके घर पर छोड़ दिया था। शुरुआत के एक से डेढ़ महीने तक स्थिति ठीक रही। उसके बाद तो वे बेटी से बात नहीं करने देते थे। इसी दौरान गांव में जमीन को लेकर विवाद हो गया, और मैं गांव चली गई। वहां दो महीने रही, इस दौरान बेटी से बात ही नहीं हो पाई।

छठ पूजा के दौरान मैंने शशि आंटी से कहा कि बेटी को छठ पूजा में गांव जाने की छुट्टी दें। लेकिन छुट्टी नहीं दी। वापस आऩे पर जब मैं अपनी बेटी से मिलने गई तो उसकी हालात देखकर स्तम्भ रह गई। बेटी एकदम कमजोर और अलग सी स्थिति में लग रही थी।”

वो कहती है कि “मैं जिस घर में काम करती थी, उनको साथ लेकर गई और बेटी को वहां से लेकर आई। जब बेटी को लेने गई उस दौरान भी लड़ाई हुई थी। हमें सिर्फ एक महीने की ही सैलरी दी थी। बाकी के पांच महीने का हमें पता ही नहीं। जब मैंने इसके बारे में कहा तो शशि कहती है कि तुम्हारा पति हर महीने सैलरी ले जाता था। जबकि मेरे पति को तो इसकी जानकारी ही नहीं है।”

सुनीता का कहना है कि “उसकी बेटी के साथ जो हुआ वह किसी के साथ न हो और हमें न्याय मिले। मेरी बेटी के साथ जिन लोगों ने ऐसा किया उन्हें सजा दी जाए। ताकि बाकी लोग ऐसा न कर सकें।”

गुड़गांव का महिला पुलिस स्टेशन

महिला थाने में मामला दर्ज

फिलहाल इस मामले में गुड़गांव सेक्टर 51 के महिला थाने में पास्को एक्ट के तहत आईपीसी की धारा 323, 324, 33 में मामला दर्ज किया गया है।

जनचौक की टीम केस की जानकारी लेने थाने गई और आईओ मीना से बात करने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं मिलीं। फोन से भी संपर्क नहीं हो पाया। फिलहाल प्रीति अपने परिवार के साथ रह रही है।

प्रीति को रेस्क्यू करने वाली समृद्धि प्रताप का कहना है कि “मैंने किसी तरह इसको वहां से छुड़ाया। उसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया और एफआईआर दर्ज करवाई है।”

समृद्धि के अनुसार फिलहाल बच्ची ट्रामा में हैं। उसने बताया कि उसे अपने सामने सिर्फ अंधेरा ही नजर आता है। हम कोशिश कर रहे हैं कि किसी मनोवैज्ञानिक से उसका इलाज करवाएं।

साथ ही उसने बताया पुलिस ने पास्को एक्ट का मामला दर्ज किया है। इसके बाद भी शशि शर्मा ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली है।

प्रीति के साथ किए गए अत्याचार के बारे में जानने के लिए जनचौक की टीम शशि शर्मा के घर गई। लेकिन उसने मिलने से मना कर दिया।

(पूनम मसीह की रिपोर्ट)

पूनम मसीह
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