दो साल के बकाए के भुगतान को लेकर मनरेगा मजदूरों ने मेजा तहसील में दिया धरना

मेजा (प्रयागराज)। मनरेगा मज़दूरों ने अपने बकाए के भगुतान को लेकर आज प्रयागराज के मेजा तहसील में धरना दिया। सुबह तहसील मुख्यालय से क़रीब 20 किमी दूर 150 मज़दूर इकट्ठा हुए और उन्होंने धरना शुरू कर दिया। इस मौक़े पर मज़दूरों ने प्रशासन के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की।

श्रमिकों का कहना था कि पिछले 2 साल से उनका भुगतान नहीं हो रहा है। पैसे मांगने पर उन्हें प्रधान प्रतिनिधि द्वारा धमकी दी जाती है। लॉकडाउन के चलते और काम बंद होने के कारण स्थितियाँ बद से बदतर होती जा रही हैं। और अब तो इनके खाने के लाले पड़ गए हैं। हालांकि मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार विश्व दीपक त्रिपाठी और खंड विकास अधिकारी सीपी श्रीवास्तव ने आक्रोशित मजदूरों को समझा-बुझाकर शांत कराया। मजदूरों ने बताया कि मनरेगा के तहत उन्होंने काम किया था लेकिन उसका भुगतान अब तक नहीं हो सका। उनका कहना था कि लगन में उनको काम नहीं मिल रहा है इसके चलते उनका आर्थिक संकट और गहरा गया है। 

धरने पर बैठने के 2 घंटे बाद कोतवाल राकेश चौरसिया ने मज़दूर नेता चटक लाल को हिरासत में ले लिया। हालाँकि बताया जा रहा है कि कुछ देर बाद उन्हें छोड़ दिया गया। धरने पर बैठने वाली अन्य लोगों में दुर्गा देवी, शीला देवी सहित कई मजदूर शामिल थे। पुलिस का कहना था कि एक साथ इतने ज्यादा मजदूरों का तहसील मिलकर हंगामा करना लॉक डाउन का उल्लंघन है।

मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने लोगों को शांत कराया और आश्वासन देकर उन्हें घर लौटा दिया। खंड विकास अधिकारी ने बताया कि मजदूरों को काम में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। एसडीएम मेजा रेनू सिंह ने कहा कि अगर मजदूरों को उनका बकाया पैसा नहीं दिया गया है तो जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

(मेजा से अंकित तिवारी की रिपोर्ट।)

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