मध्यप्रदेश में गुजरात की तर्ज़ पर लिखी जा रही है जनसंहार की पटकथा

कल इंदौर में हुए हिंदू संगठन के प्रदर्शन में ढाई हजार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ हुआ है लेकिन किसी एक को भी नामज़द नहीं किया गया है। 

जबकि इंदौर में चूड़िहार मो तस्लीम के समर्थन में जब थाने के बाहर लोग जमा हुए तो उन पर धार्मिक नारे लगाने, उन्माद फैलाने और रात के 12 बजे रोड जाम करने के आरोप में गंभीर धाराओं में एफआईआर किया गया है।

जबकि कल मंगलवार को हिंदू जागरण मंच के होर्डिग बैनर के साथ हजारों भगवा असमाजिक तत्त्वों ने मिलकर  चुड़िहार तस्लीम के ख़िलाफ़ रैली निकाली, गयी घंटों रोड जाम किया गया लेकिन पुलिस ने एक को भी सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने, क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने या जाम लगाने के आरोप में नहीं धरा। 

दरअसल नरेंद्र मोदी की तर्ज़ पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की आंखों में बड़ा सपना पल रहा है। मध्यप्रदेश में कभी भी गुजरात की तर्ज़ पर किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है। 

ऊपर से चूड़ीवाले के पास दो आधारकार्ड होना ही उसके गुनहगार होने का आधार बनाने का मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ये तर्क भी कम शर्मनाक नहीं है। 

बाद में पुलिस प्रशासन भी सरकार के पाले में खेलती नज़र आयी। 

निर्वाचित कमलनाथ सरकार के विधायकों को ख़रीदकर सत्ता में आने के बाद से शिवराज सरकार के इस कार्यकाल में लगातार सांप्रदायिक सौहार्द्र खराब करने की कोशिश सत्ता के स्तर पर हो रही है। हर सांप्रदायिक घटना के बाद खुद गृहमंत्री का भगवा गैंग के पैरोकारी में और पीड़ित पक्ष के ख़िलाफ़ मीडिया में बयान देना उसकी पुष्टि करता है। 

कल उन्होंने मीडिया को बताया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को प्रतिबंधित करने के लिए मुस्लिम समाज द्वारा दिए गए आवेदन पर वैधानिक स्तर पर विचार किया जा रहा है। 

इंदौर में कुछ दिन पहले विहिप और बजरंग दल के लोगों ने  “लव जिहाद” और भूमि जिहाद के विरोध में इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया था। तब भी नफ़रती बयान बाजी हुयी थी। 

वहीं दो दिन पहले मध्यप्रदेश के बड़वानी ज़िले के सेंधवा में 2 दिन पहले हुए मस्जिद के पास से शिव डोला का जुलूस निकाला गया और भड़काऊ नारे लगाने के साथ ही सांप्रदायिक बयान दिये गये। उस जुलूस में मस्ज़िद के सामने “गोली मारो……” जैसे नारे भी लगाये गये।

लोकल रिपोर्टर्स के मुताबिक़ यह रैली प्रशासन के बिना अनुमति के निकली थी पर कई दिन बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। जबकि कुछ रोज़ पहले बिना अनुमति के हुए मोहर्रम के जुलूस में 50 से अधिक लोगों पर एफआईआर हुई थी। 

इस पर बड़वानी के पूर्व जिलाधिकारी अजय गंगवार  ने कलेक्टर बड़वानी को आड़े हाथों लेते हुए कहा “नौकरशाह ख़ुद भगवा ब्रिगेड में बदल गए हैं”। 2016 में भी ऐसे ही मस्ज़िद के सामने करने की कोशिश की गई थी जिसे रोका था।

इससे पहले जनवरी 2021 के पहले सप्ताह में मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, राजगढ़ जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर हमला किया गया और फिर प्रशासन द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के आरोपियों के घरों को गिराने की कार्रवाई की गयी थी। वहीं दूसरी ओर मस्जिदों पर हमले किये गये भगवा झंडे फहराये गये थे। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को घर तोड़कर भगवा भीड़ उनके घरों में घुसी तोड़ फोड़ की, लूट पाट की और फिर आगजनी की गई लेकिन बावजूद इन सबके एक भी भगवा अपराधी के खिलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई।

इसके उलट राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा अल्पसंख्यक समुदाय आरोपियों की संपत्ति जब्त करने वाला क़ानून बनाने की बात बोले थे। मध्य प्रदेश में राम मंदिर के लिए चंदा उगाहने वाले भगवा ब्रिगेड पर कथित पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर 6 जनवरी बुधवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया के सामने धमकी देने वाले लहजे में कहा था कि –“अगर गलत करोगे तो रोकेंगे, नहीं मानोगे तो ठोकेंगे।” इससे पहले मुस्लिम आरोपितों के घर ढहाये जाने जैसी प्रशासनिक कार्रवाई को सही बताते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा था –“जिस घर से पत्थर आएंगे, उसी घर से पत्थर निकाले जाएंगे।”

गौरतलब है कि इसी साल दिसंबर – जनवरी में इंदौर, उज्जैन और मंदसौर में मुस्लिम बाहुल्य इलाके से चंदे के लिए जुलूस निकाल रहे भगवा भीड़ पर कथित पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद मध्यप्रदेश की सरकार ने मुस्लिम आरोपियों पर शिकंजा कसा था। और फिर मीडिया के सामने आकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि सरकार ने तय किया है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी, बल्कि सजा के साथ-साथ नुकसान की राशि भी वसूली जाएगी। इसके लिए भले ही उनकी प्रॉपर्टी ही जब्त क्यों ना करनी पड़े। इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तर्ज़ पर मध्य प्रदेश की सरकार ने धर्मांतरण और आरएसएस के शिगूफे लव जेहाद पर ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020’ ला चुकी है।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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