शरद पवार के बयान से पसोपेश में एमवीए और इंडिया अलायंस

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार का बयान मुंबई से लेकर दिल्ली तक हंगामा मचा रहा है। उनके बयान में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे समझने में कठिनाई हो। बल्कि उन्होंने तो बहुत साफ तरीके से कहा कि “एनसीपी बिल्कुल भी विभाजित नहीं हुई है।” और “ अजित हमारे नेता हैं।” यानि अजित पवार सहित उनके गुट के विधायक और शरद पवार के साथ बचे विधायक सब एक हैं।

शरद पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और राष्ट्रीय स्तर पर अस्तित्व में आई इंडिया गठबंधन के नेता सकते में हैं। ऐसे में अब क्या मान लिया जाए कि अजित पवार और उनके साथ गए विधायक शरद पवार की सहमति से एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हुए हैं। और बीच-बीच में उनकी अजित पवार से मुलाकात कोई अप्रत्याशित नहीं बल्कि तयशुदा होती है।

महाराष्ट्र में राजनीतिक खींच-तान अपने चरम पर है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार रैली में कहते हैं कि गलत लोगों को उनकी जगह दिखाने का समय आ गया है और कभी उनकी बेटी सुप्रिया सुले कहती हैं कि “एनसीपी बिल्कुल भी विभाजित नहीं हुई है।” एनसीपी के इस अलग राजनीतिक रुख से महा विकास अघाड़ी के अन्य दलों में भ्रम पैदा हो गया है और अब महा विकास अघाड़ी शरद पवार से अपने पक्ष को साफ करने के लिए कह रही है क्योंकि अजित पवार एनसीपी छोड़ने के बावजूद शरद पवार को नहीं छोड़ पा रहे हैं।

शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि उनकी पार्टी में कोई दरार नहीं है और कोई विभाजन नहीं हुआ है। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार उनकी पार्टी के नेता हैं और आगे भी बने रहेंगे। हालांकि शरद पवार की बेटी सुप्रीया सुले ने गुरुवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती का दौरा करते हुए बयान दिया था “एनसीपी में टूट नहीं हुई है, बस हमारी पार्टी के कुछ नेताओं ने अलग स्टैंड लिया है” और इसी के तर्ज पर अब शरद पवार का बयान आया है।

आपको बता दें की तकरीबन एक महीना पहले एनसीपी दो भागों में बंट गयी थी, और अजित पवार अपने कुछ विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार वर्तमान में महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री हैं, शरद पवार का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब इंडिया अलायंस बन चुका है और भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। 

कल पवार ने बारामती के एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि “अजित पवार हमारे नेता हैं। इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं है, विभाजन का क्या मतलब होता है? या ये कैसे तय करते हैं कि किसी पार्टी में विभाजन हो गया है? अगर कोई बड़ा दल राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी से अलग हो जाता है तो यह टूट जाती है तब इसे आप किसी पार्टी का विभाजन कह सकते हैं। अगर कुछ लोगों ने अलग रुख अपनाया है तो लोकतंत्र के अनुसार यह उनका अधिकार है। अगर उन्होंने अलग रुख अपनाया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी टूट गई है। यह उनका निर्णय है।

गुरुवार को बारामती सांसद सुप्रिया सुले ने भी इन्हीं बातों को रखा था और आगे अपनी बात में भाजपा की गलती बताते हुए कहा था कि कुछ एनसीपी विधायकों के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया था। पार्टी बिल्कुल भी अविभाजित है, कुछ ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है। हमने उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की है।

कुछ समय पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार को लेकर बात कही थी कि 2024 चुनाव से पहले शरद पवार बीजेपी में शामिल होगें, और इसको लेकर जब संवाददाता ने शरद पवार से पूछा कि क्या ये सच है? शरद पवार ने जवाब देते हुए कि कहा कि ऐसा कुछ भी ऐसा मत पूछिए जो सिर्फ आपका मानते हो।

आगामी चुनाव से पहले मीडिया सर्वेक्षण को लेकर किए गए सवाल पर शरद पवार कहते हैं कि इसके बारे में मुझे कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन हम विभिन्न संस्थानों से जानकारी ले रहे हैं और रिपोर्ट ये है कि आगामी चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को पहले से भी अधिक सीटें मिलेगी।

(जनचौक की रिपोर्ट।)

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