नीट परीक्षार्थियों ने कहा- पीएम सर! कफन नहीं, सफेद एप्रॉन पहनने की है चाहत

छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता द्वारा NEET परीक्षा टालने के लिए लगातार मुहिम चलाई जा रही है। लोगों का तर्क है कि JEE परीक्षा में केवल साढ़े आठ लाख छात्र थे। उसकी परीक्षा छः दिन और दो पालियों में बांटी गई थी। बावजूद इसके बदइंतजामी की ख़बरें कई जगह से आईं, जबकि NEET की परीक्षा के लिए साढ़े सोलह लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। और NEET की परीक्षा भी केवल एक दिन एक पाली में रखी गई है।   

राष्ट्रीय परीक्षा संस्थान (NTA) के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक 15.97 लाख अभ्यर्थियों ने देश भर से NEET की लिखित परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर परीक्षा केंद्रों की संख्या एनटीए ने 2,546 से बढ़ाकर 3,843 कर दी है। वहीं 13 सितंबर को प्रस्तावित NEET-2020 को स्थगित करवाने के लिए एक नई याचिका भी सुप्रीमकोर्ट में डाली गई है, जिसकी सुनवाई आज बुधवार को है।   

छात्रों ने ‘बेगिंग कैंपेन’ चलाया है। सरकार से जीवन की भीख मांगने की मुहिम। छात्रों का कहना है हम सफेद एप्रॉन पहनना चाहते हैं, परीक्षा देकर सफेद कफ़न नहीं।

तमिलनाड़ु में एक 17 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। छात्रा को उसका NEET परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं मिला था। भारत के शिक्षा मंत्री को इसके लिए इकलौता कसूरवार बताते हुए उनके खिलाफ़ कल NSUI ने शिकायत दर्ज करवाई है।

हाल में संपन्न हुई JEE परीक्षा का हाल
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने निजी ट्वीटर हैंडल पर JEE मेन परीक्षा के पहले तीन दिन का अटेंडेस डेटा शेयर किया था। उस डेटा के मुताबिक- पहले दिन की परीक्षा के लिए कुल 112,247 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड थे, जिसमें से केवल 61,366 छात्र ही परीक्षा में बैठे। यानि पहले दिन के परीक्षार्थियों का अटेंडेंस 54.67 प्रतिशत रहा।

वहीं दूसरे दिन की परीक्षा के लिए कुल 1,74,350 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड थे, जिसमें से केवल 1,41,372 छात्र ही परीक्षा में बैठे। यानि पहले दिन के परीक्षार्थियों का अटेंडेंस 81.08 प्रतिशत रहा। पहले दिन की परीक्षा के लिए कुल 1,71,924 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड थे, जिसमें से केवल 1,41,220 छात्र ही परीक्षा में बैठे। यानि पहले दिन के परीक्षार्थियों का अटेंडेंस 82.14 प्रतिशत रहा।

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने JEE परीक्षा संपन्न होने के बाद बताया है कि दूसरे दिन की परीक्षा में राज्य सरकार के तमाम पुख़्ता इंतज़ामात के बावजूद JEE परीक्षा में महज 25 प्रतिशत छात्र ही शामिल हुए। यानि 75 प्रतिशत छात्र कोविड-19 के डर से JEE परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। ममता बनर्जी सरकार ने कहा कि दूसरे दिन की परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड 4,652 अभ्यर्थियों में से सिर्फ़ 1,167 छात्र ही परीक्षा में बैठे।

वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहले दिन की परीक्षा में 44 प्रतिशत अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा छोड़ने की सूचना ख़बरों में आई है। लखनऊ में पहले दिन की परीक्षा के लिए 1,065 छात्र रजिस्टर्ड थे, जबकि परीक्षा में सिर्फ़ 597 छात्र ही शामिल हुए। इसी तरह लुधियाना में केवल 45.87 छात्र ही JEE परीक्षा में शामिल हुए थे। पहले दिन की परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड 388 अभ्यर्थियों में से केवल 178 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक ख़बर के मुताबिक असम में भी पहले दिन 50 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी। हालांकि दूसरे दिन की परीक्षा में 80 प्रतिशत छात्रों के परीक्षा में शामिल होने की ख़बरें कई जगह से आईं।

गुजरात के JEE संयोजक वीरेंद्र रावत द्वारा पीटीआई को दी गई सूचना के मुताबिक गुजरात में पहले दिन की परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड 3,020 अभ्यर्थियों में से केवल 1,664 परीक्षार्थी ही शामिल हुए, यानि गुजरात में पहले दिन की परीक्षा 45 प्रतिशत छात्रों ने छोड़ दी। टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में JEE की पहले दिन की परीक्षा में केवल 45 प्रतिशत छात्र ही शामिल हुए थे।

झारखंड में 31.42 प्रतिशत छात्र JEE परीक्षा में नहीं शामिल हुए। रायपुर में पहले दिन 58 प्रतिशत छात्रों द्वारा JEE परीक्षा छोड़नी की सूचना है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा साझा किए गए डेटा के मुताबिक पहले दिन की परीक्षा में केवल 54.67 प्रतिशत छात्र ही शामिल हुए। JEE मेन परीक्षा से पहले संपन्न हुई नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में परीक्षा देने आए छात्रों ने बताया था कि उनके लिए कोविड-19 से बचने का कोई पुख़्ता इंतज़ाम नहीं किया गया था।

वहीं देश भर में कोरोना महामारी के बिगड़ते हालात के मद्देनज़र उड़ीसा सरकार ने ‘ओडिशा संयुक्त प्रवेश परीक्षा’ (OJEE) स्थगित कर दी है। यह परीक्षा 6 से 15 सितंबर के बीच आयोजित होनी थी। इससे पहले JEE मेन की परीक्षा के लिए ओडिशा सरकार ने छात्रों को मुफ्त परिवहन और ठहरने की सुविधा मुहैया करवाई थी।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

सुशील मानव
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