जज उत्तम आनंद हत्याकांड का नहीं हुआ अभी तक कोई खुलासा

धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड का अभी तक कोई निर्णायक खुलासा नहीं हुआ है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों (ऑटो चालक) ने यह कबूल किया है कि ऑटो से जज उत्तम आनंद को धक्का लगा था, उस वक्त वे लोग नशे में थे और एक-दूसरे से बात करते हुए जा रहे थे, कि इसी बीच जज साहब को धक्का लग गया।

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी लखन वर्मा और उसका पड़ोसी राहुल वर्मा आदतन अपराधी हैं। दोनों नशे के आदी हैं। इस कारण शराब समेत अन्य नशीली चीजों का जुगाड़ करने के लिए वे चोरी करते थे। नशे में अक्सर लोगों से मारपीट भी करते थे। चोरी के एक केस में राहुल बाल सुधार गृह जा चुका है।

लखन वर्मा परिवार से अलग मिट्टी के पुश्तैनी मकान में अकेला रहता है, जबकि उसके परिजन डिगवाडीह मांझी बस्ती में रहते हैं। राहुल परिवार के साथ डिगवाडीह 12 नंबर सोनारपट्टी में रहता है। वहां परिजनों और स्थानीय लोगों से बात करने पर पता चला कि दोनों चार दिनों से लापता थे। अब पुलिस भी इस बिंदु पर तफ्तीश कर रही है कि दोनों चार दिनों से कहां थे और किनके संपर्क में आए।

गिरफ्तार लखन वर्मा और राहुल वर्मा से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों आरोपियों ने यह कबूल किया है कि ऑटो से जज उत्तम आनंद को धक्का लगा था, उस वक्त वे लोग (ऑटो चालक) नशे में थे और एक-दूसरे से बात करते हुए जा रहे थे। इसी दौरान जज साहब को धक्का लग गया।

इसके बाद दोनों वहां से भाग गये। फिर आगे जाकर स्टील गेट पर ऑटो में पैसेंजर भी बैठाया। उस पैसेंजर को पुलिस ने देर रात उठाया भी था। बाद में गोविंदपुर साईं पेट्रोल पंप पर लखन ने डीजल लिया और 8.42 में जीटी रोड होते हुए गिरिडीह चला गया, जहां से बुधवार देर रात लखन को गिरफ्तार किया गया। इस बीच शुक्रवार सुबह आठ बजे एसआईटी की बैठक धनबाद में बुलायी गयी है। एसआईटी के मुखिया एडीजी संजय आनंद लाटकर देर रात धनबाद पहुंच भी गये। आईजी और डीआईजी पहले से ही धनबाद में कैंप कर रहे हैं।

इस मामले में गिरफ्तार राहुल और लखन ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उन पर झूठे आरोप लगाये जा रहे हैं कि उसने ऑटो (जेएच 10 आर 0461) की चोरी की। उन लोगों ने ऑटो के मालिक रामदेव से ऑटो किराये पर लिया था। हालांकि ऑटो मालिक ने पुलिस को बताया है कि घटना से पहले वाली रात को उनका ऑटो चोरी हो गया था। पुलिस मान रही है कि दोनों पेशेवर ऑटो चोर हैं और नशेड़ी हैं। चूंकि मामला 302 का है और हाई प्रोफाइल है, इसलिए अभी तुरंत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगी।

पहले पता चला कि आरोपी लखन और राहुल ने पाथडीह के रामदेव लोहार के ऑटो को चोरी कर घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने रामदेव का रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि रामदेव खुद बड़ा डकैत है। वह 6 डाका कांड में जेल जा चुका है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई तो वह फरार हो गया।

पुलिस के मुताबिक रामदेव पुराना क्रिमिनल है। उसके खिलाफ जोरापोखर, सुदामडीह व पाथरडीह थानों में छिनैती, डकैती समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उस पर आरोप है कि वह पत्थरमार गिरोह का सरगना था। अभी वह घर के पास अवैध महुआ शराब की बिक्री करता है। इधर, पुलिस ने गुरुवार की रात रामदेव के पिता छत्रधारी लोहार को हिरासत में ले लिया।

ऑटो की चोरी का केस दर्ज कराने भी रामदेव थाना नहीं गया था। उसने गुरुवार को सुबह 10 बजे अपनी पत्नी सुगनी देवी और बेटे को थाने भेजा था। पत्नी सुगनी देवी ने पुलिस को लिखित आवेदन दिया था, जिसमें बताया कि बुधवार को अहले सुबह करीब साढ़े तीन बजे घर के बाहर देखा तो ऑटो वहां से गायब था।

बता दें कि जिस ऑटो से घटना को अंजाम दिया गया उसका न तो नंबर और न ही चालक की पहचान थी। ऐसे में पुलिस को आरोपियों तक पहुंचना एक टेढ़ी खीर थी। खोजबीन की शुरुआत श्रमिक चौक, बेकारबांध, सिटी सेंटर, श्रमिक चौक व एसएसएलएनटी के पास लगे नगर निगम के सीसीटीवी कैमरों को खंगालने से हुई। रणधीर वर्मा चौक पर जज को धक्का मारते ऑटो दिखा, लेकिन नंबर नहीं दिखा। गोविंदपुर के एक पेट्रोल पंप पर पुलिस को ऑटो के साथ युवक की तस्वीर मिली। ऑटो के शीशे पर पाथरडीह लिखा हुआ मिला। इसके बाद पाथरडीह ऑटो स्टैंड पहुंचने पर लखन का सुराग मिला। लखन के पकड़े जाने पर राहुल के कई कॉल ने उस तक पहुंचाया।

CID की चार सदस्यीय टीम भी धनबाद पहुंची है। टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया। इसके बाद धनबाद थाना पहुंची। वहां जब्त ऑटो का मुआयना किया। सदर थाना प्रभारी से घटना के बारे में जानकारी ली।

पकड़े गए दोनों आरोपियों का पुलिस ने मेडिकल कराया है। पुलिस ने दोनों की नशा करने संबंधी भी जांच कराई है, ताकि यह पता चल सके कि 24 घंटे में दोनों ने नशा किया था या नहीं। दोनों के ब्लड व यूरीन सैंपल जांच के लिए रांची भेजे गए।

पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी राहुल वर्मा पूर्व में भी मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़ा गया था। उस वक्त वह नाबालिग था, इसलिए उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था। फॉरेंसिक टीम और तकनीकी टीम के अलावा सीआईडी की टीम भी एसआईटी को सहयोग कर रही है। फॉरेंसिक टीम ने ऑटो की गहराई से जांच भी की। मामले की हकीकत क्या है, यह एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद ही सामने आयेगा।

सूत्रों के मुताबिक पहले धनबाद स्टेशन के पास से राहुल वर्मा को पकड़ा गया। उससे लखन का नंबर मिला। उस नंबर को ट्रेस करने पर लखन का लोकेशन गिरिडीह मिला, जहां से उसे पकड़ा गया। इस मामले में सीआईडी की टीम ने भी घटनास्थल की जांच की है और ऑटो के कांच के टुकड़े एकत्र किये। सूत्रों के मुताबिक जब ऑटो चालक और उसके सहयोगी को पकड़ा गया, दोनों नशे में ही थे। पुलिस अब धनबाद के अपराधियों का कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। हालांकि इस मामले में आधिकारिक तोर पर तो कोई पुलिस अधिकारी मुंह खोलने को तैयार नहीं है। अभी पुलिस प्रथमदृष्ट्या इसे दुर्घटना मान कर ही चल रही है।

कहना होगा कि इस हत्या कांड में जिस तरह की परिस्थितयां बनी हैं, वह काफी चौकाने वाली हैं। अंततः कहीं यह मामले की लीपापोती न साबित हो।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

विशद कुमार
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