अब गोंडा में दलित उत्पीड़न की हाहाकारी घटना! 3 नाबालिग बच्चियों पर सोते समय एसिड से हमला

उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ बेरहमी जारी है। महिलाओं पर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सूबे की महिलाएं कभी रेप की शिकार हो रही हैं तो कभी एसिड अटैक की, लेकिन उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। हाथरस मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि एक और बेहद वीभत्स और दर्दनाक खबर सामने आ रही है। जिसमें गोंडा जिले के परसपुर में एसिड अटैक की एक बड़ी वारदात हुई है। बताया जा रहा है कि सोते समय तीन बहनों पर एक साथ तेजाब डाल दिया गया है।

तीनों लड़कियां दलित होने के साथ ही नाबालिग भी हैं। घटना में तीनों बहनें झुलस गई हैं। उन सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

घटना के सामने आते ही सूबे के प्रशासन में हड़कंप मच गया है। घटना बीती रात 12 अक्तूबर की है। बताया जा रहा है कि जब उनके ऊपर एसिड फेंका गया उस समय तीनों सो रही थीं। दो बहनें मामूली रूप से घायल हैं, जबकि एक बहन के चेहरे पर एसिड पड़ा है। हालांकि, एसिड फेंकने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।बच्चियों की उम्र 8, 12 और 17 वर्ष है।

मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसिड फेंकने वाला अज्ञात है और इस हमले का कारण भी अभी पता नहीं चल पाया है। गोंडा के एसपी शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि लड़कियों पर जिस केमिकल से हमला किया गया, उसकी जांच हो रही है। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। फिलहाल अभी घटना के पीछे की वजहों का नहीं पता चल सका है।

पीड़ित पिता का कहना है कि घटना के बाद उन्हें लगा कि शायद सिलिंडर की आग में बेटियां झुलस गई हैं। लेकिन बाद में पता चला कि किसी अज्ञात शख्स ने तेजाब से हमला किया है। पिता का कहना है, ‘जब तेजाब पड़ा तो बेटी चिल्लाई। आवाज सुनकर मैंने दरवाजा खोला। बेटी को गोद में लिया और पूछा कि क्या सिलिंडर से आग लग गई है तो उसने कहा नहीं। घटना के वक्त मैं सो रहा था। एक बेटी 17 साल की है, एक 12 और एक 8 साल की है।’ पीड़ित पिता का कहना है कि उन्हें किसी पर शक नहीं है। आज तक गांव में किसी से रंजिश नहीं रही है।

दो दिन पहले गोंडा से ही एक पुजारी पर हुए जान लेवा हमले की खबर सामने आई थी। गोंडा के राम जानकी मंदिर के पुजारी सम्राट दास को शनिवार (10 अक्तूबर) की रात गोली मार दी गई थी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इसके अलावा यूपी के हाथरस के गैंगरेप की खबर के बाद महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं। हाथरस के एक गांव की 19 वर्ष की एक लड़की 14 सितंबर को गैंगरेप का शिकार हुई। इलाज के दौरान घटना के 15 दिन बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने चार आरोपियों की गिरफ्तारी की। लड़की की मौत के बाद रात में ही उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिवार वालों का कहना है कि उनकी मर्ज़ी के बिना पुलिस ने ज़बरन दाह संस्कार किया। अभी ये मामला कोर्ट में है।

कल इस मामले में कोर्ट ने जब प्रशासन से जवाब मांगा तो उनके पास उसका कोई जवाब नहीं था। लिहाजा उन्होंने सवालों से बचने और पूरे मामले पर फिर से विचार करने के लिए उन्होंने कोर्ट से कुछ मोहलत मांग ली। जिसके तहत अगली सुनवाई 2 नवंबर के लिए मुकर्रर की गयी है।

भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं और खास तौर से दलित महिलाओं पर हिंसा बढ़ती ही जा रही है। राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि हाथरस व बलरामपुर में दलित महिलाओं के साथ बलात्कार व हत्या की घटनाओं में इंसाफ होना अभी बाकी ही है कि इसी बीच सोमवार को गोंडा में तीन दलित नाबालिग बहनों पर तेजाब डालकर झुलसा देने की घटना हुई है। यही नहीं, मंगलवार को यूपी विधानसभा के सामने महाराजगंज की महिला ने खुद पर केरोसिन उलेड़कर आत्मदाह की कोशिश की, क्योंकि उसकी शिकायतों पर कार्रवाई करने की जगह पुलिस बैठी रही


राज्य सचिव ने कहा कि जो सरकार महिलाओं को सुरक्षा और इंसाफ नहीं दिला सकती, उसे सत्ता में रहने का हक नहीं है। महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री की तमाम घोषणाएं जुबानी जमाखर्च साबित हो रही हैं। पुलिस और प्रशासन का संवेदनहीन रवैया बदस्तूर जारी है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

Janchowk
Published by
Janchowk