बस्तर: जमीन अधिग्रहण करने गए पुलिसकर्मियों से आदिवासियों की तीखी झड़प

बस्तर। बस्तर में दंतेवाड़ा जिले के फुलपदर गांव में फूड प्रोसेसिंग पार्क के लिए ज़मीन अधिग्रहण करने को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी झड़प हुई है। दरअसल ज़मीन अधिग्रहण करने के लिए राजस्व अमला अपने साथ सुरक्षा बल के जवानों को लेकर पहुंचा था और ज़मीन की नाप जोख करना शुरू कर दिया। यह काम वह बिना अनुमति के कर रहा था। ऐसा देखकर ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। इस विरोध में कई महिलाएं भी शामिल थीं।

ग्रामीणों का गुस्सा इतना तीखा था कि उन्होंने अपने हाथों में कुल्हाड़ी और लाठी उठाकर राजस्व व पुलिस की टीम को घेर लिया। मामले की नजाकत को समझते हुए टीम को वहां से भागना पड़ा।

घटना का कुछ प्रत्यक्ष दर्शियों ने वीडियो बना लिया। इस वीडियो में आक्रोशित महिलाएं महिला सुरक्षा कर्मियों और पुलिस के जवानों को दौड़ा रहे हैं और ज़मीन अधिग्रहण को लेकर पुलिस और राजस्व अमले से तीखी बहस कर रहे हैं।

तो वहीं दूसरे वीडियो में सभी आक्रोशित पुरुष-महिला ग्रामीण पुलिस अधिकारी पर महिला ग्रामीण को लात से मारने का आरोप लगा रहे हैं।

दरअसल इन ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में जबरन फूड पार्क के नाम से आदिवासी ग्रामीणों से ज़मीन लेकर एक बड़ा उद्योग लगाने की तैयारी चल रही है और लघु उद्योग के नाम से ग्रामीणों को गुमराह किया जा रहा है ऐसा इन ग्रामीणों का आरोप है।

साथ ही इनका कहना है कि हम इस स्थान पर पीढ़ियों से निवास करते आ रहे हैं और इस जगह पर खेती किसानी करते हैं फिर भी राजस्व विभाग द्वारा हमारे खेतों को उद्योग विभाग का बताकर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।

गौरतलब है कि बस्तर पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में आता है और इस कारण यहां पेसा कानून, वन अधिकार अधिनियम जैसे कई संवैधानिक कानून लागू हैं जहाँ पारम्परिक ग्राम सभा की अनुमति के बिना ज़मीन अधिग्रहण नहीं किया जा सकता। फ़िर भी शासन और प्रशासन ऐसे संवैधानिक अधिकारों की धज्जियां उड़ा रहा है और आदिवासियों से ज़मीन हड़पने की कोशिश कर रहा है।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता रिकेश्वर राणा की रिपोर्ट।)

रिकेश्वर राणा
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