जेएनयू में एबीवीपी का फिर हमला! एक छात्र घायल

नई दिल्ली। जेएनयू में विद्यार्थी परिषद के लोगों ने एक बार फिर छात्रों पर हमला किया है। बताया जा रहा है कि तकरीबन 16 की संख्या में परिषद के कार्यकर्ता विवेक नाम के एक छात्र के कमरे में जबरन घुस गए और उसे कड़े और आयरन रॉड से पीटना शुरू कर दिया। विवेक को बचाने के लिए जब जेएनयूएसयू की एक महिला काउंसिलर सामने आयीं तो गुंडों ने उन पर भी हमला बोल दिया।

हमले में विवेक के चहरे पर गंभीर चोटें आयी हैं। इसके अलावा हमलावरों ने उनके सिर पर कड़े से प्रहार किया। घटना का विवरण देते हुए विवेक ने बताया कि वह सोने की तैयारी कर रहे थे उसी समय उनके दरवाजे पर दस्तक हुई। कोई नाम लेकर उन्हें दरवाजा खोलने के लिए कह रहा था। उन्होंने बताया उनकी संख्या 8 थी। उनमें से एक ने कहा कि तुम विवेक हो और तुमने मेरी शिकायत की है। इस पर विवेक ने पूछा कि कैसी शिकायत। मैंने तो कोई शिकायत नहीं की है। इसी बात पर उसने विवेक के गाल पर तमाचा जड़ते हुए कहा कि नेता बनते हो। विवेक के यह पूछने पर कि वह ऐसा क्यों कर रहा है और उसने उनकी शिकायत भी नहीं की है तो उसका जवाब देने की जगह उन लोगों ने गाली गलौच करना शुरू कर दिया।

उसके बाद उनमें से एक ने अपने कड़े से उनके सिर और चेहरे पर हमला बोल दिया। जिससे सिर में गंभीर चोट आने के साथ ही चेहरे में घाव हो गया और उससे खून बहने लगा। विवेक का कहना है कि इसी बीच छह और लोग आए गए और उन्होंने भी उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। विवेक के एक दोस्त रजनीश ने जब उन्हें बचाने की कोशिश की तो हमलावरों ने उसके साथ भी हाथापाई शुरू कर दी। घटना के बाद विवेक को हेल्थ सेंटर ले जाया गया जहां उनका प्राथमिक इलाज हुआ।

मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जेएनयू के छात्र इस समय बसंत कुंज पुलिस स्टेशन पर जमा हुए हैं।

घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा है कि यह साफ-साफ हत्या का प्रयास है। उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा कि क्या कोई कानून अभी बचा भी है? उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को हुए एबीवीपी के हमले को 8 महीने हो जाएंगे। और अब उसके बाद यह घटना घटी है।

उन्होंने एक ट्वीट में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को टैग करते हुए पूछा है कि क्या इनके खिलाफ कार्रवाई होगी या फिर छात्रों को गुंडों के हाथ मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा? उन्होंने कहा कि यह बीजेपी-आरएसएस का न्यू इंडिया है। जो न केवल परेशान करने वाला है बल्कि बेहद उत्पीड़नकारी भी है। 

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