गुजरात: राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर शुरू किया खरीद-फरोख्त का खेल, कांग्रेस के एमएलए भेजे गए रिजार्ट में

अहमदाबाद। मार्च 26 को गुजरात से राज्यसभा के लिए चुनाव होने थे। लेकिन कोरोना महामारी और लॉक डाउन के चलते राज्यसभा चुनाव रद्द करना पड़ा था। देश में अनलॉक की घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने 19 जून के लिए चुनाव का नोटिस जारी किया है। चुनाव की घोषणा के बाद 3 जून को करजन से अक्षय पटेल और कपराड़ा से जीतू चौधरी ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। इन दोनों के बाद मोरबी से विधायक बृजेश मेरजा ने भी 5 जून को अपना इस्तीफा ईमेल के माध्यम से गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी को भेज दिया। 

तीन विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने अपने बचे विधायकों को राजनैतिक क्वारंटाइन में भेज दिया। दक्षिण और मध्य गुजरात के 20 विधायकों को बड़ौदा के नजदीक आराइस रिवर साइड फार्म हाउस में भेजा गया है। जबकि सौराष्ट्र और कच्छ के 16 विधायकों को राजकोट के पूर्व विधायक इंद्रनील राजगुरु के रिज़ॉर्ट में रखा गया है। 

दिलचस्प बात यह है कि ये विधायक नील सिटी रिज़ॉर्ट में स्कूल फी और बिजली बिल माफी के मुद्दे पर धरना भी कर रहे हैं। राजकोट के यूनिवर्सिटी पुलिस स्टेशन में पुलिस ने रिज़ॉर्ट मालिक और मैनेजर समर्थ मेहता के विरुद्ध 188 के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। मालिक इंद्रनील राजगुरु का कहना है कि “ ये लोग मेरे मेहमान हैं। मैं कोई कारोबार नहीं कर रहा हूँ। परेश धनानी और अर्जुन मोढवाडिया ने मुझे संपर्क किया था। मैं भले ही पार्टी में अब नहीं हूँ। लेकिन मेरी मित्रता है। सरकार के दबाव के कारण यह लोग यहाँ आए हैं।”

कांग्रेस पक्ष के नेता परेश धनानी ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे का कारण “पद, पैसा और प्रेशर टेक्निक” को बताया। धनानी ने बागी विधायकों से प्रश्न किया कि  चुनाव के समय ही उनका पेट क्यों दुखता है। 

उधर बागी विधायक बृजेश मेरजा पद, पैसा और राजनैतिक खेल के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि ” मेरी बेदाग छवि को कांग्रेस में धूमिल किया जा रहा था। थक कर मैंने इस्तीफे का निर्णय लिया। चुनाव के समय में इस्तीफा देने का ज्यादा असर पड़ता है।” मेरजा BJP में शामिल होने के सवाल पर कहते हैं कि समय देख कर निर्णय लिया जाएगा।

उत्तर गुजरात और अहमदाबाद के 25 विधायकों को आबू रोड के जामबुड़ी के वाइल्ड विंड्स रिज़ॉर्ट में रखा गया है। 4 विधायक अभी भी किसी रिज़ॉर्ट में नहीं पहुंचे हैं। कांग्रेस का कहना है कि सभी विधायक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं एक विधायक अस्पताल में है। तीन वरिष्ठ विधायकों को घर पर ही रहने को कहा गया है। 

राज्य सभा चुनाव में भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमिलाबेन बारा और नरहरि अमीन को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने शक्तिसिंह गोहिल और भरत सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। First preference candidate के आधार पर भाजपा के दो और कांग्रेस के एक उम्मीदवार की जीत निश्चित है। नरहरि अमीन और भरत सिंह सोलंकी में से कोई एक राज्यसभा में जायेगा। एक उम्मीदवार को 32 वोट जीत के लिए चाहिए। 

मार्च से पहले कांग्रेस की विधानसभा में संख्या 73 थी। लेकिन मार्च में पांच और जून में 3 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ दे दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि BJP कोरोना संकट के समय भी विधायक खरीद रही है। कांग्रेस और भाजपा के अलावा 2 विधायक भारतीय ट्राईबल पार्टी के हैं जबकि एक NCP का और एक निर्दलीय है। 

(अहमदाबाद से जनचौक संवाददाता कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

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