हिटलर और तुगलक के मिश्रण हैं मोदी, चुनाव मुक्त भारत बनाने का षड्यंत्र है ‘एक देश-एक चुनाव’: दीपंकर

Estimated read time 1 min read

पटना। भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि ‘नरेन्द्र मोदी हिटलर व तुगलक के मिश्रण हैं। नोटबंदी के बाद अब नामबंदी की साजिश चल रही है। देश का संविधान साफ कहता है इंडिया दैट इज भारत। लेकिन अब प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम से पत्र जारी किए जा रहे हैं। देश का नाम बदलने का यह पागलपन हमें हंसी का पात्र बनाएगा। मोदी शासन अराजकता और आपदा का निर्बाध शासन रहा है। इंडिया अर्थात भारत को इस विपत्तिपूर्ण शासन से हर हाल में बचाना होगा।

दीपंकर भट्टाचार्य आज पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि ‘एक देश-एक चुनाव’ का नारा चुनाव मुक्त भारत की ओर ले जाने वाली राह है। यह लोकतंत्र के साथ मजाक है। आनन-फानन में एक कमेटी बना दी गई, जिसमें विपक्ष के एक नेता को भी शामिल नहीं किया गया। संसद का विशेष सत्र भी बिना विचार-विमर्श के बुला लिया गया है।

उन्होंने कहा कि ‘लॉ कमीशन और कई अन्य विशेषज्ञों की राय में यह एक जटिल मसला है जिसमें काफी संविधान संशोधन करना पड़ेगा। दरअसल यह संविधान की बुनियाद के खिलाफ है। भाजपा चुनावों में खर्च का हवाला दे रही है लेकिन सबसे ज्यादा खर्चा तो भाजपा ही करती है’।

दीपंकर ने कहा कि ‘एक देश एक चुनाव का मॉडल कश्मीर का मॉडल है। विगत 5 सालों से कश्मीर में चुनाव ही नहीं हुआ। आज हम देख रहे हैं कि भाजपा राज्यों में लगातार चुनाव हार रही है। वे किसी भी तरीके से चुनाव जीतना चाहते हैं। चुनावों में कटौती जनता के अधिकारों व लोकतंत्र पर सीधा हमला है’।

माले महासचिव ने कहा कि ‘मुंबई में इंडिया की लगातार तीसरी सफल बैठक हुई। इंडिया का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसमें 5 ग्रुप का निर्माण हुआ है। कंपेन, मीडिया व सोशल मीडिया की कमेटी में भाकपा-माले की ओर से क्रमशः रवि राय, सुचेता डे और अरूण कुमार शामिल किए गए हैं।

2 अक्टूबर से पूरे देश में इंडिया के बैनर से कंपेन की शुरूआत होगी। आने वाले दिनों में न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर आंदोलन होंगे’।

दीपंकर ने कहा कि ‘मुंबई की बैठक के फैसले के अनुसार राज्य स्तर पर सीटों की शेयरिंग होने वाली है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राजद व माले के बीच के तालमेल से एक नए चुनावी केमिस्ट्री की शुरूआत हुई थी। माले के प्रभाव वाले इलाकों मगध, शाहाबाद और सारण में महागठबंधन ने निर्णायक बढ़त हासिल की थी। उससे निकली संभावनाओं की दिशा में यदि आगे बढ़ा जाए तो 2024 के चुनाव में भाजपा को बिहार में निर्णायक शिकस्त मिलेगी’।

उन्होंने कहा कि ‘भाकपा-माले ने लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर अपना एक प्रस्ताव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को विगत 4 सितंबर को भेजा है। उम्मीद है कि सीटों की शेयरिंग जल्द ही हो जाएगी’।

शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए दीपंकर ने कहा कि ‘शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के मान-सम्मान की गारंटी होनी चाहिए’।

इस मौके पर माले नेताओं ने बताया कि 9-10 सितंबर को पटना में स्कीम वर्कस फेडरेशन का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन होगा।

संवाददाता सम्मेलन में राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा, अमर व शशि यादव उपस्थित थे।

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author