अकाली राजनीति में बड़ा धमाका, परमिंदर सिंह ढींडसा ने छोड़ा विधायक दल का ओहदा

जालंधर। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की सरपरस्ती वाले शिरोमणि अकाली दल में नया धमाका हुआ है। विधानसभा में विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने विधायक दल नेता पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी अध्यक्ष सांसद सुखबीर सिंह बादल ने इसे मंजूर कर लिया है। पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा शिरोमणि अकाली दल में बड़े कद के नेता माने जाते हैं। उनके पिता राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा पहले ही अकाली दल को अलविदा कह कर बादल विरोधी टकसाली अकाली दल का दामन थाम चुके हैं। अब परमिंदर सिंह ढींडसा भी टकसाली अकाली दल के साथ जाएंगे।

बादलों ने तमाम कोशिशें कीं लेकिन परमिंदर सिंह ढींडसा को साथ रखने में कामयाब नहीं हुए। ढींडसा परिवार मालवा में अच्छा जनाधार रखता है और कम से कम 30 सीटों पर प्रभावी है। परमिंदर की बगावत से अकाली राजनीति सिरे से बदलना तय है। इसलिए भी कि सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा प्रकाश सिंह बादल के सबसे पुराने हिमायतियों और विश्वासपात्रों में एक रहे हैं। माना जा रहा था कि सुखदेव सिंह ढींडसा की अलग राह को परमिंदर को साथ रखकर काटा जा सकता है। लेकिन आज अकाली दल में हुए इस धमाके ने साफ कर दिया कि ढींडसा परिवार पूरी तरह से बादलों के विरोध में आ गया है।

बादल परिवार के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि परमिंदर सिंह ढींडसा पार्टी, बादलों और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के भाई राज्य के पूर्व मंत्री विक्रमजीत सिंह मजीठिया के कई ऐसे ‘राज’ संभाले हुए हैं जो अगर फंसे होते हैं तो सबके लिए बड़ी दिक्कत का सबब बनेंगे। परमिंदर सिंह ढींडसा ने खुद इस पत्रकार से अपने इस्तीफे की पुष्टि की है।

(अमरीक सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल जालंधर में रहते हैं।)

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