पाटलिपुत्र की जंग: बिहार में भी नफरत और खौफ के रथ पर सवार एनडीए

बिहार चुनाव में बीजेपी को नफ़रत और डर का ही सहारा है। यही कारण है कि भाजपा के नेता लगतार तमाम चुनावी मंचों पर जा जाकर बिहार की जनता को डरा रहे हैं। कभ उग्र वामपंथ के नाम पर, कभी कश्मीर के चरमपंथियों के नाम पर, तो कभी कुछ कभी कुछ, क्योंकि ज़मीन का मुद्दा उठाएंगे तो बिहार की जनता उनको ठेंगा दिखाएगी। कई जगह साइमन कमीशन गो बैक की तर्ज़ पर भाजपा नेता गो बैक के नार लग ही रहे हैं।

13 अक्तूबर को वैशाली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था, “अगर राजद की सरकार बनी तो आतंकवादी कश्मीर से भागकर आएंगे और बिहार में शरण लेंगे।”

जिन्ना के जिन्न के भरोसे भाजपा
वहीं अब जिन्ना के जिन्न को भी भाजपा ने अपनी बोतल से निकाल कर बाहर कर दिया है। यूपी चुनाव के बाद से ये जिन्न बोतल में बंद था। कांग्रेस पार्टी से शकूर उस्मानी को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा कांग्रेस को जिन्ना समर्थक और खुद को गोडसे समर्थक कहकर वोट मांगने जा रही है। तमाम टीवी चैनलों पर जिन्ना का मीटर फिक्स कर दिया गया है। बिहार चुनाव तक यही चलाया जाना है।

वहीं राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “इनको तो जनता ने झारखंड में भी देखा है खुद प्रधानमंत्री मोदी लोगों को कपड़े से पहचान करने की बात कह रहे थे। जब भी चुनाव आता है इनको पाकिस्तान जिन्ना, चीन, आतंकवाद यही सब याद आता है। चुनाव बाद फिर ये सो जाते हैं। ये गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले लोगों की पार्टी है। ये बिहार में भुखमरी, बेरोज़गारी, प्रवासी मजदूर, पलायन जैसे ज़मीनी मुद्दे पर नहीं बोलेंगे। बाढ़ की बदहाली और किसान पर नहीं बोलेंगे। ये चुनाव में वहीं पिच तैयार करेंगे जिस पर बैटिंग करने के लिए नित्यानंग राय, गिरिराज सिंह जैसे लोग आएंगे।” 

भाजपा नेताओं के लिए लगे ‘गो बैक’ के नारे
वहीं बिहार के छपरा में जब भाजपा विधायक वोट मांगने गए तो जनता ने काम का हिसाब मांगते हुए कहा कि पांच साल कहां थे। एक भी काम करें हो तो बताओ और फिर ‘गो बैक’ के नारे लगाकर भगा दिया। भाजपा के लिए सैकड़ों बार आजमाया हुआ एकमात्र विकल्प नफ़रत और डर बचता है, जिसे भाजपा लगातार बिहार के तमाम चुनावी मंचों पर आजमा भी रही है।

(जनचौक डेस्क)

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