एआईपीएफ के लोगों ने लिया लोकतंत्र को बचाने और जीने के अधिकार का संकल्प

15 अगस्त सिर्फ आजादी का जश्न मनाने का दिन नहीं है। यह दिन यह देखने सोचने का भी है कि आजादी के वक्त के हमारे सपने क्या थे और हम कहां पहुंच गए हैं। मानवता, लोकतंत्र और संविधान के सामने आज जो चुनौतियां हैं उससे निपटने का संकल्प लेने का भी दिन है। स्वतंत्रता दिवस पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने राष्ट्रीय संकल्प अभियान की शुरुआत की है। संगठन ने इसके लिए संकल्प पत्र भी तैयार किया है…

अपने देश की आज़ादी की 73वीं वर्षगांठ के उत्सव पर सभी शहीदों और स्वतंत्रता-सेनानियों का पुन्य-स्मरण करते हुए हम यह दुहराते हैं कि स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व पूरे मानव-समाज के सर्वोच्च आदर्श हैं और गरिमामय आजीविका, न्यायपूर्ण जीवन, नैतिकता-आधारित समाज व्यवस्था और प्रकृति के साथ स्वस्थ सह-अस्तित्व प्रत्येक स्त्री-पुरुष की जन्म सिद्ध जरूरतें हैं।

अंग्रेजों की दो सदी लंबी गुलामी से मिली मुक्ति से शुरू राष्ट्र निर्माण यात्रा से अपने को जोड़ते हुए हम जानते हैं कि जेंडर, जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर भेदभाव फैलाना राष्ट्रीय आंदोलन के लक्ष्यों के विपरीत है। हमारे संविधान का अपमान है। देश की एकता और देश हित के लिए घातक हैं, इसलिए आज़ादी की 1857 से 1947 तक की शानदार लड़ाई के वारिसों के रूप में हम संकल्प करते हैं कि अपने निजी जीवन और सार्वजनिक आचरण में सदैव सदाचार और सद्भाव का पालन करेंगे।

एक प्रतिबद्ध नागरिक के नाते देश-दुनिया की इसी दिशा में प्रगति में हिस्सेदारी करेंगे। आज़ादी के सात दशकों के बावजूद हम आज यह भी देख रहे हैं कि देश के गांवों-नगरों के जन-जीवन में स्वराज विस्तार की राह में वित्तीय पूंजी का वर्चस्व, चौतरफा बढ़ती बेरोजगारी, हिन्दू-मुस्लिम वैमनस्य, महंगी चुनाव-प्रणाली, और उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार की चिंताजनक चुनौतियां हैं। इससे आर्थिक स्वराज का मार्ग अवरुद्ध है।

सामाजिक सद्भाव ख़तम हो रहा है। जनतंत्र पर धनतंत्र प्रबल हो चुका है, इसलिए भारत की आज़ादी की लड़ाई के वारिसों के रूप में हम यह भी संकल्प लेते हैं कि स्वराज की प्रगति के मार्ग की इन बाधाओं के समाधान के लिए एक देशव्यापी प्रभावशाली लोकतांत्रिक मंच के गठन की जरूरत पूरी करने के लिए आगे बढ़कर योगदान करेंगे।

हम बोलेंगे प्रशांत को सजा देना लोकतंत्र के लिए अशुभ है!
बोलेंगे हम कि न्याय के लिए बोलना अपराध नहीं है!
हम बोलेंगे काले कानूनों के खात्मे के लिए!
बोलेंगे हम सामाजिक-राजनीतिक बंदियों की रिहाई के लिए!
हम बोलेंगे जीने के अधिकार के लिए!
बोलेंगे हम स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के लिए!
बोलेंगे हम दुनिया में शांति के लिए!
बोलेंगे हम बराबरी के अधिकार के लिए!

आजादी का दिन 15 अगस्त मुबारक हो!

जयहिंद!

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