प्रयागराज: सिर मुड़वाने वाले छात्रों की गिरफ्तारी पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका

प्रयागराज/ इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व अधिवक्ता के के राय, अधिवक्तागण रमेश कुमार व प्रबल प्रताप द्वारा संगम क्षेत्र में शांतिपूर्ण ढंग से रोजगार के सवाल पर विरोध स्वरूप प्रतीकात्मक रूप से अपना मुंडन कराने वाले विद्यार्थियों पर लाठी भाँजने और गिरफ्तार कर उन्हें थाने लाने के गैरकानूनी कृत्य के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली के समक्ष एक याचिका की गई है ।

याचिका में कहा गया है कि 20 जनवरी को शांति पूर्ण और अहिंसक ढंग से विरोध कर रहे विद्यार्थियों पर लाठी भाँजने और हिरासत में लिये जाने की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से उनके विरोध करने के मौलिक अधिकार और उनके मानवाधिकार का हनन है। गिरफ्तारी और मारपीट की पुलिसिया कार्यवाही  भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के विपरीत है ।

याचिका में कहा गया है कि छात्र किसी सरकारी काम काज या सार्वजनिक क्रिया कलाप में कोई बाधा भी नही पहुँचा रहे थे।

याचिका कर्ता गण ने आयोग से दोषी पुलिसकर्मियों को दंडित करने और गैर कानूनी हिरासत के लिए विद्यार्थियों को मुआवजा देने की मांग की है।

याचिकाकर्ताओं ने आयोग से कहा है कि अगर इस मामले का संज्ञान नहीं लिया गया और दोषियों को उचित दंड नहीं दिया गया तो देश से न केवल नागरिक अधिकारों के प्रति लोगों का भरोसा खत्म हो जाएगा बल्कि देश के संवैधानिक मौलिक अधिकारों के सामने संकट खड़ा हो जाएगा। 

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