शाहीन बाग में फिर पुलिसिया दखल, हिरासत में लिए गए 7-8 संचालक

नई दिल्ली।दिल्ली पुलिस ने आज एक बार फिर शाहीन बाग के धरने को डिस्टर्ब करने की कोशिश की। उसने न केवल धरनास्थल पर सीधे हस्तक्षेप किया बल्कि उनके सहयोग के लिए लंगर चलाने वालों को हिरासत में लेकर थाने में बंद कर दिया है।बताया जा रहा है कि सबसे पहले शुरुआत इलाके के पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ मोहम्मद खान को हिरासत में लेने से हुई।

दरअसल आसिफ के खिलाफ पहले से ही किसी मामले में शिकायत दर्ज थी उसको लेकर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बाद में जब लोगों ने थाने का घेराव किया और पुलिस से आसिफ को हिरासत में लेने का कारण पूछा तो फिर उन्हें छोड़ दिया गया। उसके बाद पुलिस ने धरना स्थल पर लंगर संचालित करने वाले 7-8 लोगों को हिरासत में ले लिया। उसने इन लोगों से पूछा कि आखिर उनका क्या काम है यहां? बाद में बताया जा रहा है कि पांच सौ से ज्यादा लोगों ने थाना घेर लिया। और अब लोगों के दबाव में पुलिस ने उन्हें भी छोड़ दिया है।

इस बीच धरने को लेकर तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस रात में धरनास्थल की बिजली सप्लाई बंद कर सकती है। इन सब बातों को देखते हुए आयोजकों ने जनरेेटर की व्यवस्था शुरू कर दी है।दरअसल यह सब कुछ गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर हो रहा है। लाख कोशिशों के बावजूद बीजेपी दिल्ली चुनाव को सांप्रदायिक रंग नहीं दे सकी। अब एक बार फिर उसकी यह कोशिश है कि उसे कैसे अपने पक्ष में इस्तेमाल किया जाए। दिल्ली की सभा में उन्होंने जिस तरह से शाहीन बाग के धरने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को घेरेे में लेने की कोशिश की है उससे यह बात बिल्कुल स्पष्ट हो जाती है कि शाह शाहीन बाग को किस नजरिये से देखते हैं।

आज के पुलिस के हस्तक्षेप को भी उसी नजरिये से देखा जाना चाहिए। शाहीन बाग को एक बार फिर मुद्दा बनाकर दिल्ली के चुनाव को सांप्रदायिक दिशा में मोड़ा जा सके। क्योंकि बीजेपी के पास केजरीवाल के कामों का कोई जवाब नहीं है। लिहाजा वह सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के भरोसे है। और वह इस बात को अच्छे तरीके से जानती है कि अगर वह ऐसा कुछ न करा पायी तो उसके लिए दिल्ली की सत्ता की दूर की कौड़ी साबित होगी। 

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