दुआ और पटेल मामला: प्रगतिशील लेखक संघ ने कहा- आजाद आवाजों को दबाने की हरकतों से बाज आए सरकार

पंजाब/ नई दिल्ली। प्रगतिशील लेखक संघ ने दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ और आकार पटेल के खिलाफ केस दर्ज करने की सख्त निंदा की है और फौरन यह मामला रद्द करने की मांग रखी है।                                 

संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि दिल्ली भाजपा के तर्ज़मान नवीन कुमार की शिकायत पर विनोद दुआ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है कि उन्होंने दिल्ली दंगों की बाबत गलत सूचनाएं प्रसारित कीं। उसी दौरान एमनेस्टी इंटरनेशनल के भारतीय चैप्टर के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ भी यह आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया कि उन्होंने भारत के अल्पसंख्यक समुदाय को ‘संघर्ष’ के लिए भड़काया है। 

प्रगतिशील लेखक संघ ने दोनों मामलों को निहायत झूठा बताते हुए उन्हें निरस्त करने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष पुनीलन, कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर अली जावेद, महासचिव डॉ सुखदेव सिंह सिरसा और केंद्रीय सचिव विनीत तिवारी ने कहा कि विनोद दुआ राष्ट्रीय ख्याति वाले प्रतिबद्ध पत्रकार हैं, जो भाजपा सरकार की फासीवादी नीतियों का निर्भीकता से विरोध करते हैं। भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ‘एक राष्ट्र, एक धर्म और एक भाषा’ के  हिंदुत्ववादी एजेंडे पर चलते हुए तमाम मानवाधिकारों, जम्हूरियत और संविधान की धर्मनिरपेक्ष छवि को तबाह कर रही है। 

संगठन ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अभिव्यक्ति की आजादी पर अपरोक्ष प्रतिबंध की कवायद और हमले बंद किए जाएं। राष्ट्रीय महासचिव और प्रख्यात पंजाबी आलोचक डॉ सुखदेव सिंह सिरसा कहते हैं, “यह सरकार हर आजाद कलम पर पाबंदी लगाना चाहती है। प्रगतिशील और जनवादी लेखक, पत्रकार तथा कलाकार एकजुट होकर इसका मुकाबला करेंगे।” 

(पंजाब से वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह की रिपोर्ट।)

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