पीएम के रोजगार मेले में प्रमोशन को भी माना जा रहा है नई नियुक्ति

नई दिल्ली। युवाओं की बेरोजगारी के मसले पर पूरे देश में घिरी मोदी सरकार ने अब प्रोपेगंडा का नया रास्ता तलाश लिया है। उसने देश में जगह-जगह रोजगार मेला लगाना शुरू कर दिया है। अमूमन तो देश में रोजगार मुहैया कराने की एक स्थापित प्रक्रिया है और उसके तहत विभिन्न विभागों मे भर्ती और नियुक्तियों का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन अब जबकि वह पूरा सिलसिला सरकार समर्थित नीतियों की वजह से बाधित हो गया है। तब सरकार को इस तरह के मेलों का आयोजन करना पड़ रहा है लेकिन उसकी भी जो हकीकत सामने आ रही है वह बिल्कुल चौंकाने वाली है।

‘द टेलीग्राफ’ ने उसकी छानबीन की है। उसमें जो मामला सामने आ रहा है उसके मुताबिक इन मेलों में रोजगार की जो सर्टिफिकेट बांटी जा रही हैं वो फ्रेश नहीं हैं। यह सब कुछ इसलिए किया जा रहा है ताकि रोजगार न दे पाने के नरेंद्र मोदी सरकार के दामन पर लगे दाग को धोया जा सके।

आरटीआई एक्ट के तहत ‘द टेलीग्राफ’ को मिली जानकारी के मुताबिक विभागों में जिन लोगों को इस दौरान प्रमोशन मिले हैं उन्हें भी नये रोजगार की श्रेणी में रख दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी विभागों और स्वायत्त निगमों द्वारा आयोजित रोजगार मेलों में प्रधानमंत्री मोदी नियुक्ति पत्र बांटते हैं। अब तक इस तरह के 45 शहरों में आयोजन हो चुके हैं।

लेकिन केंद्र ऐसा माहौल बनाना चाहता है कि इस तरह की सभी नियु्क्तियां बिल्कुल ताजी हैं। 13 अप्रैल, 2023 को पीआईबी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आज राष्ट्रीय रोजगार मेला को संबोधित किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नयी भर्तियों में शामिल तकरीबन 71000 लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे।”
सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में रोजगार मेलों में पत्र हासिल करने वाले सभी लोगों को नव नियुक्त या फिर ताजा-ताजा शामिल की गयी भर्ती के तौर पर पेश किया जाता है।

अखबार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से रोजगार मेले के प्रत्येक चक्र में जो अक्तूबर, 2022 के बाद से अलग-अलग जगहों पर आयोजित हुए हैं, नई नियुक्तियों और प्रमोशन का डाटा मांगा। अखबार के मुताबिक कुछ केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों ने नई नियुक्तियों और प्रोमोशन दोनों का अलग-अलग डाटा मुहैया कराया।

मोहाली स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजूकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) ने इस साल के अप्रैल में 15 नई नियुक्तियां की हैं और 21 लोगों की तरक्की की है। सभी अभ्यर्थियों को रोजगार मेले में पत्र मुहैया कराया गया। अप्रैल महीने में मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय ने अपने जवाब में बताया कि कुल 38 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। जिसमें 18 प्रमोशन वाले अभ्यर्थी हैं।

अखबार का कहना है कि उसने केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव संजय मूर्ति को एक ईमेल भेजकर उनसे पूछा है कि रोजगार के डाटा में प्रमोशन वाले अभ्यर्थियों के शामिल करने के पीछे क्या तर्क है? लेकिन उनका अभी तक उस पर कोई जवाब नहीं आया है। आईआईटी के एक फैकल्टी ने कहा कि नई नियुक्ति का मतलब है आदर्श रूप में रोजगार के पूल में ताजा प्रवेश। उन्होंने कहा कि “जो लोग प्रमोशन पा रहे हैं वो पहले से ही सर्विस में हैं। केवल उनकी पोजीशन बदलती है। उन्हें ताजे रोजगार के तौर पर देखे जाने का कोई औचित्य नहीं है। प्रमोशन डाटा का शामिल होना सरकार के रिकॉर्ड के लिए कुछ मददगार ज़रूर साबित होता है लेकिन यह भ्रम फैलाने वाला है।”
प्रचार अभियान

रोजगार मेले के लिए डीओपीटी (कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय) जो पीएमओ के तहत सीधे आता है और एक राज्य मंत्री के सहयोग से पूरा किए जाने वाले प्रोटोकाल का डिटेल तैयार करता है। 13 अप्रैल को पीएम ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुबह 10.30 बजे रोजगार मेले को संबोधित किया। प्रोटोकाल की एक कॉपी के मुताबिक सभी आमंत्रित जिसमें अभ्यर्थी भी शामिल थे, को निर्धारित समय से 90 मिनट पहले नौ बजे स्थल पर रिपोर्ट करना था।

प्रोटोकाल में लिखा गया है कि स्थानीय दूरदर्शन स्टेशन, आल इंडिया रेडियो और पीआईबी के साथ आयोजन के बाद प्रचार के लिए समन्वय स्थापित करना जरूरी है। पीएम के कार्यक्रम का आयोजन स्थल की क्षमता के हिसाब से बड़ी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए।
आयोजन स्थल पर प्रोग्राम सुबह 9.45 मिनट पर शुरू किया जा सकता है। वीडियो पर जब तक प्रधानमंत्री शामिल न हो जाएं तब तक प्रतिष्ठित हस्तियों का स्वागत किया जाना चाहिए और राष्ट्रीय स्तर के इस प्रमुख कार्यक्रम की झलकियां चलायी जानी चाहिए।

प्रोटोकाल के मुताबिक हस्तियों के साथ फोटो लेने की व्यवस्था की जानी चाहिए और इसके साथ ही नये नियुक्त अभ्यर्थियों की बाइट भी ली जानी चाहिए। यहां तक कि इन अभ्यर्थियों से क्या पूछा जाएगा उसका भी प्रोटोकाल में विवरण है। उसके मुताबिक नये नियुक्त अभ्यर्थियों से अपना नाम और पोस्ट बताने और अपनी संभावित भूमिका के लिए संदेश देने के लिए कहा जाएगा। बाइट भी हाई रिजोल्यूशन में रिकार्ड की जाएगी।

सेल्फी प्वाइंट स्थापित किया जाएगा। और अभ्यर्थियों के नाम और पद के साथ सेल्फी कटआउट को रिकार्ड किया जाना चाहिए। पत्र वितरित होने के बाद अभ्यर्थियों के ग्रुप फोटो लिए जाने चाहिए। प्रोटोकाल के मुताबिक सभी फूटेज/ रिकार्डिंग को आयोजन स्थल के हिसाब से जमा किया जाना चाहिए और फिर उसे डीओपीटी को एक हार्ड ड्राइव या फिर गूगल ड्राइव के जरिये सौंप दिया जाना चाहिए।

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